जानिए टेक्नो मल्टीटास्किंग किस तरह दिमाग पर करती है बुरा असर

अगर आप भी टेक्नो मल्टीटास्किंग करती हैं तो इससे आपके दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। 

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टेक्नोलॉजी ने यकीनन मनुष्य की जिन्दगी को काफी आसान बनाया है। आज के समय में आप अपना लगभग हर काम सिर्फ कुछ उंगलियों की मदद से कर सकती हैं। लेकिन एक ओर जहां टेक्नोलॉजी के कई लाभ हैं, वहीं इसके चलते आप कुछ नुकसानों का भी सामना करना पड़ता है। टेक्नोलॉजी का एक बुरा प्रभाव मनुष्य के मस्तिष्क पर भी पड़ता है। जरा सोचिए, जब मोबाइल नहीं होते थे, तब आपको सभी नंबर याद रहते थे, मैथ्स के बड़े-बड़े कैलकुलेशन आप यूं ही कर लेती थीं, लेकिन आज छोटे से कैलकुलेशन के लिए भी मोबाइल में कैलकुलेटर की जरूरत पड़ती है या फिर आपको शायद ही किसी अपने का नंबर याद हो।

वैसे टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने एक समस्या और पैदा की है, और वह है मल्टीटास्किंग। जब से स्मार्ट फोन का चलन बढ़ा है, लोग मल्टीटास्किंग करते हैं। एक ही समय में दूसरों को मैसेज करने से लेकर गेम खेलना या फिर सोशल मीडिया पर समय बिताना आम है। आपको भी ऐसा करने में कोई बुराई नजर नहीं आती होगी। लेकिन क्या आप जानती हैं कि टेक्नो मल्टीटास्किंग आपके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। तो चलिए जानते हैं टेक्नो मल्टीटास्किंग करने से आपके मस्तिष्क पर किस तरह पड़ता है असर-

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कमजोर मेमोरी

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टेक्नो मल्टीटास्किंग का एक सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इससे आपकी मेमोरी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन में हुए शोध में भी यह बात सामने आई है। इस शोध के मुताबिक, जब आप एक समय में एक कार्य पर ध्यान केंद्रित करती हैं, तो आपका मस्तिष्क उस जानकारी को हिप्पोकैम्पस में संग्रहीत करता है, जहां इसे भविष्य में याद रखने के लिए recall किया जाता है। लेकिन जब आप एक समय में कई गैजेट्स पर काम करती हैं तो इससे जानकारी को सही तरह से प्रोसेस नहीं किया जाता। जिसके कारण आपको बाद में उस चीज को याद रखने में परेशानी होती है। इतना ही नहीं, टेक्नो मल्टी टास्किंग से आपको लॉन्ग टर्म मेमोरी इश्यूज भी हो सकते हैं।

प्रॉडक्टिविटी पर नकारात्मक असर

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चूंकि मस्तिष्क हमारे फोन और कंप्यूटर की तरह नहीं हो सकता है और इसलिए जब हम मल्टीटास्क करते हैं तो यह हमारे परफार्मेंस को भी प्रभावित करता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन डिजिटल उपकरणों के बीच मल्टीटास्किंग करने से आपकी प्रॉडक्टिविटी 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है। आज के समय में हर महिला मल्टीटास्क करने की कोशिश करती है और सोचती है कि वे कितना काम कर रही हैं, लेकिन वास्तविकता से इससे काफी अलग है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन आप अनप्रॉडक्टिव हो रही हैं। दरअसल, जब आप टेक्नो मल्टीटास्किंग करती हैं तो इससे आपकी मेंटल आर्गेनाइजेशन की क्षमता कम होती है, जिसके चलते आपको टास्क के बीच स्विच करने में परेशानी होती है। इतना ही नहीं, मल्टीटास्किंग आपको जल्दी थका देती है, जिसके चलते आप कोई भी काम ठीक तरह से पूरा नहीं कर पाती।

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मानसिक तनाव व चिड़चिड़ापन

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टेक्नो मल्टीटास्किंग ना सिर्फ आपकी प्रॉडक्टिविटी को कम करती है, बल्कि इसके कारण आप खुद को एक दबाव में महसूस करती हैं, जिसके चलते मस्तिष्क में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है। ऐसा देखा जाता है कि जो महिलाएं टेक्नो मल्टीटास्किंग करती हैं, उन्हें तनाव व स्वभाव में चिड़चिडे़पन की शिकायत रहती है। ऐसे मे महिला की पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ डिस्टर्ब हो जाती है।

टेक्नोलॉजी आपके लिए लाभदायक है, लेकिन तभी जब आप उसका उपयोग समझदारी से करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिन्दगी से।

Image Credit:(@freepik,business,theconversation)

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