आज के वक्त में खुश रहना भी किसी बड़ी नेमत से कम नहीं है। यकीन मानिए, शायद चेहरे की मुस्कान और दिल का सुकून, उन चंद चीजों में से है, जिनकी कीमत अदा नहीं की जा सकती है, क्योंकि ये बेशकीमती हैं। आज के वक्त में सभी किसी न किसी बात को लेकर तनाव में जरूर हैं। नौकरी, एग्जाम या घर-परिवार को लेकर छोटी-बड़ी टेंशन या तनाव बेशक आम बात है और यह हम सभी की जिंदगी का हिस्सा है। लेकिन, अगर आप लंबे वक्त से किसी भी चीज को लेकर तनाव में हैं, जिसका असर आपकी हेल्थ और रूटीन लाइफ पर हो रहा है, तो यह सही नहीं है। खासकर, महिलाओं की सेहत को तनाव कई तरीकों से प्रभावित करता है। इसका असर, महिलाओं के पीरियड्स पर भी होता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। कोर्टिसोल का लेवल बढ़ने पर महिलाओं के शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
पीरियड्स का अनियमित होना
पीरियड्स को कंट्रोल करने के लिए, शरीर में कई हार्मोन्स का लेवल सही होना चाहिए। इनमें से कई हार्मोन्स ब्रेन से रिलीज होते हैं और इसलिए, अधिक स्ट्रेस के कारण, ये हार्मोन्स इंबैलेंस होने लगते हैं। शरीर में कोर्टिसोल लेवल बढ़ने पर, महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। यहां तक कि कई बार पीरियड्स स्किप भी हो जाते हैं और ब्लीडिंग पर भी असर होता है।
एक्ने होना
अगर आपको एक्ने अधिक हो रहे हैं, तो यह भी इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ गया है। कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने पर, ऑयल प्रोडक्शन बढ़ने लगता है और बैक्टीरिया से लड़ने की शरीर की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में महिलाओं को एक्ने हो सकते हैं।
बेली फैट बढ़ना
महिलाओं में स्ट्रेस बढ़ने पर बेली फैट भी बढ़ने लगता है। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होने के कारण, अगर आपकी डाइट हेल्दी या कम भी है, तब भी, कोर्टिसोल का लेवल बढ़ने पर, पेट और कमर के इर्द-गिर्द चर्बी बढ़ने लगती है।
हेयरफॉल अधिक होना
अगर अचानक से आपके बाल झड़ने लगे हैं, तो यह भी कोर्टिसोल के बढ़े होने का संकेत है। दरअसल, कोर्टिसोल हमारी स्किन और बालों की हेल्थ पर भी असर डालता है। इसकी वजह से हेयर फॉल और समय से पहले बालों के सफेद होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
सेक्शुअल हेल्थ पर असर
स्ट्रेस की वजह से शरीर में हार्मोन्स इंबैलेंस हो सकते हैं। इसका असर लिबिडो, सेक्शुअल अराउजल और आर्गेज्म पर भी होता है। महिलाओं के शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने से सेक्स हार्मोन्स एस्ट्रोजन और टेस्टेस्टेरोन का लेवल कम होने लगता है। साथ ही, वेजाइनल ड्राइनेस, लिबिडो में कमी और ऑर्गेज्म में मुश्किल भी, कोर्टिसोल के बढ़ने का संकेत है।
अधिक कमजोरी महसूस होना
अगर आपको बहुत अधिक थकान और कमजोरी लगती है, तो यह भी स्ट्रेस हार्मोन के बढ़ने का एक संकेत है। पूरी नींद और सही खान-पान के बावजूद, अगर आप अधिक तनाव में हैं, तो एनर्जी लेवल कम रहता है।
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स्ट्रेस हार्मोन को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह लें। साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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