maa kushmanda puja vidhi

4th Day of Navratri Puja Vidhi 2025: इस विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा, बरसेगी असीम कृपा; जानें सामग्री और मंत्र

Navratri Puja Vidhi 2025: यह माना जाता है कि जब ब्रह्मांड अंधकार में डूबा हुआ था, तब मां कुष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से उसे बनाया था इसीलिए उन्हें 'कुष्मांडा' कहा जाता है जिसका अर्थ है 'छोटी मुस्कान से भी बड़ा ब्रह्मांड बनाने वाली'। 
Editorial
Updated:- 2025-09-25, 12:35 IST

मां कुष्मांडा, नवरात्रि के चौथे दिन पूजी जाने वाली देवी हैं, जिनका स्वरूप बेहद दिव्य और अद्भुत है। उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है, यानी उनकी आठ भुजाएं हैं। उनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत से भरा कलश, चक्र, गदा और जप माला रहती है। वे एक सिंह पर सवार हैं और उनकी मंद मुस्कान पूरे ब्रह्मांड में प्रकाश फैलाती है। यह माना जाता है कि जब ब्रह्मांड अंधकार में डूबा हुआ था, तब मां कुष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से उसे बनाया था इसीलिए उन्हें 'कुष्मांडा' कहा जाता है जिसका अर्थ है 'छोटी मुस्कान से भी बड़ा ब्रह्मांड बनाने वाली'।

मां कुष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि वे आरोग्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। जो भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करते हैं उनके सभी रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और वह हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होता है। मां कुष्मांडा की कृपा से भक्तों में साहस, बल और आत्म-विश्वास बढ़ता है। इसलिए, नवरात्रि के चौथे दिन उनकी पूजा करके भक्त उनसे स्वास्थ्य और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं।

ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि मां कुष्मांडा की पूजा कैसे करें, क्या है पूजन सामग्री और कौन से मंत्रों का करना चाहिए जाप।

मां कुष्मांडा की पूजा सामग्री

मां कुष्मांडा की पूजा सामग्री का हर एक हिस्सा अपनी एक ख़ास अहमियत रखता है। लाल फूल और चुनरी प्रेम और सम्मान को दर्शाते हैं, जबकि फल और प्रसाद देवी को भोग लगाकर उनका आशीर्वाद पाने के लिए चढ़ाए जाते हैं। घी का दीपक और अगरबत्ती पूजा के माहौल को शुद्ध और सकारात्मक बनाते हैं और ये सब मिलकर एक सच्ची और पवित्र पूजा का अनुभव देते हैं।

maa kushmanda ki puja samagri

  • फूल: लाल रंग के फूल, खासकर गुड़हल या लाल गुलाब।
  • फल: लाल या पीले फल, जैसे अनार, सेब, या केला।
  • प्रसाद: मालपुआ, खीर, या हलवा।
  • धूप और दीपक: घी का दीपक और अच्छी खुशबू वाली अगरबत्ती।
  • जल: एक कलश में शुद्ध जल।
  • कुमकुम और रोली: मां को तिलक लगाने के लिए।
  • अक्षत: साबुत चावल।
  • नारियल: एक साबुत नारियल, जिस पर लाल चुनरी बंधी हो।
  • चुनरी: मां को पहनाने के लिए लाल रंग की नई चुनरी।
  • मौली: कलावा, जिसे आप प्रसाद या कलश पर बांध सकते हैं।
  • पान का पत्ता: पूजा में इस्तेमाल करने के लिए।
  • लौंग और इलायची: पान के साथ रखने के लिए।
  • सिक्के: पूजा के बाद दान करने के लिए कुछ सिक्के।
  • घंटी: आरती के समय बजाने के लिए।

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मां कुष्मांडा की पूजा विधि

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने के लिए, सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा के लिए एक साफ जगह चुनें और वहां एक चौकी या पटरा रखें। उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ में, कलश भी रखें, अगर आपने नवरात्रि के पहले दिन स्थापित किया हो तो।

इसके बाद, मां को प्रणाम करके पूजा शुरू करें। सबसे पहले मां को जल अर्पित करें और फिर उन्हें लाल रंग के फूल, जैसे गुड़हल या गुलाब, और माला चढ़ाएं। इसके बाद, उन्हें कुमकुम और रोली से तिलक लगाएं। फिर, धूप और दीपक जलाकर आरती की तैयारी करें। मां को प्रसाद में मालपुआ, खीर, या हलवा चढ़ाएं।

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पूजा के दौरान, मां कुष्मांडा के मंत्रों का जाप करें। यह जाप मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंत्र जाप के बाद, मां की आरती करें और उनसे अपनी इच्छाएं और समस्याएं बताएं। पूजा पूरी होने के बाद, प्रसाद को परिवार के सदस्यों और दोस्तों में बांटें। यह माना जाता है कि ऐसा करने से मां का आशीर्वाद सभी पर बना रहता है। इस तरह, आप पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मां कुष्मांडा की पूजा कर सकते हैं।

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मां कुष्मांडा के मंत्र

मां कुष्मांडा की पूजा में मंत्रों का जाप करना बहुत ही फलदायी माना जाता है। ये मंत्र मां की कृपा पाने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करते हैं। मां कुष्मांडा का सबसे शक्तिशाली मंत्र है 'ॐ देवी कुष्मांडा नमः' और इस मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती हैं। मां कुष्मांडा आरोग्य प्रदान करती हैं। मन में शांति आती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

यह आपके आस-पास एक सकारात्मक माहौल बनाता है। जो लोग मां कुष्मांडा के इस मंत्र का जाप करते हैं उनमें साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। वे जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं। मां कुष्मांडा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य आता है। उनकी पूजा से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। यह मंत्र शरीर को मजबूत और मन को शांत बनाता है, जिससे आप जीवन में आने वाली हर बाधा को पार कर सकते हैं।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
मां कुष्मांडा को कौन से फूल अर्पित करें?
मां कुष्मांडा को बेला का फूल बहुत प्रिय है इसलिए उन्हें ये फूल अर्पित करना चाहिए।
माता कुष्मांडा को कौन सा रंग प्रिय है?
मां कुष्मांडा को गहरा नीला रंग प्रिय है। 
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