क्‍या खांसने पर आपका यूरिन निकलता है? जानें महिलाओं की इस समस्‍या का 1 जबरदस्‍त उपाय

खांसने, छींकने या हंसने पर यूरिन लीक होने से परेशान हैं? यह यूरिनरी इनकंटीनेंस की समस्या है, जो खासकर प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज में होती है। योग इंस्ट्रक्टर एक ऐसे  आसान उपाय के बारे में बता रही हैं, जो आपको इस परेशानी से छुटकारा दिलाकर आत्मविश्वास लौटा सकता है। 
prithvi mudra to control urine leakage

क्या आपको कभी ऐसा महसूस होता है कि वॉशरूम तक पहुंचते-पहुंचते ही यूरिन निकल गया? या फिर क्या खांसने, छींकने या हंसने पर भी आपके कपड़ों में यूरिन लीक हो जाता है? अगर हां, तो आप अकेली नहीं हैं। यह समस्या , जिसे यूरिनरी इनकंटीनेंस भी कहते हैं, कई महिलाओं को परेशान करती है, खासकर प्रेग्‍नेंसी, डिलीवरी या मेनोपॉज के दौरान। इसका मुख्य कारण ब्लैडर की मसल्‍स में कमजोरी हो सकता है। लेकिन, आपको परेशान होने की बिल्‍कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि एक आसान और प्राचीन उपाय आपकी मदद कर सकता है। जी हां, हम पृथ्वी मुद्रा के बारे में बात कर रहे हैं, जो आपकी इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं और आप जीवन में एक बार फिर आत्‍मविश्वास महसूस कर सकती हैं।

इसके बारे में हमें आर्ट ऑफ लिविंग फैकल्टी और गुरुदेव श्री श्री रविशंकर की शिष्या सर्टिफाइड योगा इंस्ट्रक्टर मनीषा यादव बता रही हैं। लेकिन, सबसे पहले हम यूरिन लीकेज के कारणों के बारे में बता देते हैं।

क्यों होता है यूरिन लीकेज?

how to control urine leakage after delivery

  • मोटापा ब्लैडर और पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स पर लगातार प्रेशर डालता है। इससे मसल्‍स कमजोर हो सकती है और यूरिन लीकेज की समस्‍या होती है। साथ ही, मोटापे से ब्‍लैडर को यूरिन रोकने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है।
  • बढ़ती उम्र के साथ यूरिनरी ट्रेक्‍ट की मसल्‍स कमजोर होने लगती हैं। इससे यूरिन पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, बढ़ती उम्र में यूरिन लीकेज की समस्‍या होती है।
  • प्रेग्‍नेंसी और डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स पर बहुत ज्‍यादा प्रेशर पड़ता है ये मसल्‍स ब्‍लैडर और यूरिन मार्ग को सहारा देती हैं। इस प्रेशर और स्‍ट्रेच के कारण ये मसल्‍स कमजोर हो जाती है, जिससे यूरिन लीकेज की समस्‍या होती है।
  • मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है। एस्ट्रोजन हार्मोन यूरिन मार्ग की मसल्‍स को मज़बूत बनाए रखता है। जब इस हार्मोन का लेवल गिरता है, तब यूरिन मार्ग की मसल्‍स कमजोर होने लगती है, जिससे ब्लैडर पर कंट्रोल कम हो जाता है।

ब्लैडर की कमजोरी का नेचुरल तरीका है पृथ्वी मुद्रा

पृथ्वी मुद्रा को योग और मुद्रा में सबसे शक्तिशाली माना जाता है, जो शरीर में पृथ्वी तत्व को बैलेंस करती है। यह मुद्रा न सिर्फ शरीर के लिए अच्‍छी होती है, बल्कि आंतरिक अंगों और ऊर्जा केंद्रों पर भी गहरा असर डालती है। इसे रोजाना करने से महिलाओं की यूरिन लिकेज की समस्‍या कंट्रोल में रहती है, क्‍योंकि यह ब्‍लैडर की कमजोरी को दूर करती है।

पृथ्वी मुद्रा कैसे करें?

prithvi mudra benefits for women health

  • इसे करने के लिए किसी सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं।
  • अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर करके घुटनों पर रखें।
  • फिर अपनी अनामिका उंगली के सिरे को अंगूठे के सिरे से मिलाएं। बाकी तीनों उंगलियों को सीधा और फैला हुआ रखें।
  • इस मुद्रा को दोनों हाथों से एक साथ करें।
  • अपनी आंखें बंद करें और धीमी व गहरी सांसें लें।
  • अपने ध्यान को अपनी सांसों और शरीर पर फोकस करें।

शुरुआत में रोजाना 15-20 मिनट तक पृथ्वी मुद्रा करें। यदि संभव हो, तो आप इसे दिन में दो बार सुबह खाली पेट और शाम को भी कर सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि मुद्रा का असर तभी दिखता है, जब इसे लंबे समय तक और लगातार किया जाता है। इसलिए, धैर्य रखें और रेगुलर करें।

यूरिन लीकेज को रोकने के लिए पृथ्वी मुद्रा के फायदे

पृथ्वी मुद्रा, ब्लैडर की कमजोरी और इससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।

prithvi mudra to control urine leakage

  • पृथ्वी मुद्रा का सीधा संबंध पृथ्वी तत्व से है, जो स्थिरता का प्रतीक है। यह शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत बनाती है। यह ब्लैडर और पेल्विक एरिया की मसल्‍स के लिए अच्‍छी होती है।
  • पृथ्वी मुद्रा का संबंध मूलाधार चक्र से होता है, जो रीढ़ की हड्डी के बेस में होता है। यह चक्र शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। इस चक्र को बैलेंस करके पृथ्वी मुद्रा ब्लैडर के कार्य को सही करती है।
  • यह मुद्रा पेल्विक और ब्लैडर के आसपास के हिस्सों में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती है। इससे ऊर्जा के बेहतर संचार से ब्लैडर की मसल्‍स और नसों को ताकत मिलती है, जिससे यूरिन को कंट्रोल करने की क्षमता बढ़ती है।
  • पृथ्वी मुद्रा शरीर में टिश्‍युओं के पुनर्जनन में सहायक होती है। यह शरीर के निचले हिस्‍से को मजबूती देती है। इससे ब्‍लैडर की मस्‍लस और आस-पास के टिश्यू हेल्‍दी होते हैं, जिससे लीकेज जैसी समस्या में सुधार होता है।

यदि आप ब्लैडर की कमजोरी या यूरिन लीकेज की समस्या से जूझ रही हैं, तो पृथ्वी मुद्रा को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करें। यह नेचुरल और सेेफ तरीका है, जो बिना किसी साइड इफेक्‍ट्स के आपकी समस्या को कंट्रोल कर सकता है।

अगर आपको स्किन और स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock

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FAQ

  • क्या खांसते समय यूरिन लीक होना नॉर्मल है?

    पेशाब से जुड़ी इस बीमारी को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहते हैं।
  • खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब क्यों लगता है?

    खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब इसलिए आता है, क्‍योंकि भोजन के बाद शरीर टॉक्सिंस को बाहर निकालने के प्रोसेस में भी लगा रहता है। 
  • पेशाब लीक क्‍यों होता है?

    पेशाब लीक होने के कारणों में सबसे अहम मसल्‍स का कमजोर होना है, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स के रूप में जाना जाता है।