क्या आप भी मां बनने की कोशिश कर रही हैं। वर्कआउट करती हैं, अच्छा खाती हैं, सब कुछ ठीक है फिर भी कंसीवन करने में दिक्कत आ रही हैं, तो आप इस जर्नी में अकेली नहीं हैं। दरअसल यह थायराइड इंबैलेंस की तरफ इशारा करता है। भले ही इसके लक्षण साफ न दिखाई दे, लेकिन एक्सपर्ट इसके पीछे की वजह थायराइड बताती हैं। आइए जानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा जी से कि आखिर थायराइड और प्रजनन क्षमता के बीच क्या संबंध है?
थायराइड और प्रजनन क्षमता के बीच संबंध
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एक्सपर्ट बताती हैं कि बहुत सारी महिलाओं यह जानती ही नहीं है कि थायराइड की हल्की सी भी गड़बड़ी, खासकर सबक्लिनिकल हाइपोथायरायडिज्म नाम की स्थिति, ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकती है।एक्सपर्ट बताती हैं आपके पीरियड्स भले ही नियमित हों, लेकिन आपके प्रजनन हार्मोन उस तरह से तालमेल नहीं बिठा पा रहे हों जैसे उन्हें बिठाना चाहिए। यह ऐसा है जैसे आपका शरीर तैया है, लेकिन अंडे को रिलीज करने का संकेत ठीक से नहीं मिल पा रहा है। और सबसे मुश्किल बात यह होती है कि ऐसा बिना थकान, वजन बढ़ने या हेयर फॉल जैसे लक्षणों के बिना भी हो सकता है। अक्सर इस वजह से महिलाओं को इसके बारे में पता ही नहीं चलता है।
अगर आप कुछ समय से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से थायराइड की डीप जांच करने के लिए कहां, सिर्फ टीएसएच की जांच से काम नहीम चलेगा।
जिन टेस्ट पर विचार करना चाहिए वो हैं।
- फ्री टी3 और फ्री 4- ये एक्टिव हार्मोन हैं,जो शरीर में वास्तव में काम करते हैं।
- टीपीओ एंटीबॉडीज ऑटोइम्यून थायराइड विकारों की जांच के लिए।
- विटामिन डी हार्मोन संतुलन के लिए बेहद जरूरी है।
- प्रोलैक्टिव का उच्च स्तर ओव्यूलेशन को दबा सकता है।
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Image Credit:Freepik
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