पीरियड महिलाओं को होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है,जिससे हर महीने गुजरना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को कई शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिनमें हेवी ब्लीडिंग, मूड स्विंग्स और क्रैम्पस शामिल है। बीते महीने मुझे पीरियड्स के दौरान असामान्य दर्द का सामना करना पड़ा। बाकी महीने की तुलना में इस बार का दर्द बहुत ज्यादा और बेतहाशा था। वैसे तो मुझे पीरियड्स में हमेंशा ही दर्द महसूस होता था, जिसके लिए मैं पहले दिन दवाइयां ले लेती थी और आराम मिल जाता था, लेकिन इस बार की स्थिति कुछ अल थी। दर्द लगातार चार दिनों तक बना रहा और दवाइयों का प्रभाव भी कम दिखाई दिया। मैंने दर्द को नजरअंदाज करना सही नहीं समझा और अपनी फैमिली डॉक्टर शकुंतला नाग से इस बारे में बात की।
क्या खून की कमी होने पर पीरियड का दर्द बढ़ जाता है?
डॉक्टर ने बताया कि इसके पीछे शरीर में आयरन की कमी जिम्मेदार हो सकती है। आयरन एक जरूरी खनिज है, जो शरीर में ऑक्सीजन को रक्त के जरिए परिवहन करने और ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है। मासिक धर्म के दौरान, महिलाएं नेचुरल रूप से रक्त खो देती है, जिससे आयरन के स्तर में गिरावट आ सकती है। जब शरीर में आयरन की कमी होती है, तो यह एनीमिया का कारण बन सकता है, इस स्थिति में शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं,जिससे ऑक्सीजन शरीर के ऊतकों तक सही से नहीं पहुंच पाती है। इस ऑक्सीजन की कमी से मांसपेशियों,खासकरके गर्भाशय की मांसपेशियों की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
मासिक धर्म के दौरान, गर्भाशय में संकुचन होता है। अगर आयरन का स्तर कम है, तो ये संकुचन अधिक तीव्र महसूस हो सकते हैं, जिससे दर्द बढ़ सकता है। मूल रूप से, जब शरीर पहले से आयरन की कमी के कारण कमजोर होता है,तो मासिक धर्म में असुविधा और अधिक बढ़ जाता है।लो आयरन के कारण थकावट और कमजोरी, चेहरे का पीला रंग, चक्कर आना शामिल है।
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कैसे बढ़ाएं आयरन की मात्रा
- डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, केल, लाल मांस,मसूर दाल, बीन्स,टोफू और आयरन-फोर्टिफाइड सीरियल लें।
- आयरन रिच खाद्य पदार्थों को विटामिन सी जैसे संतरा, शिमला मिर्च, या स्ट्रॉबेरी के साथ मिलाकर खाना आयरन के अवशोषण को बढ़ा सकता है।
- निर्जलीकरण पीरियड के दर्द को बढ़ा सकता है, इसलिए अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान पर्यापत् मात्रा में पानी पिएं ताकि गर्भाशय की मांसपेशियां ठीक प्रकार काम कर सके
- इसके साथ ही, आपको अपनी गायनी से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी स्थिति को ध्यान में रखकर उचित इलाजा और दवाइयों की सिफारिश कर सकते हैं
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