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क्या स्ट्रेस की वजह से पीरियड्स में ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है?

Heavy Bleeding in Periods: तनाव का असर, महिलाओं की पीरियड साइकिल पर होता है। इसकी वजह से पीरियड्स डिले हो सकते हैं और कई बार स्किप भी हो जाते हैं। यहां तक कि पीरियड फ्लो पर भी स्ट्रेस का असर होता है।
Updated:- 2025-02-07, 21:37 IST

Effect of Stress on Periods: तनाव का हमारी सेहत पर बुरा असर होता है। लंबे वक्त तक स्ट्रेस में रहने के कारण, हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है। यहां तक कि इसकी वजह से महिलाओं की पीरियड साइकिल और सेक्शुअल हेल्थ पर भी असर होता है। तनाव की वजह से पीरियड्स डिले हो सकते हैं, कई बार समय से पहले आ सकते हैं और कभी-कभार स्किप भी हो सकते हैं। अगर आपको ऐसा लगता है कि स्ट्रेस सिर्फ पीरियड्स को अनियमित बनाता है, तो आप गलत हैं क्योंकि इसके कारण पीरियड साइकिल और फ्लो पर भी असर होता है। स्ट्रेस के कारण, पीरियड्स में ब्लीडिंग भी ज्यादा हो सकती है। स्ट्रेस किस तरह से पीरियड फ्लो को प्रभावित करता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर अदिति बेदी दे रही हैं। वह कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।

क्या स्ट्रेस की वजह से पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग हो सकती है? (Can stress cause heavy periods and clots?)

 can stress cause heavy periods

  • एक्सपर्ट का कहना है कि स्ट्रेस का असर, पीरियड साइकिल पर ही नहीं, बल्कि पीरियड फ्लो पर भी होता है।
  • तनाव की वजह से पीरियड्स में ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है। स्ट्रेस के कारण, शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है और इसका असर, पीरियड साइकिल को रेगुलेट करने वाले हार्मोन्स पर भी होता है।
  • इसकी वजह से, पीरियड में फ्लो ज्यादा या बहुत कम आ सकता है। कई बार स्ट्रेस के कारण, पीरियड पेन भी बढ़ सकता है।
  • शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ने पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रेरोन हार्मोन इंबैलेंस हो जाते हैं और इसकी वजह से यूट्राइन लाइनिंग की शेडिंग पर असर होता है और इसके कारण, पीरियड में हैवी ब्लीडिंग हो सकती है और ब्लड क्लॉट्स आ सकते हैं।

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Can stress make your period longer

  • स्ट्रेस का असर, हमारे खान-पान और जीवशैली पर होता है। इसकी वजह से शरीर में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है और इसके कारण, पीरियड साइकिल पर असर होता है।
  • शरीर में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी होने पर ओव्युलेशन पर असर होता है और इसकी वजह से पीरियड साइकिल और फ्लो पर असर होता है।
  • तनाव के कारण, पीरियड्स महीने में दो बार भी आ सकते हैं। इसे मेट्रोरेजिया कहा जाता है।

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स्ट्रेस का महिलाओं के पीरियड्स, फर्टिलिटी और ओवरऑल हेल्थ पर भी असर होता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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