कोरोना वायरस चीन से निकल कर अब दूसरे देशों भी पहुंच गया है। केरल में इसके 3 मामलों की पुष्टि के साथ ही भारत में भी इसकी एंट्री हो गई है। ये 28 देशों में फैल गया है। चीन से दुनियाभर में फैला कोरोना वायरस कैसे फैलता है? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। खासतौर पर नॉनवेज खाने वाले लोगों में भी इस बात की चिंता है कि क्या कोरोना वायरस नॉनवेज से भी फैल सकता है। जी हां जब चीन और दुनियाभर में कोरोना वायरस के कारण लोगों की मौत हो रही है तब इस सवाल का जवाब जरूरी हो गया है।
यह वायरस जितना घातक है, उतना ही जानलेवा भी है, इससे जुड़ी कई गलत धारणाएं हैं। भोजन से जुड़ी कुछ गलतफहमियां हैं जो इंटरनेट और सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं और इसके साथ ही लोगों को भ्रम भी हो रहा है कि क्या खाएं और क्या नहीं! अगर आपके मन में भी ऐसे ही कुछ सवाल हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ें।
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कोरोना वायरस वुहान, चीन और गीले बाजारों से शुरू होने की सूचना है जहां लोग हर दिन मीट की खरीदारी करने आते हैं। इन बाजारों में, लोग सभी प्रकार के मीट- चिकन, समुद्री भोजन, मटन, भेड़, सुअर और यहां तक कि सांपों को बेचते और खरीदते हैं। इसी कारण से, भारत में लोगों को संदेह है कि क्या समुद्री भोजन खाना चाहिए। इस भ्रम के बारे में यह कहा गया है कि भारत में समुद्री भोजन खाने के लिए सुरक्षित है क्योंकि समुद्री जानवरों और कोरोना वायरस के बीच कोई लिंक नहीं है।
कोरोना वायरस को लेकर एक और गलत धारणा है कि किसी भी तरह के मीट के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि यह वायरस जानवरों से लोगों में फैलता है। लेकिन लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि, अब तक कुछ भी स्थापित नहीं किया गया है और यह भारत में नॉनवेजिटेरियन फूड पूरी तरह से सुरक्षित है। केवल एक चीज जिसे आपको ध्यान रखने की जरूरत है, और वह यह है कि मीट को हाइजीनिक रूप से पकाया होना चाहिए और यह कच्चा नहीं होना चाहिए, जोकि एनिमल मीट के माध्यम से फैलने वाली किसी भी बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
कोरोना वायरस के फैलने के लिए जंगली जानवरों के सेवन को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें अभी तक सबसे बड़ी भूमिका चमगादड़ों की मानी जा रही है। जी हां हाल ही में, एक चाइनीज व्लॉगर ने खुद का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें 'बैट सूप' का मजा ले रहा था। इसने कई दावों को जन्म दिया कि कोरोनवायरस वायरस के मीट के माध्यम से फैल रहा है, जो वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सच हो सकता है। कोरोना वायरस एक जूनोटिक रोग है और जानवरों से लोगों में फैलता है। हालांकि बैट मीट के लिए कई दावे किए गए हैं, लेकिन निर्णायक कुछ भी स्थापित नहीं किया गया है। बैट, सांप और कोरोना वायरस के बीच लिंक की खोज अब तक वैज्ञानिक कर रहे हैं।
विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यह माना गया है कि लहसुन वास्तव में इस घातक संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। हालांकि लहसुन में मौजूद ऑर्गोसल्फ़र तत्व और एंटी-माइक्रोबियल गुण निस्संदेह असाधारण हैं और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता हैं। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लहसुन कोरोना वायरस में मदद कर सकता है।
अगर आपके मन में भी कोरोना वायरस को लेकर ऐसी ही कोई गलतफहमी हैं तो यह आर्टिकल पढ़ने के बाद शायद आपको भी समझ में आ गया होगा।
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