मोबाइल आज हमारे जीवन में बहुत जरूरी होता जा रहा है। यही वजह है कि बच्चों का ज्यादातर समय मोबाइल की स्क्रीन के साथ बिताता है। कोरोना काल आने के बाद से बच्चों की क्लास हो या इंटरटेनमेंट दोनों ही ऑनलाइन माध्यम पर निर्भर हो गए हैं, ऐसे में बच्चों की आंखों से जुड़ी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं। बच्चों की आंखों में हो रही कमजोरी के शुरुआती लक्षणों पर उनके माता-पिता भी नहीं ध्यान दे पाते हैं, यही कारण है कि आज छोटे-छोटे बच्चों को भी हाई पावर के चश्मे लग जाते हैं। बच्चों की आंखों से जुड़ी समस्या को लेकर हमने हमारे आज के एक्सपर्ट डॉक्टर ए.के द्विवेदी से बात की, जो कि एक वरिष्ठ आई सर्जन हैं।
एक्सपर्ट ने हमें बताया कि काफी समय से बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है, यही वजह है कि बच्चों की आंखों में एलर्जी और आई ड्राइनेस की प्रॉब्लम देखने को मिलती है। ऐसे में डॉक्टर की सहाल के साथ-साथ पेरेंट्स को खुद भी बच्चों की आंखों का ख्याल रखना चाहिए, जिसके लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा।
इस तरह से करें बच्चे की कमजोर आंखों की पहचान-
ज्यादातर बच्चे खुद भी यह नहीं समझ पाते हैं कि उनकी आंखें कमजोर हो रही हैं। ऐसे में कुछ शुरुआती लक्षण देखकर ही आप पता लगा सकती हैं, कि आपके बच्चे की आंखों में समस्या हो रही है।
- कई बार आखें जब कमजोर हो रही होती हैं तो उनमें जलन और खुजली होने लगती है। ऐसे में बच्चे बार-बार अपनी आंखों को मसलने लगते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा ज्यादा समय तक आंखों को मसलता है तो उसे डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं।
- अगर आपका बच्चा अक्सर सिर दर्द की शिकायत करता है तो यह भी आंखों के कमजोर होने के शुरुआती लक्षणों में से एक होता है। ऐसे में अगर रेगुलर बेसिस पर आपके बच्चे के सिर में दर्द हो रहा है तो आंखों का चेकअप जरूर कराएं।
- अगर आपका बच्चा किसी भी चीज को ज्यादा पास से पढ़ने या देखने की कोशिश करता है तो यह भी आंखों की कमजोरी के लक्षणों में से एक है। इसके अलावा हम आपको कुछ टिप्स भी बताएंगे जो आंखों की देखभाल के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
समय-समय पर करवाएं आई चेकअप-
आंखों में कमजोरी किसी भी समय आ सकती है। ऐसे में समय समय पर चेकअप कराने से आपके बच्चे की आंखों की रौशनी की जानकारी मिल जाती है, ऐसे में चेकअप कराने से आप जान सकती हैं कि कहीं आपके बच्चे को चश्मे की जरूरत तो नहीं।
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निर्धारित करें स्क्रीन टाइमिंग-
अगर आपका बच्चा ज्यादा देर तक स्क्रीन के साथ ज्यादा समय बिताता है, तो उसके लिए आप एक निर्धारित स्क्रीन टाइमिंग तय कर सकती हैं, इससे बच्चों की आंखों ज्यादा नुकसान नहीं होगा। अगर आपके बच्चे की ऑनलाइन क्लास की टाइमिंग ज्यादा देर तक ही है तो आपको उसे कुछ देर का ब्रेक लेने के लिए कहना चाहिए, इससे बच्चे की आंखों को रेस्ट मिलता है।
बड़ी स्क्रीन में करें वर्क-
ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चे को फोन की जगह लैपटॉप या टेबलेट से क्लास करने को कहें। स्क्रीन छोटी होने के कारण बच्चे को पढ़ने के लिए ज्यादा फोकस करना पड़ता है, जिस वजह से आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
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नियमित रुप से बच्चे को पहनाएं चश्मा-
अगर आपके बच्चे को चश्मा लग चुका है, तो इस बात का ध्यान रखें कि वह नियमित रूप से चश्मा लगाए। वहीं स्क्रीन को देखते वक्त बच्चे को चश्मा जरूर पहनवाएं, ऐसा करने से आपके बच्चे का चश्मा हट भी सकता है।
एक्सरसाइज का रखें खास ध्यान-
आंखों की कई ऐसी आसान एक्सरसाइज हैं जिनकी मदद से बच्चों की आंखों की रौशनी बेहतर हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे से खाली समय में आई एक्सरसाइज जरूर करवाएं, अगर उनका मन इन एक्सरसाइज में नहीं लगता तो आप उन्हें मोटिवेट करें और एक्सरसाइज के फायदे समझाएं। एक्सपर्ट नें हमें बताया कि पेन की टिप को लगातार देखने से आंखों का फोकस बेहतर होता हैं, वहीं आप उंगली की मदद से भी यह एक्सरसाइज करवा सकती हैं।
यह एक्सरसाइज करने के लिए अपनी उंगली को बच्चे की दोनों आंखों के बीच में रखें और आगे-पीछे मूव करें, यह बहुत ही आसान ट्रिक है, जो आपके लिए हेल्पफुल साबित हो सकती है।
खाने में शामिल करें पौष्टिक फल और सब्जियां-
किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज है पौष्टिक भोजन, जो आजकल की लाइफस्टाइल के चलते एक मुश्किल टास्क बन गया है। अगर आप अपने बच्चे के खाने में ये चीजें शामिल करती हैं, तो बच्चों की आंखों पर इन फूड्स का बेहतर असर होगा। इसलिए आंखों की रौशनी बेहतर बनाने के लिए आपको फिश, दूध, अंडा, चिकन, हरी सब्जियां और फल आदि खानें चाहिए।
तो यह थीं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप अपने बच्चों के आंखों की देखभाल कर सकती हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
image credit- freepik and unsplash
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