वजाइना से ब्‍लड आना कब नॉर्मल है और कब खतरे की घंटी? एक्सपर्ट से जानें

क्या आपको पीरियड साइकिल के बीच में वजाइना से ब्लड आता है और आप इसे लेकर परेशान हैं? वजाइना से ब्लड आना कब नॉर्मल है और कब बताता है कि किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत हो चुकी है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं।
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सुनो सहेली..क्या वजाइनल ब्लीडिंग को लेकर तुम परेशान हो...क्या पीरियड्स के अलावा भी कभी-कभी तुम्हें वजाइनल ब्लीडिंग या स्पॉटिंग महसूस होती है और आप जानना चाहती हैं कि यह नॉर्मल है या नहीं, तो आपको इसका जवाब यहां मिल जाएगा।

वजाइना से ब्लीडिंग आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें कुछ गंभीर बीमारी का इशारा हो सकते हैं। ऐसे में इसे नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है। कई बार महिलाएं वजाइनल ब्लीडिंग को देखकर घबरा जाती है, तो कई बार इसे नॉर्मल मान लेती है। लेकिन, असल में आपको कब इसे नॉर्मल समझना है और कब आपको टेंशन लेनी है, यह आपको यहां हम बताने जा रहे हैं।

डियर लेडीज...जिस तरह किसी और बॉडी पार्ट में दर्द, जलन या और कुछ भी होने पर हम तुरंत उस पर ध्यान देते हैं, उसी तरह अगर आपको वजाइना में दर्द, जलन, डिस्चार्ज, इंफेक्शन या अन्य कोई भी लक्षण महसूस हो, तो इसे इग्नोर न करें। लेकिन, अक्सर महिलाएं झिझक और शर्म के कारण प्राइवेट पार्ट से जुड़ी दिक्कतों को नजअंदाज कर देती हैं। कई बार ये दिक्कतें किसी गंभीर बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकती हैं, ऐसे में अगर आप इन पर ध्यान नहीं देती हैं, तो आने वाले समय में बड़ी मु्श्किल खड़ी हो सकती है। वजाइना से होने वाली ब्लीडिंग पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। पीरियड्स के दिनों में वजाइना से ब्लड आता है। लेकिन, इसके अलावा कब वजाइना से खून आना नॉर्मल है और कब खतरे की घंटी, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं। यह जानकारी, डॉक्टर अदिति बेदी दे रही हैं। वह एक कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।

वजाइना से ब्‍लड आना कब नॉर्मल है और कब खतरनाक?

vaginal bleeding normal or not

  • एक्सपर्ट का कहना है कि पीरियड्स के दिनों में वजाइना से खून आना नॉर्मल है। हेल्दी पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच मानी जाती है और यह ब्लीडिंग 3 से 7 दिनों तक रह सकती है। अगर आपको 9-10 दिनों तक पीरियड्स में ब्लीडिंग हो रही है, तो यह नॉर्मल नहीं है।
  • पीरियड्स से पहले या बाद में हल्की स्पॉटिंग नॉर्मल है। कुछ महिलाओं को ओव्यूलेशन के समय हल्का ब्लड आना या स्पॉटिंग हो सकती है। इस नॉर्मल माना जाता है।
  • कई बार बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने या कॉपर टी लगवाने के बाद भी हल्की स्पॉटिंग महसूस होती है। यह भी नॉर्मल मानी जाती है।
  • कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआत में यानी इंप्लाटेशन के वक्त भूरे रंग की स्पॉटिंग हो सकती है। अगर यह 1-2 दिन से ज्यादा हो, तो आपको सोचने की जरूरत है।

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causes of vaginal bleeding

  • अगर आपको पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग हो रही है यानी पीरियड साइकिल के बीच में खून आए, तो यह हार्मोनल इंबैलेंस या यूट्रस की किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
  • पीरियड्स के दिनों में बहुत हैवी ब्लीडिंग होना या अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होना भी सही नहीं है। यह फ्राइब्रॉइड और एंडोमेट्रियोसिस के कारण हो सकता है।
  • मेनोपॉज के कुछ महीनों बाद अगर आपको अचानक से ब्लीडिंग हो रही है तो यह सामान्य नहीं है। यह एंडोमेट्रियल कैंसर का इशारा हो सकता है।
  • अगर आपको प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग हो, तो इसे भी हल्के में न लें। यह मिसेकैरेज या और भी कई हेल्थ कंडीशन का संकेत हो सकता है।
  • अगर आपको हर बार सेक्शुअल रिलेशन के बाद ब्लड आ रहा है, तो इसे भी नजरअंदाज न करें। यह वजाइनल इंफेक्शन, एसटीडी या सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।

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एक्सपर्ट का कहना है कि वजाइनल ब्लीडिंग को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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