प्रेग्नेंसी की चाहत रखने वाली महिलाओं के लिए पीरियड्स उनके शरीर की सेहत का अहम संकेत होता है। यह हर महीने तकलीफ देने के साथ रिप्रोडक्टिव सिस्टम का जरूरी रिपोर्ट कार्ड भी है। अगर आप जल्द से जल्द प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो पीरियड्स में होने वाले कुछ बदलावों को कभी भी नजरअंदाज न करें। इन संकेतों को समझना और उन पर ध्यान देना, आपको अपने शरीर को बेहतर ढंग से जानने और कंसीव करने की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
पीरियड्स में होने वाले 5 बदलाव, जिन्हें कभी न करें नजरअंदाज
यहां पांच ऐसे बदलाव दिए गए हैं, जो आपके पीरियड्स के दौरान दिखाई दे सकते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं, तो आपको बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। इनके बारे में हमें माइंड बॉडी सोल कोच और कॉर्पोरेट लीडर पूर्णिमा पेरी बता रही हैं। यह जानकारी उन्होंने इंस्टाग्राम से शेयर की है।
1. अनियमित पीरियड्स
हेल्दी पीरियड्स आमतौर पर 21 से 35 दिनों तक होते हैं। अगर आपके पीरियड्स इससे बहुत छोटे या लंबे समय तक होते हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका ओव्यूलेशन रेगुलर नहीं हो रहा है। ओव्यूलेशन के बिना कंसीव करन संभव नहीं है। अनियमित पीरियड्स अक्सर हार्मोनल असंतुलन और शरीर में मौजूद हेल्थ प्रॉब्लम्स का संकेत हो सकते हैं।
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2. बहुत ज्यादा ब्लीडिंग
पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग को मेनोरेजिया भी कहते हैं। यह नॉर्मल नहीं है। यह थायराइड असंतुलन, यूटेरिन फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। ये सभी कंसीव करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपको हर पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, जिसके कारण आपको बार-बार पैड या टैम्पोन बदलने पड़ते हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
3. तेज ऐंठन
पीरियड्स के दौरान हल्की ऐंठन नॉर्मल है, लेकिन अगर ऐंठन इतनी तेज है कि आपको रोजमर्रा के कामों को करने में परेशानी हो रही है, तो यह नॉर्मल दर्द नहीं है। यह सूजन या रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं के लिए खतरा है। एंडोमेट्रियोसिस, यूटेरिन फाइब्रॉएड या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स में अक्सर बहुत तेज दर्द होता है।
4. पीरियड्स से पहले या बाद में ब्राउन कलर की स्पॉटिंग
पीरियडस शुरू होने से पहले या खत्म होने के बाद कुछ दिनों तक ब्राउन कलर की स्पॉटिंग होना नॉर्मल नहीं है। यह अक्सर प्रोजेस्टेरोन के लो होने का संकेत होता है। प्रोजेस्टेरोन एक ऐसा हार्मोन है, जो गर्भधारण के लिए और प्रेग्नेंसी को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। यदि प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम है, तो कंसीव करना मुश्किल हो सकता है या शुरुआती स्टेज में मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है।
5. पीरियड्स का न आना
प्रेग्नेंसी के अलावा, अगर आपके पीरियड्स रुक जाते हैं या मिस हो जाते हैं, तो इसे अक्सर तनाव के कारण मानकर महिलाएं अनदेखा कर देती हैं। हम आपको बता दें कि यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या थायराइड असंतुलन जैसी गंभीर समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। दोनों ही कंडीशन का असर ओव्यूलेशन पर होता है और यह प्रेग्नेंसी की राह में बड़ी बाधा बन सकती हैं।
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पीरियड्स के ये संकेत आपके शरीर की अंदरूनी कंडीशन को दर्शाते हैं। अगर आप इन संकेतों को पहचानती हैं, तो आप जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह करें। इससे आप अपनी समस्या का सही कारण जानकर इलाज करवा सकती हैं। सही समय पर ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप अपनी रिप्रोडकिटव हेल्थ को बेहतर बना सकती हैं। अपने शरीर के संकेतों को समझना और फोकस करके आप हेल्दी प्रेग्नेंसी को बढ़ावा दे सकती हैं।
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Image Credit: Freepik & Shutterstock
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