जब भी वर्कआउट की बात आती है तो हम सभी कई तरह की एक्सरसाइज व तरीकों को अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बनाते हैं। हालांकि, किसी भी एक्सरसाइज या वर्कआउट रूटीन को अपने फिटनेस लेवल व स्ट्रेन्थ को ध्यान में रखकर ही हम करते हैं। हम सभी टोन बॉडी पाना चाहते हैं और इसके लिए सिर्फ कार्डियो करना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग भी करनी होती है।
स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते हुए अक्सर लोग फ्री-वेट लिफ्टिंग करते हैं तो कुछ बॉडी-वेट ट्रेनिंग करना अधिक पसंद करते हैं। हमेशा ही इस बात को लेकर बहस रही हैं कि शरीर के लिए फ्री-वेट लिफ्टिंग और बॉडी-वेट ट्रेनिंग में से क्या बेहतर है।
वास्तव में बॉडी-वेट ट्रेनिंग और फ्री-वेट लिफ्टिंग दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जो रेसिस्टेंस ट्रेनिंग या स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग में मदद करते हैं। बॉडी वेट ट्रेनिंग को आमतौर पर शुरुआती लोगों के लिए अच्छा माना जाता है जो भारी वजन उठाने के लिए अभी तैयार नहीं हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको फ्री-वेट लिफ्टिंग और बॉडी-वेट ट्रेनिंग के बीच के अंतर के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी अपने लिए बेहतर ऑप्शन चुन पाएंगे-
बॉडी-वेट ट्रेनिंग के फायदे
अगर आप अपने वर्कआउट रूटीन में बॉडी-वेट ट्रेनिंग को शामिल करते हैं तो इससे आपको कई फायदे मिल सकते हैं। मसलन-
- बॉडीवेट एक्सरसाइज के लिए किसी इक्विपमेंट की जरूरत नहीं होती है, इसलिए आप इसे कहीं पर भी कर सकते हैं।
- कई बॉडीवेट एक्सरसाइज एक साथ कई मसल्स ग्रुप को शामिल करती हैं। इसे करते हुए आपका कोर भी एंगेज होता है।
- अगर एक बिगनर हैवी वेट नहीं उठा सकता है, तो उसके लिए बॉडी-वेट ट्रेनिंग करना एक अच्छा ऑप्शन है। इसके अलावा, इसे एथलीट्स के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है।
- आम तौर पर, वेट ट्रेनिंग की तुलना में बॉडीवेट एक्सरसाइज में चोट लगने का जोखिम कम होता है।
बॉडी-वेट ट्रेनिंग के नुकसान
जहां बॉडी-वेट ट्रेनिंग के कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान या अपनी सीमितताएं भी हैं। मसलन-
- इसमें आप हर दिन सिर्फ अपनी बॉडी के वजन से एक्सरसाइज करते हैं तो आपके लिए अपने फिटनेस लेवल को चैलेंज करना काफी कठिन हो जाता है।
- इसमें एक साथ कई मसल्स का वर्कआउट होता है, इसलिए अगर आप विशेष रूप से किसी एक खास मसल को टारगेट करना चाहते हैं तो बॉडी-वेट ट्रेनिंग के जरिए आप ऐसा नहीं कर पाते हैं।
वेट लिफ्टिंग के फायदे
जिम में अक्सर लोग वेट लिफ्टिंग करते हुए नजर आते हैं। इससे कई फायदे मिलते हैं। मसलन-
- वेट लिफ्टिंग करते हुए आप अपनी क्षमतानुसार धीरे-धीरे वजन को बढ़ा सकते हैं,, जिससे मसल्स ग्रोथ के साथ-साथ बॉडी स्ट्रेन्थ में मदद मिलती है।
- वेट लिफ्टिंग के लिए आप डम्बल से लेकर बारबेल व कई तरह की मशीनों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे आप टारगेट मसल ट्रेनिंग कर सकते हैं।
- यह कई बड़ी मसल्स ग्रुप की स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करने में मदद करता है।
- वेट लिफ्टिंग को बोन हेल्थ के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। वेट लिफ्टिंग बोन डेंसिटी को बढ़ाती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम होता है।
वेट लिफ्टिंग के नुकसान
जहां वेट लिफ्टिंग करने के कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। मसलन-
- वेट लिफ्टिंग के लिए आपको इक्विपमेंट की जरूरत होती है, इसलिए वेट लिफ्टिंग करना हर जगह संभव नहीं होता।
- वेट लिफ्टिंग करना थोड़ा महंगा हो सकता हैं, फिर चाहे आप जिम में हों या फिर घर पर वेट लिफ्टिंग करें, आपको इक्विपमेंट की जरूरत होती है।
- अगर वेट लिफ्टिंग को सही तरह से ना किया जाए या बहुत अधिक वजन उठा जाए तो इससे चोट लगने का खतरा बना रहता है।
बॉडी वेट एक्सरसाइज या वेट लिफ्टिंग में अंतर
बॉडी वेट एक्सरसाइज या वेट लिफ्टिंग दोनों को ही सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन फिर भी इसमें कुछ अंतर है। मसलन-
- अगर आप एक बिगनर हैं तो शुरुआत में बॉडीवेट व्एक्सरसाइज करना आपके लिए अच्छा रहेगा। इसमें चोट लगने का रिस्क भी काफी कम रहता है।
- वहीं, अगर आप मसल्स ग्रोथ व स्ट्रेन्थ को बढ़ाना चाहते हैं तो ऐसे में वेट लिफ्टिंग करना अच्छा ऑप्शन है।
- बॉडीवेट एक्सरसाइज को फंक्शनल फिटनेस को बेहतर बनाता है, क्योंकि इन्हें बिना इक्विपमेंट कहीं पर भी किया जा सकता है।
- इस तरह आप अपने फिटनेस गोल्स व पर्सनल च्वॉइस को ध्यान में रखकर बॉडी वेट एक्सरसाइज या वेट लिफ्टिंग या फिर दोनों को ही अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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