पीरियड ब्लड में आते हैं बहुत ज्यादा क्लॉट्स? लाइफस्टाइल में करें ये 10 बदलाव

पीरियड ब्लड में कई बार महिलाओं को बहुत अधिक क्लॉट्स आते हैं। ये ब्लड क्लॉट्स जेल की तरह होते हैं। लाइफस्टाइल और खान-पान में कुछ बदलावों से आप इसे कम कर सकती हैं। हालांकि, अगर आपको इन दिनों में बहुत अधिक ब्लड क्लॉट्स आ रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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महिलाओं की सेहत के लिए, पीरियड्स का सही होना बहुत जरूरी है। पीरियड फ्लो का बहुत कम आना या हैवी पीरियड्स होना, दोनों ही सही नहीं है। आपको पीरियड्स कितने दिन के लिए आते हैं, पीरियड कितने दिन के अंतराल पर आते हैं, फ्लो कैसा है और इन दिनों में कितना दर्द होता है, ये सारी चीजें महिलाओं की हेल्थ से जुड़ी काफी जानकारी देती हैं। पीरियड ब्लड में कई बार महिलाओं को बहुत अधिक ब्लड क्लॉट्स आते हैं। ये क्लॉट्स असल में जेल की तरह होते हैं इनका साइज छोटा होता है। ये एक तरह के टिश्यूज होते हैं, जो पीरियड्स के वक्त यूट्रस से बाहर आते हैं। कभी-कभार इन ब्लड क्लॉट्स का आना सही है। लेकिन, अगर आपको पीरियड साइकिल के दौरान ज्यादातर ये ब्लड क्लॉट्स आते हैं, तो आपको इन पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल अधिक होने की वजह से होता है। डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों की मदद से इसे कम किया जा सकता है। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

पीरियड के दिनों में ब्लड क्लॉट्स कम करने में मदद करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

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  • एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़े होने की वजह से पीरियड्स के दौरान ब्लड में अधिक क्लॉट्स आते हैं। ऐसे में एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करें।
  • प्लास्टिक कंटेनर्स या बोतलों का इस्तेमाल कम करें। प्लास्टिक में कई ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन जैसा काम करते हैं और हार्मोनल इंबलैंस की वजह बन सकते हैं।
  • कॉस्मेटिक में एंड्रोक्राइन को डिस्टर्ब करने वाले कई केमिकल्स होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में कॉस्मेटिक का इस्तेमाल बहुत अधिक न करें।
  • डाइट में स्पियरमिंट टी को जरूर शामिल करें। इससे हार्मोन्स बैलेंस रहते हैं और शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम करने में मदद मिलती है।
  • स्ट्रेस की वजह से भी शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होता है। इससे एस्ट्रोजन लेवल बढ़ सकता है। इसलिए, स्ट्रेस को मैनेज करने की कोशिश करें।

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फैट कम करने की कोशिश करें। फैट बढ़ने पर भी शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और इसका असर पीरियड्स पर होता है।
कई परफ्यूम में सिथेंटिक केमिकल्स होते हैं। ये एंड्राकाइन को डिस्टर्ब करते हैं और हार्मोन्स इंबैलेंस होने लगते हैं।
7-8 घंटे की नींद लें। शरीर में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए, अच्छी नींद बहुत जरूरी है।
फाइबर से भरपूर डाइट लें। इससे बाउल मूवमेंट सही होता है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त एस्ट्रोजन बाहर निकल जाता है।
गट को हेल्दी बनाने के लिए, डाइट में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। इससे गट हेल्थ अच्छी बनी रहती है और एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है।

पीरियड्स ब्लड में अगर आपको बहुत अधिक क्लॉट्स आते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit: Freepik, Shutterstock

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