माइग्रेन का दर्द बेहद ही खतरनाक होता है। जब माइग्रेन की वजह से सिर में दर्द होता है तो उसे बरदाश्त कर पाना आसान नहीं होता है। अमूमन ऐसी कई चीजें होती हैं, जो माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकती हैं। कभी तेज धूप तो कभी खाना, आपकी स्थिति को बद से बदतर बना सकती हैं। अमूमन इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग कई नेचुरल उपायों का सहारा लेते हैं और इन्हीं में से एक है योगासन। जब आप योगासन करते हैं तो इससे आपकी माइंड की मसल्स रिलैक्स होती हैं और इससे आपको काफी आराम मिलता है। लेकिन हर बार ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ योगासन करने से आपका सिरदर्द बढ़ भी सकता है। जी हां, ऐसे कुछ योगासन होते हैं, जिन्हें माइग्रेन होने पर करने से बचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रही हैं, जिन्हें माइग्रेन होने पर करने से बचना चाहिए-
शीर्षासन
माइग्रेन होने पर शीर्षासन करने से बचना चाहिए। दरअसल, जब आप शीर्षासन करते हैं, तो ऐसे में आपका सारा खून सिर की तरफ बहने लगता है। अगर आपको माइग्रेन है तो यह आपके लिए एक ट्रिगर की तरह काम कर सकता है। शीर्षासन करने से दिमाग के अंदर दबाव बढ़ जाता है। इंटरनेशनल हेडेक सोसाइटी की जर्नल में छपी एक स्टडी के अनुसार, दिमाग में ब्लड फ्लो का बदलाव माइग्रेन का बड़ा कारण हो सकता है। उल्टा योगासन करने से समस्या हो सकती है।
हलासन
माइग्रेन की समस्या झेल रहे लोगों को हलासन भी नहीं करना चाहिए। जब हलासन किया जाता है तो इससे गर्दन और रीढ़ की हड्डी में बहुत ज़्यादा खिंचाव आता है। इतना ही नहीं, हलासन करते हुए कभी-कभी लोग गलतियां भी करते हैं। ऐसे में गर्दन में अकड़न बढ़ सकती है और इससे माइग्रेन का दर्द और भी बढ़ सकता है। हेडेकः द जर्नल ऑफ हेड एंड फेस पेन में छपी एक रिपोर्ट में बताती है कि रीढ़ की हड्डी की गलत पोजीशन ट्राइजेमिनल नर्व को चिढ़ा सकती है, जो माइग्रेन से जुड़ी होती है।
सर्वांगासन
जिस तरह माइग्रेन की समस्या होने पर शीर्षासन नहीं करना चाहिए, ठीक उसी तरह सर्वांगासन का अभ्यास करने से भी आपका सिरदर्द बढ़ सकता है। दरअसल, सर्वांगासन भी शीर्षासन की तरह सिर में खून की मात्रा बढ़ा देता है। इतना ही नहीं, इस आसन का अभ्यास करने के दौरान गर्दन पर जो दबाव पड़ता है, उससे नसें दब सकती हैं या फिर ब्लड फ्लो रुक सकता है। 2011 में द जर्नल ऑफ़ पेन रिसर्च में छपी एक स्टडी के अनुसार, गर्दन की मांसपेशियों में तनाव माइग्रेन में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
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उष्ट्रासन
माइग्रेन के रोगियों के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास करना अच्छा नहीं माना जाता। इस आसन को करते समय आपको पीछे की तरफ झुकना होता है। ऐसे में सिर झटके से पीछे चला जाता है और इससे गर्दन पर खिंचाव आता है। ऐसे में सर्वाइकल रीजन दबता है। जिससे सिरदर्द की शिकायत बढ़ सकती है।
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