हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायरॉयड डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सकें। आज काफी संख्या में लोग थायरॉयड की समस्या से परेशान हैं। वर्ल्ड थायरॉयड डे के मौके पर हम आपको थायरॉयड को घर में चेक करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं जो लैब टेस्ट से ज्यादा भरोसेमंद है। इस बारे में हमें भोपाल के आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर अबरार मुल्तानी बता रहे हैं। लेकिन सबसे पहले हम आपको थायरॉयड के बारे में बता देते हैं।
थायरॉयड ग्लैंड के काम में गड़बड़ी आने से थायरॉयड होता है। यह बटरफ्लाई के आकार का ग्लैंड है, जो एडम्स एप्पल के ठीक नीचे होता है। यह छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण ग्लैंड है जो हमारे रोजमर्रा के काम में अहम भूमिका निभाता है और मेटाबॉलिक एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार होता है। इससे खास तरह के हॉर्मोन टी-3, टी-4 और टीएसएच (थायरॉयड स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन) का स्राव होता है, जिसकी मात्रा के असंतुलन का हमारी हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है। बॉडी के सभी सेल्स सही तरीके से काम कर सकें, इसके लिए इन हॉर्मोंस की जरूरत होती है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में भी टी-3 और टी-4 हॉर्मोन का बहुत बडा योगदान होता है। इसीलिए इनके स्राव में कमी या अधिकता का सीधा असर व्यक्ति की भूख, वजन, नींद और मनोदशा पर दिखाई देता है। मोटापा, इनफर्टिलिटी जोड़ों में दर्द, उनींदापन, डिप्रेशन, सुंदरता में कमी, बालों का झड़ना आदि इसके लक्षण हैं।
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जी हां थायरॉयड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं। एक स्टडी के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायरॉयड विकार दस गुना ज्यादा होता है। थायरॉयड की बीमारी दबे पांव आती है, इसे सीधे-सीधे पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन इस बीमारी को पकड़ना बेहद जरूरी हैं। नहीं तो हार्मोंन में गड़बड़ी से आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके लिए अगर आप बार-बार टेस्ट नहीं करा सकती हैं तो घर में ही आसानी से इसका टेस्ट कर सकती हैं। आइए जानें घर में इसका टेस्ट कैसे किया जा सकता है।
थायरॉयड के लिए किया जाने वाला टेस्ट TSH को विश्व के कई चिकित्सक भरोसेमंद नहीं मानते और T4 तभी कुछ काम आता है जब थायरॉयड फेलियर की स्थिति हो जाती है। और देश, समय, उम्र, और लिंग आदि चीजों का भी इस पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है। एक्सपर्ट डॉक्टर अबरार मुल्तानी का कहना है कि ऐसे में आप अमेरिका के फेमस डॉक्टर और बेस्ट सेलर किताबों के लेखक डॉक्टर जैकब टाईटेलबम का बताया आर्मपिट टेस्ट को आजमा सकती हैं। इस टेस्ट की सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक भरोसेमंद और बहुत ही आसान और फ्री में किया जाने वाला टेस्ट है।
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इस टेस्ट में उस व्यक्ति को जिसमें हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण हैं उसे एक थर्मामीटर लेना है और रोज़ाना कुछ दिनों तक सुबह उठते ही अपनी आर्मपिट यानि बगल का टेम्परेचर चेक करके नोट करना है। ऐसा करते समय आपको आराम से 10 मिनट लेटकर बगल में थर्मामीटर रखना है। लेकिन ध्यान रहें ऐसे करते समय एसी बंद होना चाहिए। अगर आपका टेम्परेचर दो बार से ज्यादा बार 97.4 °F से कम आए तो समझ लीजिए कि आपको निश्चित तौर से थायरॉयड की समस्या है।
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