जोड़ों में दर्द या सूजन, आंखों का बेवजह लाल होना या सूजन आर्थराइटिस होने के लक्षण हैं जो 20 साल की उम्र से 50 साल के उम्र के लोगों में होता है। जोड़ों में मौजूद उपास्थि यानी कोमल हड्डी (Cartilage) के टूट जाने से यह रोग होता है, जिसमें बेहद दर्द होता है। 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे है और इस विषय पर हमसे ख़ास बातचीत हुई टेलीविज़न एक्ट्रेस स्मृति कालरा की।
स्मृति ने बताया कि उन्हें कुछ महीनों पहले पैरों में रिएक्टिव आर्थराइटिस हुआ था जो कि बेहद दर्दनाक था। लेकिन, इस बीमारी के बारे में उन्हें बहुत देर बाद पता चला। स्मृति ने हमसे अपने इस दर्द के अलावा डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी के बारे में भी बात की। आइये जानते हैं-
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जब सारा दर्द निकल गया तब पता चला कि मुझे आर्थराइटिस है
स्मृति ने बताया कि मेरे पैरों में बहुत दर्द रहता था और मैं इसे लम्बे समय से इग्नोर कर रही थी। दिन रात अपने अपने काम में लगी थी। दर्द होता तो पेन-किलर ले लेती और फिर थोड़ी देर में फिर दर्द शुरू हो जाता। जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ गया तो मैंने डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने बताया कि मुझे आर्थराइटिस है और वो भी लगभग 2 महीनों से। यह सुनकर मैं ज्यादा घबरा गई और मुझे दर्द और ज्यादा महसूस होने लगा।
दर्द को झेलना, माइंड गेम है
स्मृति ने कहा मैं अब तक इस दर्द को चुपचाप झेल रही थी। लेकिन, जब पता चला कि मुझे आर्थराइटिस है तो दर्द और बढ़ गया। मुझे लगता है दर्द को झेलना माइंड गेम है, जब तक पता नहीं था तो लगता था सब ठीक है, थोड़ा सा दर्द है पर जब इसकी असली वजह पता चली तो दिमाग में बैठ गया कि ये बीमारी है। इसलिए अपने दिमाग को कंट्रोल करके रखो और यही सोचो कि कुछ नहीं हुआ है।
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डिप्रेशन से मैं भी गुजरी हूं, मगर इसे इतना बड़ा समझना नहीं चाहिए
स्मृति कहती हैं कि जब मैं डिप्रेशन में थी तो मैंने यही सोचा कि मुझे ये सोचना ही नहीं है कि मुझे डिप्रेशन जैसी कोई बड़ी बीमारी है और यही वजह है कि मैं इससे बहुत जल्दी वापस आ गई। जब तक आपको पता नहीं है, तब तक सब ठीक है और आप सब हैंडल कर लेते हैं। यह एक क्लिनिकल और मेंटल स्टेट है जो इन दिनों काफी कॉमन हो गई है, सभी को लगता है कि मुझे डिप्रेशन है, लेकिन यह एक बड़ी बीमारी है इसके बारे में पता करें और फिर डीसाइड करें कि आपको क्या प्रॉब्लम है। मैंने अकेलेपन को महसूस किया है, लगता था कि कोई मिल जाए और मैं खुलकर इस बारे में बात करूं।
डिप्रेशन से मैं भी गुजरी हूं, मगर इसे इतना बड़ा समझना नहीं चाहिए
स्मृति कहती हैं कि जब मैं डिप्रेशन में थी तो मैंने यही सोचा कि मुझे ये सोचना ही नहीं है कि मुझे डिप्रेशन जैसी कोई बड़ी बीमारी है और यही वजह है कि मैं इससे बहुत जल्दी वापस आ गई। जब तक आपको पता नहीं है, तब तक सब ठीक है और आप सब हैंडल कर लेते हैं। यह एक क्लिनिकल और मेंटल स्टेट है जो इन दिनों काफी कॉमन हो गई है, सभी को लगता है कि मुझे डिप्रेशन है, लेकिन यह एक बड़ी बीमारी है इसके बारे में पता करें और फिर डीसाइड करें कि आपको क्या प्रॉब्लम है। मैंने अकेलेपन को महसूस किया है, लगता था कि कोई मिल जाए और मैं खुलकर इस बारे में बात करूं।
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