प्री मेनोपॉज के दौरान हैवी ब्लीडिंग और दर्द क्यों होता है ?

प्री मेनोपॉज एक ऐसा पड़ाव है,जब महिलाओं को काफी ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ता है। मेनोपॉज होने से पहले वाले फेज को प्री मेनोपॉज के नाम से जानते हैं। इस दौरान ब्लीडिंग काफी ज्यादा होती है और दर्द भी ज्यादा होता है। जानते हैं इसके कारण
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-06-18, 18:00 IST
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प्री मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का ऐसा पड़ाव होता है, जब महिलाएं अपनी प्रजनन क्षमता खो रही होती हैं। धीरे-धीरे मेनोपॉज की ओर बढ़ रही होती हैं। यह अवधि 40 साल की उम्र से शुरू हो सकती है और कई बार 4 से 8 साल तक चल सकती है। इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव इतनी तेजी से होते हैं, कि पीरियड साइकिल पूरी तरह से बदल जाता है, इसके चलते हैवी ब्लीडिंग, अनियमित पीरियड्स और तीव्र पेट दर्द का अनुभव होता है। आइए एक्सपर्ट से समझते हैं इस बारे में विस्तार से Dr Pooja C Thukral, Associate Director - Department of Gynecology at Cloudnine Group of Hospitals, Faridabad इसके बारे में जानकारी दे रही हैं।

प्री मेनोपॉज के दौरान हैवी ब्लीडिंग और दर्द क्यों होता है?

एक्सपर्ट के मुताबिक प्री मेनोपॉज में सबसे आम कारण है हार्मोनल असंतुलन। एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है और प्रोजेस्ट्रोन की कमी हो जाती है, जिससे यूट्रस की अंदरूनी परत एंडोमेट्रियम जरूरत से ज्यादा मोटी हो जाती है। जब यह परत टूटती है, तो ज्यादा ब्लीडिंग होती है।

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दूसरा कारण है कि प्री मेनोपॉज के दौरान कई बार ओव्यूलेशन नहीं होता है। ओव्यूलेशन के बिना प्रोजेस्टरॉन नहीं बनता है, जिससे पीरियड्स भारी और लंबे दिनों तक चलते हैं।

एक्सपर्ट बताती हैं फाइब्रॉइड्स और यूटेराइन पॉलिप्स यानी गर्भाशय की परत पर छोटी छोटी गांठ इस उम्र में बढ़ सकती हैं। ये भी ज्यादा ब्लीडिंग और ऐंठन के मुख्य कारण होते हैं। कई बार इतनी हैवी ब्लीडिंग हो जाती है, कि एनीमिया यानी खून की कमी हो सकती है।

कुछ महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति बनी रहती है या इस समय में उभरती है, जिसमें यूटरस की परत गर्भाश के बाहर बढ़ती है। इससे भी ज्यादा दर्द होता है।

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एडिनोमायोसिस के कारण भी ऐसा हो सकता है। यह स्थिति तब होती है, जब यूटेरस की अंदरूनी परत उसकी मांसपेशियों में उगने लगती है।

जिन महिलाओं को हाइपोथायरायडिज्म होता है, उन्हें भी हैवी ब्लीडिंग हो सकती है।

कब करें डॉक्टर से संपर्क ?

  • जब ब्लीडिंग 7 दिनों से ज्यादा हो
  • हर 1 या 2 घंटे में पैड बदलना पड़े

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  • ब्लीडिंग के साथ असहनीय दर्द ,कमजोरी और चक्कर
  • पीरियड्स के बीच या इंटिमेसी के बाद ब्लीडिंग हो

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Image Credit: Freepik

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