मेरे पड़ोस में रहने वाली सीमा के कुछ ही दिनों पहले डिलीवरी हुई हैं। उस दिन में उनके घर उससे मिलने गई तब मैंने उसके सास-ससुर को कहते सुना कि बच्चे की पहली सर्दी ठीक से निकल जाए फिर कोई चिंता नहीं। सीमा के सास-ससुर की तरह आपने अपने घर में भी बड़े बूढों को ऐसा कहते सुना होगा। लेकिन मैं यह जानना चाहती हूं कि ऐसा क्यों कहा जाता है और पहली सर्दी में शिशु की care कैसे करनी चाहिए क्योंकि कुछ दिनों में मेरी भाभी भी मां बनने वाली हैं।
इसे बारे में मैंने सीमा के सासू मां से ही पूछा तब उन्होंने मुझे बताया कि ''ठंड का मौसम यूं तो सभी के लिए थोड़ी बहुत परेशानी लेकर आता है लेकिन नन्हें मुन्नों की weak immunity के कारण पहली सर्दी कुछ ज्यादा ही चुनौतीपूर्ण होती है। Weak immunity के कारण उनको कई तरह के viral infection, सर्दी-जुकाम, फ्लू, बुखार, निमोनिया, ear infection, रोटावायरस आदि बीमारियां होने की आंशका ज्यादा होती है।''
अगर सर्दी में आपके लाडले को भी बुखार है, वह छींक रहा है, दूध कम पी रहा है या वह सुस्त रहता है तो तुरंत doctor को दिखाएं। लेकिन अगर आपके लाडले या लाडली की पहली सर्दी है तो कुछ बातों का पहले से ही ध्यान रखकर आप उसे इन परेशानियों से दूर रख सकती हैं। आइए जानें कौन सी है ये बातें.........
सही कपड़ें पहनाएं
सीमा की सासू मां ने मुझे बताया कि ''शिशु को ठंड हमेशा सिर, पैर और chest से ही सबसे जल्दी लगती है, इसलिए छोटे बच्चों के पैरों, सिर और कानों को भी हमेशा ढककर रखें। यानी उनकी बॉडी के साथ-साथ उनके पैरों, सिर और कानों को कवर करना ना भूलें। और अपने बच्चों को पहली सर्दी में कपड़े हमेशा लेयरिंग में पहनाएं। साथ ही इस बात का ख्याल रखें कि बच्चों को सीधे woollen clothes पहनने की बजाय पहले cotton clothes पहनाएं। इससे उन्हें रैशेज नहीं होगें।
त्वचा को चाहिए ज्यादा दुलार
बहुत ज्यादा सर्दी होने पर बच्चे को नहलाने की बजाय गीले तौलिये से बच्चे की बॉडी को पोंछ दें। लेकिन अगर ठंड थोड़ी कम हैं तो सबसे पहले बच्चे की massage करें क्योंकि massage करने से blood circulation अच्छा रहता है और बच्चे की immunity मजबूत होती है। Massage करने के लिए olive या तिल के तेल का इस्तेमाल करें। Massage करने के थोड़ी देर बाद उसे नहलाएं।
बहुत ज्यादा कपड़ों से ना लाद्दे
सीमा की सासू मां ने फिर यह बात भी बताई कि ''सर्दियों के दिनों में कई मां अपने बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए ढेर सारे कपड़ों से लाद्द देती हैं। ऐसा करने से ज्यादा गर्माहट से भी बच्चे को बेचैनी और breathing प्रॉब्लम हो सकती है।'' इसलिए बच्चे को जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनने से बचें। उतने ही कपड़े पहनाएं जितनी की उन्हें जरूरत हैं।
धूप भी है जरूरी
छोटे बच्चे को कपड़ों के अलावा natural तरीके से भी गर्म रखा जा सकता है। इसलिए अपने लाड़ले को धूप में जरूर बिठाएं। इससे बच्चे को प्राकृतिक गर्मी के साथ-साथ विटामिन-डी भी मिलेगा। अगर आपके घर के अंदर ही धूप आती है तो बच्चे को घर के अंदर ही लिटाएं ताकी वह बाहर हवा से भी बच सकें।
आंखों की देखभाल
आपने देखा होगा कि सर्दी के दिनों में बच्चों की आंखों के किनारे कुछ पीला-पीला सा जमा हो जाता है। हालांकि अगर सर्दी में शिशु की आंखें लाल हो या पानी निकल रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लेकिन अगर आंखों के कोने में सफेद या पीले रंग का बहाव हो तो इसे ना तो हाथ से रगड़ें और ना ही इसे खींच कर निकालें। बल्कि गुनगुने पानी में cotton को डिप करके इससे बच्चे की आंखों को साफ करें।
मुझे तो उनकी बातों से समझ आ गया कि पहली सर्दी में शिशु की care कैसे करनी चाहिए क्या आपको भी उनकी बातों से पूरी जानकारी मिल गई। अगर हां, तो अगर आप भी अभी-अभी मां बनी हैं तो इन tips की help से अपने नन्हें की पहली सर्दी में इन हवाओं से उसे आसानी से बचा सकती हैं।
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