चश्मा पहनती हैं तो जान लें लेसिक और लेज़र सर्जरी में क्या होता है अंतर?

अगर आप चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस से निजात पाने के लिए आई सर्जरी कराने का सोच रही हैं, तो आपको सभी लेसिक और लेज़र सर्जरी के बारे में जान लेना चाहिए।
LASIK vs Laser Eye Surgery
LASIK vs Laser Eye Surgery

आमतौर पर चश्मा लगाने वाले लोग चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस से निजात पाने के लिए Eye Surgery कराने का मन बनाते हैं। लेकिन, आजकल मार्केट में कई तरह के मेडिकल जार्गन आ चुके हैं जिनकी वजह से हम कभी-कभी कन्फ्यूज हो जाते हैं। आजकल Laser Eye Surgery के बारे में काफी डॉक्टर्स से सुनने और विज्ञापन में देखने को मिलता है। ज्यादातर लोग यह समझने में असमर्थ होते हैं कि LASIK और LASER के बीच क्या अंतर है?

कई बार हमें लेसिक, लेज़र सर्जरी अलग-अलग लगती है, लेकिन आपको बता दें कि लेज़र आई सर्जरी के कई प्रकार होते हैं, जिसमें LASIK और LASEK आई सर्जरी सबसे ज्यादा पॉपुलर है। अगर आप आई सर्जरी कराने का सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल को पहले आपको पढ़ लेना जरूरी है।

क्या है लेज़र आई सर्जरी?

Laser Eye Surgery एक विजन करेक्शन प्रोसेस है, जिसे रोगियों को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस पर कम निर्भर बनाने के लिए डिजायन किया गया है। अलग-अलग तरह के लोग अलग-अलग लेज़र सर्जरी कराने के लिए एलिजिबल होते हैं। कभी-कभी लेज़र विजन करेक्शन के रूप में कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए लेज़र सर्जरी भी की जाती है। इससे आपका फोकस बेहतर हो सकता है। लेज़र आई सर्जरी दूर की नजर और पास की नजर दोनों को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकती है। वहीं, बढ़ती टेक्नोलॉजी के वजह से अब डायबिटीज रोगी भी लेज़र आई सर्जरी पर विचार कर सकते हैं, क्योंकि अब इसमें चीरा नहीं लगाया जाता है।

लेज़र आई सर्जरी कई तरह की होती है-

Laser eye surgery

1. LASIK (लेज़र-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइल्यूसिस)

2. PRK (फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टॉमी)

इस सर्जरी में कॉर्निया की बाहरी परत को हटा दिया जाता है और फिर से डेवलेप किया जाता है।

3. SMILE (Small Incision Lenticule Extraction)

इस सर्जरी में छोटे कॉर्नियल टीश्यू को लेज़र का इस्तेमाल करके हटा दिया जाता है।

4. LASEK (लेज़र एपिथेलियल केराटोमाइलेसिस)

इस सर्जरी में फ्लैप बनाने की जगह कॉर्नियल एपिथेलियल परत को ढीला किया जाता है।

5. एडवांस्ड LASIK

इस सर्जरी में Topography-Guided Technology का इस्तेमाल करके ज्यादा सटीक कॉर्नियल रीशेपिंग होती है।वहीं आजकल लोगों के बीच Lasik, Lasek सर्जरी का काफी प्रचलन बढ़ गया है।

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LASIK क्या है?

लेज़र-असिस्टेड इन-सीटू केराटोमाइल्यूसिस (LASIK), यह सबसे आम लेज़र आई सर्जरी है। इसमें दो अलग-अलग लेज़र का इस्तेमाल किया जाता है। पहले लेज़र प्रोसेस में कॉर्निया पर एक पतला गोल फ्लैप बनाया जाता है, जिसे डॉक्टर कॉर्निया के अंडरलाइंग पार्ट तक पहुंचने के लिए फोल्ड बैक करते हैं। एक बार यह स्टेप पूरा होने के बाद, डॉक्टर कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए एक Excimer Laser का इस्तेमाल करते हैं। यह आपके विजन और फोकस को बेहतर बनाने के लिए कॉर्निया के टिश्यू को हटाता है।

Lasik आमतौर पर एक पेनलेस प्रोसेस है, जिसके द्वारा दोनों आंखों का ट्रीटमेंट 15 मिनट से भी कम समय में किया जा सकता है। इस सर्जरी के बाद मरीज आमतौर पर 24 घंटे में ठीक हो जाते हैं। लेसिक की रिकवरी आमतौर पर दूसरी लेज़र आई सर्जरी की तुलना में ज्यादा तेज और बहुत आरामदायक होती है।

LASIK के लिए कौन पात्र है?

  • लेसिक आई सर्जरी के लिए रोगी की उम्र कम से कम 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।
  • इस आई सर्जरी में कॉर्निया पतली या इरेगुलर नहीं होनी चाहिए।
  • आपको ग्लूकोमा, मोतियाबिंद या keratoconus जैसे नेत्र रोग नहीं होने चाहिए।

लेसिक आई सर्जरी के साइट इफेक्ट्स

आंखों में ड्रायनेस

स्टडी से पता चला है कि लेसिक आई सर्जरी के बाद 95 फीसदी रोगियों को आंखों में ड्रायनेस की समस्या बनी रहती है, लेकिन यह आमतौर पर अस्थायी होती है। सर्जरी के 1 या 2 हफ्ते बाद गायब हो जाती है।

लाइट सेंसिटिविटी

लेसिक आई सर्जरी के बाद, पहले कुछ दिनों में रोगी जब धूप में बाहर निकलते हैं या लैपटॉप, मोबाइल की स्क्रीन को देखते हैं, तो वे अधिक सेंसिटिव महसूस करते हैं। आमतौर पर डॉक्टर सलाह देते हैं कि तेज रोशनी और स्क्रीन से बचने के लिए आईवियर पहना जाए।

विजुअल गड़बड़ी

सर्जरी के बाद, कॉमन विजुअल इश्यू में बढ़ी हुई चमक, चीजों के चारों और Halos और रात में गाड़ी चलाते समय देखने में परेशानी शामिल है।

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LASEK क्या है?

lasek eye surgery

लेज़र असिस्टेड सब-एपिथेलियल केराटेक्टॉमी (LASEK), इस प्रोसेस में केवल एक लेज़र का इस्तेमाल किया जाता है। ऊपरी कॉर्नियल परत में फ्लैप बनाने के लिए लेज़र का इस्तेमाल करने के बजाय, डॉक्टर अल्कोहल सॉल्यूशन डालते हैं। यह सतह की परत को नरम करता है, जिससे इसे आंख के किनारे ले जाया जा सकता है। एक बार जब ऊपरी कॉर्नियल परत हट जाती है, तो डॉक्टर लेज़र की मदद से कॉर्निया को फिर से आकार दे पाते हैं। फिर, ऊपरी कॉर्नियल परत को उसकी ओरिजनल पोजीशन में लौटा दिया जाता है और हीलिंग प्रोसेस के दौरान आंख पर एक प्रोटैक्टिव कॉन्टैक्ट लेंस लगाया जाता है।

आमतौर पर, इसे 4 दिनों के बाद हटाया जा सकता है। लेसेक आई सर्जरी उन लोगों के लिए सही रहती है, जिनकी कॉर्निया पतली है। लेसेक आई सर्जरी में आप एक ही दिन में दोनों आंखों की सर्जरी करा सकते हैं, लेकिन ठीक होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।

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Image Credit- freepik

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