8 से 10 की उम्र में Periods शुरू होने के हैं कई नुकसान, बच्चियों में बढ़ता है इन रोगों का खतरा

आजकल 8-10 साल की बच्चियों में पीरियड्स का शुरू होना चिंताजनक हो सकता है। डॉक्‍टर चंचल शर्मा के अनुसार, यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे भविष्य में हेल्‍थ से जुड़ी कई समस्‍याओं का खतरा बढ़ जाता है। आइए इनके बारे में विस्‍तार से जानें।
Is 10 years old too early for a period

आमतौर पर लड़कियों में पीरियड्स 12 से 14 वर्ष की उम्र में शुरू होने चाहिए, लेकिन आजकल यह देखा जा रहा है कि 8 से 10 वर्ष की बच्चियों को भी पीरियड्स आने लगे हैं। यह एक चिंताजनक हो सकता है, क्योंकि कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने से उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। ऐसी बच्चियों को भविष्य में कई अन्‍य रोगों का खतरा भी बना रहता है, जिनमें मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, दिल के रोग, और कम उम्र में पीरियड्स का बंद हो जाना शामिल हैं।

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर चंचल शर्मा ने बताया है कि "कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के मामले आजकल बहुत तेजी से बढ़ गए हैं। कम उम्र में पीरियड्स आने से न सिर्फ बच्चियों की शारीरिक ग्रोथ रूक जाती है, बल्कि अन्‍य कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।" आइए, विस्तार से जानते हैं कि कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने से लड़कियों को किन-किन समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।

मोटापा और डायबिटीज

शोध बताते हैं कि जिन बच्चियों या लड़कियों के पीरियड्स कम उम्र में शुरू हो जाते हैं, उनमें भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे जैसी लाइफस्‍टाइल से जुड़ी गंभीर हेल्‍थ समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव और इंसुलिन सेंसिटिविटी का कम होना इसका प्रमुख कारण हो सकता है।

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हड्डियों की सही ग्रोथ न होना

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''जिन बच्चियों के पीरियड्स जल्दी शुरू हो जाते हैं, उनकी हड्डियों की ग्रोथ अच्छे से नहीं हो पाती है। इसका असर यह होता है कि इन बच्चियों का हाइट ज्यादा बढ़ नहीं पाती है और वे अपनी आनुवंशिक क्षमता से कम लंबी रह जाती हैं।

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दिल के रोग

जिन लड़कियों के पीरियड्स कम उम्र में शुरू हो जाते हैं, उन्हें भविष्य में कार्डियोवैस्कुलर रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रारंभिक पीरियड्स हार्मोनल और मेटाबॉलिक बदलाव से जुड़ा हो सकता है, जो हार्ट हेल्‍थ को प्रभावित करते हैं।

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समय से पहले मेनोपॉज

अगर किसी के पीरियड्स बहुत कम उम्र में शुरू हो जाते हैं, तो धीरे-धीरे उसका ओवरियन रिजर्व यानी ओवरीज में एग्‍स की संख्या तेजी से खत्‍म होने लगती है। इससे नॉर्मल उम्र से काफी पहले ही प्रीमैच्योर मेनोपॉज हो जाता है। इस वजह से ऐसी महिलाओं को भविष्य में कंसीव करने में भी काफी दिक्कतें आ सकती हैं।

तनाव या आत्मसम्मान में कमी

कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के कारण बच्चियां अक्सर ज्‍यादा तनाव लेने लगती हैं। उनके मन में शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर भ्रम और चिंता पैदा होती है। स्कूल में या अन्य बच्चों के सामने खुलकर बात नहीं कर पाती हैं और न ही सबके साथ कंफर्टेबल महसूस करती हैं, जिससे उनके आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचती है और वे अकेलापन महसूस कर सकती हैं।

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जानकारी की कमी

कम उम्र की लड़कियों को पीरियड्स के बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं होती है। ऐसे में, उन्हें यह भी पता नहीं चल पाता है कि इस कंडीशन में कैसी प्रतिक्रिया देनी है, किसके साथ कैसे बर्ताव करना है और शारीरिक बदलावों को स्वीकार करने में भी ऐसी लड़कियां असमर्थ होती हैं।

पीरियड्स आने के लिए 8 से 16 वर्ष की उम्र को नॉर्मल माना जाता है, इसलिए इस बीच में कभी भी पीरियड्स शुरू हो जाए, तो घबराना नहीं चाहिए बल्कि स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।

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FAQ

  • कम उम्र में पीरियड आने के क्या कारण हैं?

    कम उम्र में पीरियड्स आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बदलती लाइफस्‍टाइल, गलत खानपान, मोटापा, तनाव और आनुवंशिकता शामिल हैं।