ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ना सेहत के लिए क्यों नहीं माना जाता अच्छा, एक्सपर्ट से जानिए

ट्राइग्लिसराइड्स हमारे ब्लड में मौजूद एक तरह का वसा होता है। जब इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाती है तो इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। 

risk of high triglycerides in hindi

आपको यह पता ही हेागा कि हमारी बॉडी फैट का यूज करके ही एनर्जी में बदलती है, ताकि हम एक्टिव रह सकें। हमारा शरीर जिस वसा का इस्तेमाल करता है, उसे ट्राइग्लिसराइड्स कहा जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी सामान्य बना रहे।

जिन लोगों में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है, उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। असल में ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने की वजह से धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिस वजह से हार्ट प्रॉब्लम, हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर जैसी घातक समस्याएं हो सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ना सेहत के लिए अच्छा क्यों नहीं माना जाता है-

क्या होते हैं ट्राइग्लिसराइड्स

triglycerides

  • ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार की वसा होती है, जो कि हमारे शरीर में मौजूद रक्त में पाई जाती है। जब शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है, तो बॉडी ट्राइग्लिसराइड्स से ही ऊर्जा का निर्माण करती है, जिससे हमारा बॉडी एक्टिव मोड में रह पता है। (फायदेमंद होते हैं कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड्स)
  • अगर आप कार्बोहाइड्रेट का इन टेक बहुत ज्यादा करते हैं यानी आपकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, तो इससे आपके खून में ट्राइग्लिसराइड्स भी बढ़ सकता है। आमतौर पर ट्राइग्लिसराइड्स बटर, ऑयल जैसे खाद्य पदार्थों से पाया जाता है।

क्यों बढ़ते है ट्राइग्लिसराइड्स

what is triglycrides

जब आप कार्बोहाइड्रेट रिच फूड बहुत ज्यादा मात्रा में लेते हैं, तो इस वजह से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है। तो इस बात समझिए कि अक्सर लोगों को यह लगता है कि फैट कम खाने से ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा कों नियंत्रित किया जा सकता है, तो यह गलत अवधारणा है। आप फैट के साथ-साथ कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं, यह बात भी बहुत मायने रखती है।

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से होने वाले नुकसान

Risk of high triglycerides ()

अगर शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है तो इससे शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं-

  • ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ने पर हार्ट की आर्टरीज थिक होने लग जाती है, जिसके कारण स्ट्रोक, हार्ट अटैक व अन्य हार्ट डिजीज होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • इसके अलावा, अगर ट्राइग्लिसराइड्स बहुत ज्यादा है तो इससे पेनक्रियाज में जलन पैदा हो सकती है। साथ ही, इससे सूजन हो सकती है, जो शुगर मैनेजमेंट को प्रभावित कर सकती हैं।
  • वहीं, जिन लोगों के ट्राइग्लिसराइड्स कंट्रोल में नहीं रहते हैं, उन लोगों का शुगर अक्सर हाई होता है। वहीं, शुगर लेवल हाई होने पर हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिमभी बढ़ जाता है।

कैसे करें मैनेज ट्राइग्लिसराइड्स लेवल

Health benefits of triglycrides

ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रण मे रखने के लिए आप कुछ उपाय आजमा सकते हैं-

  • अपने वजन को हमेशा नियंत्रण में रखें। विभिन्न शोधों से इस बात का पता चला है कि ओवर वेट लोग अगर अपना 5 से 10 प्रतिशत वजन कम कर लें, तो इससे उनके शरीर में तकरीबन 20 प्रतिशत तक ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम हो जाता है।
  • ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल में रखने के लिए जरूरी है कि आप एक्सरसाइज को अपनी डेली लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। फिजिकल एक्टिविटी भी कर सकते हैं। अगर आप स्पोर्टस के शौकीन हैं, तो यह भी ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल में रखने में इंपॉर्टेंट भूमिका निभाता है।
  • शराब या अन्य नशीली चीजों से दूर रहें। खानपान पर तो विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। मीठा कम खाएं, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें। इनके बजाय अपनी डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड, बींस, मटर, सोया जैसी चीजें शामिल करें।

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP