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क्या बीपी भी बार-बार हाई हो जाता है? हो सकती हैं ये गंभीर दिक्कत

बीपी बार-बार बढ़ता है और दवाई खाकर आप इसे कंट्रोल कर लेती हैं, तो य़ह अच्छी बात नहीं है, अपनी लाइफस्टाइल को ऐसे करें, कि आपका बीपी न बढ़े, क्योंकि बार-बार बीपी बढ़ने से कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है। जैसे हार्ट अटैक, क्रोनिक किडनी डिजीज
Editorial
Updated:- 2025-05-26, 12:49 IST

भागदौड़ भरी जिंदगी में बीपी की समस्या आम हो गई है। हाई बीपी एक छिपे हुए खतरे की तरह होता है। इसे अक्सर हम लोग तब तक नजरअंदाज करते हैं, जब तक कोई बड़ी घटना ना घट जाए। दरअसल हाई बीपी जरूरी नहीं है कि हमेशा वॉर्निंग साइन दे। ऐसे में अगर आपको हर कुछ दिनों पर हाई बीपी की शिकायत हो जाती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। बीपी का बढ़ा हुआ नंबर कई बीमारियों की दस्तक हो सकती है। इससे पहले की कोई बीमारी आपको घेरे, आप अभी से ही अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना शुरू कर दें। आइए जानते हैं बारा-बार हाई  बीपी के कारण क्या क्या दिक्कतें हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. प्रियंका सहरावत जानकारी दे रही हैं।

बीपी बार-बार हाई होने से क्या होता है?

 

 

 

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बीपी अगर बार-बार बढ़ता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारे दिमाग पर होता है। इससे स्ट्रोक आ सकता है। हाई बीपी हमारी धमनियों को सख्त और संकरा बना सकता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं, इस वजह से दिमाग की नसों में खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। इससे दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इससे ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है। लगातार बीपी बढ़ने से दिमाग की कमजोर रक्त वाहिकाएं फट सकती है,जिससे दिमाग के अंदर ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।

हाई बीपी का असर दिल पर भी बुरी तरह से पड़ता है। हाई बीपी के कारण दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियां सख्त और संकरी हो जाती है। जब ये धमनियां प्लाक और खून के थक्कों से बंद हो जाती है, तो हार्ट अटैक आ सकता है।

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blood pressure symptoms

हमारी किडनी खून से गंदगी और पानी को छानने का काम करती है। इनमें छोटी छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो यह काम करती है। हाई बीपी इन नाजुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे किडनी की खून को प्रभावी ढंग से फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है। समय के साथ यह क्रोनिक किडनी डिजीज का कारण बन सकता है। 

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