यह तो हम सभी जानते हैं कि बेहतर वेट लॉस के लिए मेटाबॉलिज्म का बूस्टअप होना बेहद जरूरी है। यह हमारे द्वारा खाए गए भोजन को फैट की जगह एनर्जी में बदलने में मदद करता है। इसलिए, जब मेटाबॉलिज्म स्लो होता है तो कम कैलोरी बर्न होती है और वजन बढ़ने लगता है। यहां तक कि वजन कम करना भी काफी मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं, स्लो मेटाबॉलिज्म से कम एनर्जी के उत्पादन से लगातार थकान और सुस्ती हो सकती है। स्लो मेटाबोलिज्म से शरीर का तापमान बनाए रखना मुश्किल हो सकता है, जिससे ठंड का एहसास होता है।
यह आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है और कब्ज की शिकायत हो सकती है। कम एनर्जी और हार्मोनल असंतुलन से मूड स्विंग, एंग्जाइटी या डिप्रेशन आदि की समस्या का समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। मेटाबॉलिज्म पर आपके खान-पान का सीधा असर पड़ता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन ऐसी कई ड्रिंक्स होती हैं, जिनके लगातार सेवन से मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसी ही ड्रिंक्स के बारे में बता रही हैं, जिनके सेवन से आपके मेटाबॉलिज्म पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है-
अगर आप शुगरी ड्रिंक्स जैसे सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स या एडेड शुगर वाले पैकेज्ड फ्रूट जूस का सेवन करते हैं तो इससे आपके मेटाबॉलिज्म पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है। दरअसल, अधिक चीनी इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनती है, जिससे आपके शरीर के लिए एनर्जी के लिए ग्लूकोज का उपयोग करना कठिन हो जाता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इतना ही नहीं, अतिरिक्त चीनी अक्सर लिवर में फैट के रूप में स्टोर होती है, जो मेटाबॉलिज्म को और भी ज्यादा स्लो कर सकती है।
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अगर कैफीन युक्त ड्रिंक्स जैसे कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो ये भी आपके मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकती हैं। दरअसल, जब आप अत्यधिक कैफीन का सेवन करते हैं तो यह आपकी स्लीप क्वालिटी को खराब करता है, जिससे मेटाबॉलिक रेट पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।
यूं तो डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही व पनीर आदि का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप फुल फैट डेयरी मिल्क का सेवन करते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकता है। दरअसल, इनका हाई फैट कंटेंट डाइजेशन व मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकता है। इसलिए, आप कोशिश करें कि अपनी डाइट में लो फैट डेयरी मिल्क को शामिल करें।
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बीयर, वाइन या कॉकटेल जैसे अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स का सेवन करना भी मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। अल्कोहल में खाली कैलोरी होती है जो पोषण मूल्य प्रदान नहीं करती है लेकिन यह ओवर ऑल कैलोरी इनटेक को बढ़ाती है, जिससे संभावित रूप से वजन बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, अल्कोहल हार्मोन लेवल को प्रभावित कर सकती है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन जैसे मेटाबॉलिज्म को रेग्युलेट करने वाले हार्मोन भी शामिल हैं। इसलिए, अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए।
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