How Many Tests Are Done in Pregnancy: प्रेगनेंसी 9 महीने की जर्नी होती है। इन नौ महीने में शिशु धीरे-धीरे बढ़ता है। बच्चे के अलग-अलग अंग का ग्रोथ होता है। छोटी-छोटी कोशिकाएं आपस में जुड़कर शिशु का निर्माण करती हैं। ऐसे में बच्चों के विकास पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत होती है। इसके लिए एक्सपर्ट गर्भावस्था के दौरान कुछ जरूरी टेस्ट करने की सलाह देते हैं। आईए जानते हैं वह कौन से जरूरी टेस्ट है। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं आकार कपूर, फाउंडर, सिटी इमेजिंग एंड क्लीनिकल लैब्स
पहला टेस्ट - डेटिंग स्कैन
डेटिंग स्कैन 5 से 7 हफ्ते में होता है। इस स्कैन के जरिए पता चलता है की प्रेगनेंसी बच्चेदानी के अंदर है या नहीं है। इस स्कैन के जरिए मां-बाप यह जान पाते हैं कि यह सिंगल प्रेगनेंसी है या मल्टीपल प्रेगनेंसी है। यह बच्चे के दिल की स्क्रीनिंग करता है यानी यह देखा जाता है कि दिल की धड़कन आई है या नहीं आई है।
दूसरा टेस्ट- एनटी/ एनबी स्कैन
ये स्कैन 11.5 से 13 हफ्ते में होता है।इस स्कैन के जरिए नाक की हड्डी, रीढ़ की हड्डी की जांच की जाती है। इसमें गर्भ में पल रहे बच्चे के न्यूकल फोल्ड की मोटाई मापा जाता है जो गर्दन के पीछे मौजूद टिशू क्षेत्र को कहते हैं। इस जांच की सहायता से आनुवंशिक विकार जैसे डाउन सिंड्रोम का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
तीसरा टेस्ट- कंजेनिटल एनोमली स्कैन
ये टेस्ट गर्भावस्था के 18 से 22 सप्ताह के बीच यानी की मिड प्रेग्नेंसी के दौरान होता है। इस टेस्ट के लिए बच्चे के शरीर के सभी अंगों की गहराई से जांच की जाती है। इस टेस्ट में बच्चे के मस्तिष्क,दिल, पेट, किडनी और रीढ़ की गहनता से जांच होती है। ये गर्भावस्था का सबसे जरूरी टेस्ट होता है।
चौथी- फीटल इको स्कैन
ये टेस्ट बच्चे के दिल की सेहत जानने के लिए काफी जरूरी है। दरअसल कई बार ये देखा जाता है कि बच्चा पैदा होने के बाद दिल में छेद जैसी दिक्कतों का पता लगता है। ये 20 से 24 हफ्ते के बीच होती है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी जैसे डायबिटीज, हाई बीपी की शिकायत हैं उन्हें ये टेस्ट करना काफी जरूरी होता है। फीटल इको की मदद से डॉक्टर जान पाता है कि बच्चे के दिल की संरचना कैसी है और वो ठीक से काम कर पा रहा है या नहीं।
यह भी पढ़ें-प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव
पांचवा- ग्रोथ स्कैन
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में ग्रोथ स्कैन करवाना जरूरी होता है। इससे ये मालूम चलता है कि शिशु सामान्य ढंग से बढ़ रहा है या नहीं। इस टेस्ट से ही पता चलता है कि बच्चे की डिलीवरी कब होगी।
यह भी पढ़ें-क्या प्रेग्नेंसी में घंटो सफर करना सेफ है? जानेंउम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हर जिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों