पीसीओएस और थायरायड को एक साथ कंट्रोल में मददगार साबित हो सकते हैं ये योगासन, एक्सपर्ट से जानें

अगर आपको पीसीओएस के साथ-साथ थायरायड की भी समस्या है तो उसे नेचुरल तरीके से मैनेज करने के लिए कुछ योगासनों का सहारा ले सकती हैं। जानिए इस लेख में।
Yoga for PCOS and thyroid

आज के समय में महिलाओं को एक साथ कई-कई तरह की हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह समझ में ही नहीं आता कि इसे कैसे मैनेज किया जाए। इन्हीं समस्याओं में शामिल है पीसीओएस और थायराइड की समस्या। पीसीओएस में जहां पीरियड्स गड़बड़ाने से लेकर वजन बढ़ने, फेशियल हेयर ग्रोथ व मूड स्विंग्स की शिकायत होती है। वहीं, थायराइड में थकान से लेकर हेयर फॉल, मेटाबॉलिज़्म स्लो होने जैसी कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को मैनेज करने के लिए दवाओं का सेवन तो किया ही जाता है, लेकिन इसके अलावा अपने लाइफस्टाइल के जरिए भी आप अपनी इन हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं।

मसलन, अगर आप योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लेती हैं तो ऐसे में समय के साथ आपकी स्थिति बेहतर होती चली जाती है। जी हां, ऐसे कुछ खास योगासन हैं जो इन दोनों दिक्कतों को एक साथ ठीक करने में मदद करते हैं, इसलिए इन योगासनों का अभ्यास करना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो पीसीओएस और थायरॉइड दोनों में फायदेमंद होते हैं-

सेतु बंधासन (setu bandhasana)

अगर आपको थायराइड व पीसीओडी की शिकायत है तो ऐसे में सेतु बंधासन का अभ्यास करना अच्छा विचार हो सकता है। इससे ना केवल टेंशन कम होता है, बल्कि हार्मोन को बैलेंस करना आसान हो जाता है। दरअसल, इस आसन का अभ्यास करते हुए गले पर हल्का सा दबाव पड़ता है, जिससे थायराइड ग्लैंड एक्टिव हो जाता है। साथ ही साथ, स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल भी कम होने लगता है, जो पीसीओडी में एक ट्रिगर की तरह काम करता है।

Yoga for women with thyroid and PCOS issues

कैसे करें

  • सेतु बंधासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब घुटनों को मोड़ लें और पैर ज़मीन पर टिके रहें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे अपनी कमर और हिप्स को ऊपर उठाएं।
  • चिन को हल्के से छाती से टच होने दें।
  • इस पोज़ में करीब 30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे से नीचे आ जाएं।

ऊष्ट्रासन (Ustrasana)

थायराइड और पीसीओडी को मैनेज करने में ऊष्ट्रासन बेहद ही फायदेमंद माना गया है। दरअसल, इस आसन का अभ्यास करते हुए आप अपने गले को पीछे की तरफ खींचती हैं, जिससे थायराइड ग्रंथि एक्टिव होती है। साथ ही साथ, हार्मोन बैलेंस करने में भी मदद मिलती है।

Yoga for women with thyroid and PCOS issues expert

कैसे करें

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • अब धीरे-धीरे कमर को पीछे की ओर मोड़ें और दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ो।
  • गर्दन को धीरे से पीछे की ओर ढीला छोड़ दो।
  • लंबी गहरी सांस लो और 20-30 सेकंड तक इसी पोज़ में रुकने की कोशिश करें।
  • उसके बाद सामान्य अवस्था में लौट आएं।

भुजंगासन (Bhujangasana)

अगर आपको थायराइड के साथ-साथ पीसीओडी की भी शिकायत है तो भुजंगासन का अभ्यास करना आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। यह आसन पेट के आस-पास जमा चर्बी को भी कम करने में मदद करता है, जो पीसीओएस में अक्सर बढ़ जाती है।

Yoga to control PCOS symptoms and thyroid imbalance

कैसे करें

  • सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
  • अब आप हथेलियां कंधों के नीचे जमीन पर टिकाओ।
  • अब धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं।
  • गहरी सांस लें और 15-30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
  • फिर धीरे से वापिस नीचे आ जाएं।

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Image Credit- freepik

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