क्या आपको लगता है कि डायबिटीज सिर्फ ज्यादा मीठा खाने से होती है? अक्सर हम ऐसा ही सोचते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। डायबिटीज की शुरुआत उन छोटे-छोटे संकेतों से होती है, जिन्हें हमें अक्सर या तो समझ नहीं पाते या जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
हम सभी जानते हैं कि अपनी सेहत से जुड़ी कुछ बातों को टालना कितना आसान होता है। जैसे, अचानक शरीर पर त्वचा के कुछ हिस्सों का डार्क होना (खासकर गर्दन या बगल) या चेहरे-पैरों पर थोड़ी-सी सूजन दिखना या फिर ऐसा जिद्दी वजन, जो लाख कोशिशों के बाद भी टस से मस नहीं होता। हमें लगता है कि ये छोटी-मोटी चीजें हैं, जो अपने आप ठीक हो जाएंगी। लेकिन, सच्चाई ये है कि आपका शरीर हमेशा आपसे बात करता है।
ये छोटे-छोटे बदलाव असल में आपके शरीर के संकेत होते हैं, जो ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा। अगर हम इन संकेतों को पहचानना सीख जाएंगे और उन पर ध्यान देना शुरू कर देंगे, तो हम समय रहते सब कुछ बदल सकते हैं। इन शुरुआती वार्निंग साइंस को पहचानकर हम न सिर्फ डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं, बल्कि हेल्दी जीवनशैली को अपनाकर अपने शरीर को फिर से बैलेंस में ला सकते हैं। ये सिर्फ शारीरिक लक्षण नहीं हैं, बल्कि ये आपके शरीर की एक खास अपील है, जो बता रही है कि उसे आपकी मदद की जरूरत है। आइए कुछ ऐसे संकेतों के बारे में जानें कि शरीर चुपके से डायबिटीज का शिकार हो रहा है। इनके बारे में हमें Poshan Pushpa की डॉक्टर रचना पराशर बता रही हैं।
ये हैं डायबिटीज के असली शुरुआती संकेत
यहां कुछ ऐसे असली संकेत दिए गए हैं, जो बताते हैं कि आपका शरीर टाइप-2 डायबिटीज की ओर बढ़ रहा है-
स्किन टैग्स का निकलना
शरीर पर छोटे-छोटे, लटकते हुए मांसल दाने या 'स्किन टैग्स' का अचानक से ज्यादा संख्या में निकलना भी इंसुलिन रेसिस्टेंस से जुड़ा हो सकता है। ये अक्सर गर्दन, बगल या पलकों के आस-पास दिखाई देते हैं।
गर्दन या बगल में काले धब्बे
अगर आपकी गर्दन के पिछले हिस्से, बगल या ग्रोइन एरिया में त्वचा का रंग अचानक से डार्क लगने लगे, तो यह एक बहुत ही आम और जरूरी संकेत है। यह बताता है कि शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ रहा है, जहां सेल्स इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दे पा रही हैं।
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कमर के साइज का बढ़ना
अगर आपकी कमर का नाप आपकी कुल हाइट के आधे से ज्यादा है, तो यह दर्शाता है कि पेट के अंदरूनी हिस्सों में ज्यादा चर्बी है। इस तरह की चर्बी को विसरल फैट भी कहते हैं। यह इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज़ के खतरे को सीधे तौर पर बढ़ाती है।
लिक्विड रुकने से पैरों में सूजन
अगर बिना किसी चोट के पैरों या टखनों में सूजन आने लगे, खासकर दिन के अंत में, तो यह शरीर में लिक्विड रुकने के कारण हो सकती है।
यह भी डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं का एक शुरुआती संकेत हो सकता है, क्योंकि हाई ब्लड शुगर ब्लड वेसल्स को प्रभावित कर सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर जो कंट्रोल न हो
अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है और इसे दवाओं या जीवनशैली में बदलाव के बावजूद कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है, तो यह भी इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज़ के बढ़ते खतरे का संकेत हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ अक्सर साथ-साथ चलते हैं।
गर्दन का मोटा होना
गर्दन के आस-पास चर्बी जमा होने से गर्दन मोटी हो जाती है, जिससे रात को सोते समय सांस लेने में परेशानी हो सकती है, जिसे स्लीप एप्निया कहते हैं।
स्लीप एप्निया और इंसुलिन रेसिस्टेंस के बीच भी लिंक होता है और यह डायबिटीज ग्रोथ को रोक नहीं होता है।
ढीली बाजुएं या गर्दन के पिछले हिस्से पर चर्बी का उभार
बाजुओं के निचले हिस्से का ढीला होना या गर्दन के ठीक पीछे, कंधों के बीच में चर्बी का जिद्दी (हम्प) उभार बनना। ये भी शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस और हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकते हैं। यह फैट का जमाव शरीर की शुगर मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी का संकेत देता है।
पेट जो छूने पर टाइट लगे
अगर आपका पेट का हिस्सा छूने पर नरम के बजाय टाइट या फुला हुआ महसूस हो, तो यह पेट के अंदरूनी अंगों के चारों ओर ज्यादा फैट जमा होने का संकेत हो सकता है। यह फैट इंसुलिन रेसिस्टेंस से जुड़ा है और टाइप 2 डायबिटीज की ग्रोथ में जरूरी भूमिका निभाती है।
एक्सपर्ट का कहना है, ''ये संकेत महज इत्तेफाक नहीं हैं। ये आपके शरीर की अंदरूनी फुसफुसाहटें हैं, जो आपसे सीधे कह रही हैं कि मेरे ब्लड में शुगर का लेवल बहुत ज्यादा है। मुझे मदद और ध्यान चाहिए। इन संकेतों को अनदेखा करना भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता देना हो सकता है। अगर आप इनमें से कोई भी संकेत महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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शरीर को बैलेंस करने के लिए क्या करें?
- ब्लड में शुगर को स्थिर रखने के लिए अपनी डाइट में फाइबर युक्त फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और फलियों को शामिल करें।
- इंसुलिन लेवल को कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग आजमाएं।
- रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से लीन मसल मास बढ़ाएं, क्योंकि मसल्स शुगर को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती हैं।
- पर्याप्त पानी पीना शरीर के हर काम के लिए जरूरी है, जिसमें ब्लड शुगर का बैलेंस भी शामिल है।
- तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। मेडिटेशन, योगासन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से तनाव कम करने की कोशिश करें।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock & Freepik
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