मोटापा आज के समय में एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। गतिहीन जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें व जरूरत से ज्यादा तनाव लेना आदि ऐसे कई कारण है, जो वजन बढ़ने के पीछे की वजह बनती हैं। आमतौर पर, लोग मोटापे का अपनी फिजिकल अपीयरेंस से जोड़कर देखते हैं और इसलिए एक परफेक्ट फिगर पाने के लिए वह मेहनत करते हैं।
लेकिन मोटापा सिर्फ आपकी फिजिकल अपीयरेंस पर ही असर नहीं डालता है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जब आपका वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देता है। जी हां, ओवरवेट होने पर अन्य कई हेल्थ रिस्क भी बढ़ जाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में बता रहे हैं, जो मोटापे से जुड़े हो सकते हैं-
टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज वाले अधिकतर लोगों का वजन अधिक होता है या फिर वह मोटे होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज तब होता है जब आपका रक्त शर्करा सामान्य से अधिक होता है। समय के साथ, यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, तंत्रिका क्षति, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी और दृष्टि संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। ऐसे में अगर आप अपने वजन को कम करने का प्रयासक करते हैं तो इससे आप टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत को रोक सकती हैं या फिर उसे टाल सकती हैं।
इसे जरूर पढ़ें - महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है लाल रंग की सब्जियां और फल
दिल से जुड़ी बीमारी
मोटापे से ग्रस्त लोगों को हृदय रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। दरअसल, समय के साथ फैटी डिपाजिट्स हृदय को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों में जमा हो सकती है। जिससे मोटापे से ग्रस्त लोगों में उच्च रक्तचाप, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा से अधिक होता है, ये सभी हृदय रोग होने की संभावना को बढ़ाते हैं।
स्ट्रोक
मोटापे से ग्रस्त लोगों में स्ट्रोक की संभावना भी अधिक होती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। स्ट्रोक ब्रेन टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकता है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की कमजोर मांसपेशियों से लेकर बोलने व सुनने में समस्या व सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।
इसे जरूर पढ़ें- Bhagyashree Nuskha: हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए ये 1 फूड खाएं
स्लीप एपनिया
स्लीप एपनिया एक तरह का डिसऑर्डर है जिसमें कोई व्यक्ति सोते समय सांस लेना बंद कर सकता है। जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उन्हें स्लीप एपनिया होने का अधिक खतरा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके गले में अधिक चर्बी जमा हो जाती है, जिससे वायुमार्ग सिकुड़ जाता है। एक छोटा वायुमार्ग रात में खर्राटे और सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है। ऐसे में वजन कम करने से गर्दन में वसा की मात्रा को कम करने और स्लीप एपनिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर
अधिक वजन कहीं ना कहीं हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट टिश्यूज को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिससे आपकी ब्लड वेसल्स को अतिरिक्त फैट टिश्यूज में अतिरिक्त ब्लड सकुलेट करना पड़ता है। जिसका सीधा अर्थ यह है कि आपके दिल को पूरे शरीर में ब्लड को पंप करने के लिए और भी अधिक मेहनत करनी होगी। जिसके कारण आपके दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
तो अब आप भी अपना हेल्दी वजन मेंटेन करें और खुद को अन्य कई बीमारियों से बचाएं।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik