आयुर्वेद में प्रकृति से मिलने वाली जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके उपचार किया जाता है। कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी होती हैं, जिनके बारे में लोगों को पता होता है, जैसे अश्वगंधा और गिलोय आदि का इस्तेमाल लोग लम्बे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसके बारे में बेहद कम लोगों को पता होता है। आपको भले ही इसका ज्ञान ना हो, लेकिन यह सबसे पुरानी जड़ी-बूटी में से एक है।
यहां तक प्राचीन भारतीय औषधि ग्रंथों में भी इसके बारे में बताया गया है। वैसे तो यह हर व्यक्ति के लिए लाभकारी हैं, लेकिन महिलाओं को इससे विशेष लाभ होता है। इसकी विशेषता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आयुर्वेद में इसे जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है।
तो चलिए आज इस लेख में वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की फाउंडर व प्रेसिडेंट और योगा गुरू नेहा वशिष्ट कार्की शतावरी से महिलाओं को होने वाले लाभों व इसे इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में बता रही हैं-
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मासिक धर्म से संबंधित बीमारियों को करे दूर
शतावरी के सेवन का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं जैसे ज्यादा ब्लीडिंग होना, बार-बार ब्लीडिंग होना, काफी दर्द होना, पीसीओडी व पीसीओएस आदि समस्याओं को दूर करने में सहायक है। अगर आप नियमित रूप से इसका सेवन करती हैं तो इससे आपको पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
गर्भधारण में है सहायक
ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं, जो चाहकर भी गर्भधारण नहीं कर पातीं। उन महिलाओं को भी शतावरी के सेवन की सलाह दी जाती है। हर महिला के मेंस्ट्रुएशन साइकल के बीच में एक ऑव्यूलेशन फेज़ होता है और अगर महिला उस समय कंसीव करने की कोशिश करती है तो उसके गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें दो पीरियड्स के बीच यह ऑव्यूलेशन फेज़ आता ही नहीं है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से शतावरी का सेवन करती हैं तो इससे उनका यह ऑव्यूलेशन फेज़ आने लगता है और सही समय पर आता है। जिससे महिला को कंसीव करने में आसानी होती है।
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गर्भावस्था और प्रसव के बाद है लाभदायक
महिलाओं को कंसीव करने में मदद करने के अलावा यह गर्भावस्था में भी महिलाओं के लिए लाभकारी माना गया है। दरअसल, इसमें अधिक मात्रा में फोलेट होता है और गर्भावस्था में महिला की फोलेट संबंधी जरूरतें बढ़ जाती हैं। यह गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क से लेकर उसके अंगों के विकास में मददगार है। वहीं प्रसव के बाद भी महिलाओं को शतावरी का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह मां के दूध को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अगर कोई महिला प्रसव के बाद शतावरी का सेवन करती है तो इससे उसके बच्चे को कभी भी मां के दूध की कोई कमी नहीं होती।
शरीर में स्ट्रेस को करें कम
अगर आपको अक्सर स्ट्रेस, एंग्जाइटी या डिप्रेशन की शिकायत रहती हैं तो ऐसे में भी शतावरी का सेवन आपके लिए लाभदायक रहेगा। दरअसल, जब शरीर में तनाव का स्तर बढ़ता है तो इससे हार्मोन भी गड़बड़ा जाते हैं, लेकिन अगर आप शतावरी का सेवन करेंगी तो इससे आपको उन हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिलेगी, जिससे शरीर में तनाव भी कम होगा।
बढ़ाए शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता
शतावरी एक बेहद एंटी-ऑक्सीडेंट है। इसका अर्थ यह है कि अगर महिलाएं इसका सेवन करती हैं तो इससे उनके शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत होता है और उन्हें जल्दी कोई बीमारी पकड़ नहीं पाती। इस लिहाज से शतावरी शरीर के लिए एक प्रोटेक्शन शील्ड की तरह काम करती है।
ऐसे करें सेवन
इसे रात को सोने से डेढ़ घंटा पहले लेना सर्वाधिक उचित माना जाता है। आप शतावरी के चूर्ण को गर्म दूध में हल्दी मिलाकर ले सकती हैं। इसके अलावा आप दूध में पके घी को मिलाकर भी शतावरी का सेवन कर सकती हैं।
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