स्मोकिंग से फेफड़े ही नहीं, किडनी को भी हो सकता है नुकसान

आमतौर पर लोग स्मोकिंग को केवल फेफड़ों से जोड़ते हैं, लेकिन इससे शरीर के अन्य अंगों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिनमें किडनी भी शामिल हैं। स्मोकिंग से किडनी को नुकसान पहुंचाने का मुख्य कारण इसमें मौजूद विषाक्त तत्व होते हैं, जो ब्‍लड फ्लो को प्रभावित करते हैं। 
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स्मोकिंग को आमतौर पर फेफड़े और दिल के साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के लिए जाना जाता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह किस तरह से हमारे किडनी को नुकसान पहुंचाती है। किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसका काम खून से टॉक्सिक एलिमेंट को बाहर निकालना, शरीर में पानी की मात्रा को बैलेंस करना और पूरे शरीर को सही तरह से काम करने में मदद करना है। स्मोकिंग की वजह से किडनी को कई तरह से नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, स्मोकिंग करने से किडनी से जुड़ी समस्या बढ़ सकती हैं। अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि स्मोकिंग किस तरह से आपके किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है और कैसे आप इन्हें सुरक्षित रख सकते हैं। इसके बारे में हमें डॉक्टर अभ्युदय सिंह राणा बता रहे हैं। वह मेदांता, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट, डीएनबी(नेफ्रोलॉजी), डीएनबी(मेडिसीन), एमबीबीएस(एमडी फिजिशियन) विस्‍तार से बता रहे हैं।

स्मोकिंग से किडनी को पहुंचते हैं ये नुकसान

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किडनी में खून का ठीक से नहीं पहुंचना

स्मोकिंग की वजह से ब्लड वेसल्स संकरे हो जाते हैं। इसकी वजह से आपके शरीर के साथ ही किडनी में भी खून ठीक तरह से पहुंच नहीं पाता है। इस स्थिति में किडनी ठीक से खून से टॉक्सिक एलिमेंट को फिल्टर नहीं कर पाता है और शरीर में पानी की मात्रा बैलेंस नहीं रह पाती है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति बने रहने पर किडनी को नुकसान हो सकता है। साथ ही, किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना

स्मोकिंग करने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर किडनी से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसकी वजह से किडनी के वेसल्स डैमेज हो जाते हैं। ऐसा होने पर किडनी, खून से टॉक्सिक एलिमेंट को ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाता है। ब्लड प्रेशर को समय रहते मैनेज नहीं करने से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। लंबे समय में इसकी वजह से किडनी फेल हो सकता है।

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किडनी का टिश्यू हो सकता है डैमेज

सिगरेट के धुएं में निकोटिन, कार्बन मोनोक्साइड और दूसरे टॉक्सिक एलिमेंट होते हैं। ये सीधे तौर पर किडनी के टिश्यू को नुकसान पहुंचाते हैं। इन टॉक्सिक एलिमेंट की वजह से सूजन होती है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा होता है। इसकी वजह से किडनी के सेल डैमेज हो सकते हैं और उनके टिश्यू में स्कैरिंग (तनाव) हो सकता है। इन स्कैरिंग की वजह से किडनी ठीक से काम नहीं करेगी। इससे आने वाले समय में किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

किडनी में पथरी होने का बढ़ता है खतरा

स्मोकिंग की वजह से किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ सकता है। तंबाकू के धुएं में मौजूद केमिकल से कैल्शियम मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी हो सकती है। इसकी वजह से किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। किडनी में स्टोन होने पर तेज दर्द होता है। इसके अलावा, पथरी हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

किडनी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती है स्मोकिंग

स्मोकिंग की वजह से किडनी से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में जिन लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारियां हैं उन्हें जल्द से जल्द स्मोकिंग छोड़ देना चाहिए। स्मोकिंग की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसकी वजह से किडनी से जुड़ी समस्याएं शुरू हो सकती हैं और लंबे समय में किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। उन लोगों को स्मोकिंग ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, जिन्हें डायबिटीज के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है।

स्मोकिंग और किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों के बीच संबंध पाया गया है। इसकी वजह से खून को फिल्टर करने की किडनी की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। कई स्टडी इसकी ओर इशारा करती हैं कि स्मोकिंग नहीं करने वालों के मुकाबले ऐसा करने वालों में सीकेडी यानी किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।

स्मोकिंग छोड़ते ही किडनी को मिलते हैं ये फायदे

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स्मोकिंग छोड़ने पर किडनी स्वस्थ होने लगता है और इससे जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

ब्लड फ्लो होता है बेहतर

स्मोकिंग छोड़ने पर ब्लड फ्लो में सुधार होता है और किडनी में सामान्य रूप से खून पहुंचना शुरू हो जाता है। ऐसा होने पर किडनी बेहतर तरीके से ब्लड को फिल्टर कर पाता है। साथ ही, किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।

ब्लड प्रेशर होता है कम

स्मोकिंग छोड़ने से बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है। ब्लड प्रेशर कम होने पर किडनी सामान्य रूप से काम करने लगती है। साथ ही, किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

टॉक्सिक एलिमेंट से बचाव

स्मोकिंग छोड़ने के बाद सिगरेट के धुएं में मौजूद टॉक्सिक एलिमेंट ब्लड में नहीं जाते हैं। इसकी वजह से किडनी का संपर्क टॉक्सिक एलिमेंट से नहीं होता है। ऐसा होने पर सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो जाता है। इन दोनों वजहों से किडनी के टिश्यू खराब हो सकते हैं और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

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किडनी से जुड़ी बीमारी में मिलती है राहत

जिन लोगों को पहले से किडनी से जुड़ी बीमारियां हैं अगर वे स्मोकिंग छोड़ते हैं, तो इससे बीमारी बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है और किडनी बेहतर तरीके से काम करता है। रिसर्च के मुताबिक, स्मोकिंग छोड़ने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं और किडनी के फंक्शन में हो रही गिरावट कम हो जाती है।

किडनी में पथरी होने का खतरा होता है कम

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स्मोकिंग छोड़ने पर किडनी में पथरी होने की आशंका कम हो जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्मोकिंग की वजह से कैल्शियम मेटाबॉलिज्म गड़बड़ हो जाती है। यह किडनी में पथरी होने की एक मुख्य वजह है।

स्मोकिंग छोड़ने से किडनी के साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पॉजिटिव असर पड़ता है। अगर आप स्मोकिंग नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो काउंसलर की मदद ले सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी।

Image Credit: Shutterstock

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