एक्सरसाइज के दौरान अक्सर लोग अपनी बॉडी के अलग-अलग पार्ट्स पर फोकस करते हैं। ऐसा करने से उन्हें मनचाहा रिजल्ट पाने में मदद मिलती है। अगर एब्डोमिनल एक्सरसाइज की बात हो तो उसमें सिटअप्स का नाम अवश्य लिया जाता है। यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें लेटकर व घुटनों को मोड़कर अपर बॉडी को उठाने का प्रयास किया जाता है, जिससे एब्डोमिनल मसल्स को मजबूत करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ इससे वजन भी कम होने लगता है और बॉडी शेप में आती है।
इतना ही नहीं, इस एब्डोमिनल एक्सरसाइज को करते समय अक्सर लोग कुछ वैरिएशन भी करते हैं। मसलन, डम्बल सिट अप्स से लेकर वेटेड प्लेट सिट अप्स इसकी एडवांस स्टेज मानी जाती है।
लेकिन अक्सर देखा जाता है कि जो लोग बिगनर होते हैं, वह सिटअप्स करते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उन्हें लाभ कम और नुकसान ज्यादा होता है। तो चलिए आज इस लेख में फिटनेस एक्सपर्ट जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसी ही सिटअप्स मिसटेक्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको वास्तव में बचना चाहिए-
चूंकि सिटअप्स करते समय आपको अपनी अपर बॉडी को पुश करना होता है और जो लोग बिगनर होते हैं, वह अक्सर अपनी अपर बॉडी को गर्दन की मदद से उठाने की मदद करते हैं। लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
गर्दन पर अधिक दबाव पड़ने चोट लगने का खतरा बना रहता है। ध्यान रखें कि आपके हाथ आपकी गर्दन के पीछे होने का एकमात्र कारण यह है कि वे आपके सिर को सहारा दे सकें। आपको अपने शरीर को ऊपर खींचने के लिए उनका उपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि सभी हैवी लिफ्टिंग आपके कोर के साथ किया जाना चाहिए।
यह भी एक गलती है, जिसे अक्सर लोग कर बैठते हैं। जो लोग बिगनर होते हैं, उनके लिए सिटअप्स करना शायद उतना कंफर्टेबल ना हो। इस स्थिति में अधिकतर लोग इसे जल्दी खत्म करना चाहते हैं। इसलिए, वह अपने सिटअप्स काउंट को जल्द से जल्द करते हैं। लेकिन आपको वास्तव में ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे भी आपको चोट लगने की संभावना बनी रहती है। कोशिश करें कि आप धीरे-धीरे आगे बढ़ें ताकि वास्तव में आपकी मांसपेशियां इसे महसूस कर सकें और प्रत्येक सिट-अप से आपको अधिकतम लाभ मिल सके।
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एक बात आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि सिट-अप्स को कभी भी सीधे पैरों से नहीं करना चाहिए। यदि घुटनों को फ्लेक्स नहीं किया जाता है, तो इससे आपकी रीढ़ की हड्डी पर बहुत अधिक जोर पड़ता है, जो ठीक नहीं है। हालांकि, घुटनों को मोड़ते समय आपको यह भी ध्यान रखना है कि अगर आप सिटअप्स में वैरिएशन नहीं कर रही हैं तो अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से रखें, ताकि जब भी आप व्यायाम करें तो वे ऊपर और नीचे ना हिलें।
जब आप सिटअप्स कर रही हैं तो आपको हमेशा केवल ऊपर और नीचे जाने वाली एक्सरसाइज ही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपके पूरे कोर की स्ट्रेंथनिंग नहीं हो पाती है। बल्कि कोशिश करें कि आप इसमें कुछ वैरिएशन करें और डायरेक्शन चेंज करें।
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आप साइड-टू-साइड, ट्विस्टिंग, बैकवर्ड, और अन्य कई तरीकों से सिटअप्स कर सकती हैं। इससे आप अधिक बेहतर तरीके से अपनी बॉडी का ख्याल रख पाती हैं और सिट-अप्स से आपको मैक्सिमम लाभ मिलता है।
अब जब भी आप सिटअप्स एक्सरसाइज का अभ्यास करें तो इन गलतियों को दोहराने से बचें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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