अगर हीमोग्लोबिन 10 हो तो शरीर पर क्या असर पड़ेगा? एक्‍सपर्ट से जानें

क्या आप जानती हैं कि हीमोग्लोबिन के लेवल का कम होना आपकी सेहत के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है? यह ऑक्सीजन परिवहन का मुख्य आधार है। इस आर्टिकल में एक्‍सपर्ट हीमोग्लोबिन के महत्व, नॉर्मल लेवल और इसकी कमी से होने वाली गंभीर समस्याओं के बारे में विस्तार से बता रही हैं।
what happens if hemoglobin is 10 in female

हमारे ब्‍लड में हीमोग्लोबिन एक बहुत जरूरी गोलाकार प्रोटीन है, जो रेड ब्‍लड सेल्‍स में पाया जाता है। इसका मुख्य काम है फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाना और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाना। हीमोग्लोबिन एक तरह का श्वसन वर्णक (यह ऐसा रंगीन केमिकल है, जो ब्‍लड में श्वसन गैसों जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन में मदद करता है।) है, जिसके कारण ब्‍लड का कलर लाल होता है। यह ऑक्सीजन को ऑक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में और कार्बन डाइऑक्साइड की कुछ मात्रा को कार्बामिनोहीमोग्लोबिन के रूप में ले जाता है।

हीमोग्लोबिन का नॉर्मल लेवल

हीमोग्लोबिन का लेवल ब्‍लड में ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) में मापा जाता है। एक हेल्‍दी व्यक्ति में, इसका लेवल आमतौर पर 12 से 20 g/dL के बीच होता है। पुरुषों में हीमोग्लोबिन का लेवल महिलाओं की तुलना में थोड़ा ज्‍यादा होता है-

पुरुषों में नॉर्मल लेवल : 13.5 से 17.5 g/dL
महिलाओं में नॉर्मल लेवल: 12 से 15.5 g/dL

लेकिन, क्‍या आप जानती हैं कि हीमोग्‍लोबिन का लेवल कम होने से शरीर में कई तरह की परेशानियां दिखाई देने लगती हैं। इनके बारे में हमें विस्‍तार से एलाईव हेल्थ की पोषण विशेषज्ञ और आहार सलाहकार, नौशीन शेख बता रही हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''जब हीमोग्लोबिन का लेवल नॉर्मल से कम हो जाता है, तब इस कंडीशन को आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया कहते हैं। इसका मतलब है कि शरीर में पर्याप्त हेल्‍दी ब्‍लड सेल्‍स नहीं बन पा रहे हैं, जिससे टिश्‍यु और अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।''

हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में क्‍या होता है?

जब हीमोग्लोबिन कम होता है, तब शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं-

low hemoglobin symptoms

  • शरीर में हीमोग्‍लोबिन कम होने के शुरुआती और सबसे आम लक्षण थकान और कमजोरी महसूस होना है, चाहे आपने पर्याप्त आराम किया हो।
  • खाने की इच्छा कम होने लगती है, जो कई बार एनोरेक्सिया का रूप ले लेती है।
  • ऐसी चीजे खाने की इच्छा होना जो भोजन नहीं हैं, जैसे बर्फ, मिट्टी या स्टार्च।
  • बच्चों में मसल्‍स की ग्रोथ ठीक से नहीं हो पाती है।
  • हीमोग्‍लोबिन की कमी से इम्‍यूनिटी कमजोर हो जाती है और आप बार-बार बीमार पड़ने लगती हैं।
  • त्वचा और अंगों में बदलाव दिखने लगता है।
  • जीभ में दर्द या सूजन महसूस होती है।
  • नाखून कमजोर होकर टूटने या चम्मच के आकार के दिखने लगते हैं।
  • मुंह कोनों से फटने लगता है।
  • पेट से जुड़ी समस्याएं।
  • त्वचा का रंग पीला दिखाई देना।
  • निचली पलक के अंदर का हिस्सा लाल की बजाय हल्का गुलाबी या सफेद दिखना।
  • थोड़ी सी भी मेहनत करने पर सांस फूलना।
  • चक्कर आना या सिर घूमना।
  • दिल की धड़कन तेज होना।

आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के मुख्य कारण

हीमोग्लोबिन कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य हैं:

what to do when hemoglobin is low

  • डाइट में पर्याप्त आयरन युक्त भोजन न लेना।
  • आयरन का ठीक से न पचना या सोखना।
  • दस्त, एसिडिटी जैसी पेट की या आंतों की सीलिएक रोग, एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस आदि जैसे कुछ समस्‍याएं होना।
  • पेट के कुछ हिस्से को हटाने से आयरन का अवशोषण कम हो जाना।
  • कुछ दवाएं भी शरीर में आयरन के अवशोषण को रोक सकती हैं।
  • पुरानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी के कारण शरीर आयरन का सही से उपयोग नहीं कर पाता है।
  • प्रेग्‍नेंट और ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को बढ़ती ब्‍लड की मात्रा और शिशु के विकास के लिए आयरन की जरूरत ज्‍यादा होती है, जिसकी पूर्ति अक्सर डाइट से नहीं हो पाती है।
  • पीरियड्स में हैवी ब्‍लीडिंग।
  • चोट लगने या सर्जरी के कारण ब्‍लड का बहना।
  • पेट के अल्सर, खूनी बवासीर, ग्रासनली संबंधी वैरिकोज, परजीवी इंफेक्‍शन या किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसरसे शरीर के अंदर ब्‍लड का धीरे-धीरे रिसना।
  • प्लाज्मा में मौजूद आयरन के भंडार का ज्‍यादा नष्ट होना।
  • पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों के कारण आयरन का सही से उपयोग न हो पाना।

शरीर में हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं?

एनीमिया को दूर करने के लिए डाइट में बदलाव करना बेहद जरूरी है-

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  • अपनी डाइट में आयरन से भरपूर फूड्स को बढ़ाएं। ऐसी चीजें शामिल करें, जिनसे शरीर आसानी से आयरन सोख सके।
  • एनिमल युक्‍त फूड्स जैसे लिवर, किडनी, मीट, फिश, चिकन आदि को डाइट में शामिल करें। इनमें हीम आयरन होता है, जो आसानी से पचता है।
  • ड्राई फूट्स, बीन्स, नट्स, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां और आयरन फोर्टिफाइड साबुत अनाज जैसे प्‍लांट बेस चीजों को डाइट में शामिल करें।
  • नींबू, संतरा, अमरूद, आंवला जैसे फल विटामिन-सी से भरपूर होते हैं। यह विटामिन आयरन को बांधकर एक ऐसा कॉम्प्लेक्स बनाता है, जिसे शरीर बहुत आसानी से सोख पाता है। इसलिए, डाइट में विटामिन-सी को शामिल करें
  • अगर आप खाने के साथ चाय और कॉफी लेती हैं, तो इनमें मौजूद टैनिन आयरन के साथ मिलकर ऐसे यौगिक बना सकते हैं, जिन्हें शरीर सोख नहीं पाता है। इससे आयरन का अवशोषण 50% तक कम हो सकता है। इसलिए, भोजन के तुरंत पहले या बाद में चाय-कॉफी पीने से बचें।

यदि आपको हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। वे आपकी कंडीशन को सही डायग्‍नोज करके टीट्रमेंट और डाइट से जुड़ी सलाह दे पाएंगे।

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock & Freepik

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FAQ

  • हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं?

    ब्‍लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने के लिए आयरन से भरपूर फूड्स जैसे पालक, मीट, गोभी, हरी बीन्स और टोफू शामिल करें।