ब्रेस्ट फीडिंग करना एक मां के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होता है,हर मां इसका एहसास लेना चाहती है। वहीं ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर कई सारे मिथ भी प्रचलित हैं, ब्रेस्ट फीडिंग वीक के मौके पर हम आपको एक ऐसे ही मिथ के बारे में बताएंगे। ताकि बच्चे को फीड कराने में दिक्कत ना आए। दरअसल अक्सर महिलाएं सोचती हैं की ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वर्कआउट नहीं करना चाहिए, इससे दूध बनने में परेशानी होती है,तो आइए जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है? डॉक्टर शकुंतला नाग इस बारे में जानकारी दे रही हैं।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को वर्कआउट करना चाहिए या नहीं?
आजकल की जो नई मां होती हैं उन्हें अपने फिगर की भी चिंता सताती है और बच्चों को फीड भी करना होता है ऐसे में उनके लिए इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक स्तनपान कराने वाली महिलाएं वर्कआउट कर सकती हैं, इसका दूध के उत्पादन की कमी से कोई लेना देना नहीं है। यह सिर्फ एक मिथ है। एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं के दूध की क्वालिटी पर असर पड़ता है इस बात को लेकर कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं। बल्कि एकसरसाइज दूध के उत्पादन को प्रोत्साहित कर सकता है।
वर्कआउट के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
अक्सर नई माओं को डिप्रेशन हो जाता है ऐसे में एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिंस रिलीज होते हैं जो तनाव और अवसाद को कम कर सकते हैं। नियमित व्यायाम से ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है जिससे मां का मूड बेहतर होता है।
आपको कोई भी गतिविधि धीरे-धीरे शुरू करनी चाहिए। 10-15 मिनट की कम प्रभाव वाली कार्डियो गतिविधियों जैसे तैराकी, पैदल चलने से शुरुआत करना चाहिए । हेल्थ एक्सपर्ट प्रसव के 6 सप्ताह बाद तक हल्का व्यायाम करने और उसके बाद धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाने की सलाह देते हैं।यह भी पढ़ें-लंग्स रहेगा हेल्दी और चेहरे पर आएगी चमक, करें यह एक्सरसाइज
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