Mudra For Overthinking: ओवरथिंकिंग कोई बीमारी नहीं है ये एक तरह की नेगेटिव हैबिट है जो पास्ट में हुए कुछ अनुभवों के कारण जन्म लेती है। ये आपके इमोशन और फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। ओवरथिंकिंग के कारण आपको एंग्जायटी, पैनिक अटैक और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आजकल के युवाओं में यह आदत काफी ज्यादा देखने को मिल रही है। अगर आप भी ओवरथिंकिंग के शिकार हैं तो आप इन योग मुद्राओं की मदद से इस समस्या पर काबू पा सकते हैं। इस बारे में जानकारी दे रही हैं योगा एक्सपर्ट डॉ. नुपुर रोहातगी
ओवरथिंकिंग दूर करने के लिए करें ये मुद्रा
- ज्ञान मुद्रा करने से मन मस्तिष्क को शांति मिलती है। क्रोध, भय, शोक, जलन जैसी समस्या से छुटकारा मिलताहै। मस्तिष्क के कार्यों में सुधार होता है। याददाश्त बेहतर होती है।
- वायु मुद्रा मन को शांत रखने में मददगार होती है। इससे स्मरण शक्ति को बढ़ावा मिलता है। ओवरथिंकिंग के कारण होने वाले तनाव से छुटकारा मिलता है।
- पृथ्वी मुद्रा करने से पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। थकान दूर होती है। (फिट रहने में मदद करते हैं ये योगासन)
कैसे करें वायुमुद्रा
- वायुमुद्रा करने के लिए आप मैट बिछा कर शांत वातावरण में सुखासन में बैठ जाएं।
- अब खुद को रिलैक्स करते हुए कंधे को ढीला कर लें।
- अपनी आंखों को बंद करें और गहरी सांस लें।
- सांसों पर ध्यान केंद्रित रखें।
- अपने हाथ को जांघ पर रख लें और हथेली को आसमान की ओर रखें।
- इंडेक्स फिंगर को थोड़ी मोड़ें ताकि अंगूठे को छुआ जा सके।
- अब इंडेक्स फिंगर को अंगूठे की मदद से जोर डालते हुए दबाएं।
- बाकी उंगलियों को सीधा रखें
- हर रोज इस मुद्रा को 15 से 20 मिनट करने से फायदा मिलेगा।
- आप इस मुद्रा को किसी भी तरह बैठ कर, खड़े होकर,या लेट कर भी कर सकते हैं।
पृथ्वी मुद्रा कैसे करें
- इस मुद्रा को करने के लिए आप सुखासन में बैठ जाएं और खुद को रिलैक्स करें।
- अब अपनी हथेलियों को जांघों पर रखें और सांस पर ध्यान दें।
- रिंग फिंगर को अंगूठे के टिप से जोड़ें।
- बहुत ज्यादा उंगलियों पर दबाव नहीं डालना है।
- अब 15 मिनट के लिए इस मुद्रा में बैठें और धीरे-धीरे सांस लेते रहें।
- दिन में ये मुद्रा आप किसी भी वक्त कर सकते हैं।
- रोजाना करने से बेहतर परिणाम मिलना मुमकिन है।
ज्ञान मुद्रा कैसे करें
- इस मुद्रा को करने के लिए आप पद्मासन में बैठ जाएं।
- अपनी हथेलियों को जांघों के ऊपर की ओर रखें।
- अब तर्जनी उंगली से अंगूठे के छोर पर रखें।
- बाकी उंगलियां सीधी रहेंगी
- आंखें बंद रखें और गहरी और लंबी सांस लेते रहें।
- सांसों पर ध्यान केंद्रित रखें।
- इस मुद्रा का अभ्यास आधे घंटे तक करने फायदा मिल सकता है।
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