मेनोपॉज़ का दौर किसी भी महिला के लिए उलझन भरा हो सकता है। यह एक ऐसा समय होता है, जब हमारे साथ क्या हो रहा है, यह अक्सर समझ ही नहीं आता है। कभी शरीर एकदम सही लगता है तो अगले ही पल शरीर आग जैसा महसूस होने लगता है। मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज, पसीना और बैचेनी आपको काफी परेशान कर सकती है। इससे ना तो काम में मन लगता है और ना ही मूड अच्छा रहता है। यहां तक कि रात में भी अच्छी तरह नींद नहीं आती है। यह सच है कि मेनोपॉज के दौरान शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होते हैं और उन्हें मैनेज करना मुश्किल होता है। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप सारी परेशानी को चुपचाप सहती रहें। मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉट फ्लैशेज और अन्य परेशानियों से निपटने में योग काफी मदद कर सकता है।
दरअसल, कुछ खास योगासन और प्राणायाम नर्वस सिस्टम को शांत करते हैं, हार्मोन को बैलेंस करते हैं और हॉट फ्लैश को कम करने में मदद करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रही हैं, जो मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।
बालासन (Balasana)
मेनोपॉज के दौरान बालासन करना काफी अच्छा माना जाता है। यह एक ऐसा आसन है, जो आपके तन व मन दोनों को शांत करता है। जब आपके तन व मन को आराम मिलता है तो इससे नर्वस सिस्टम भी शांत होता है। जिसकी वजह से हॉट फ्लैशेज भी कम होंगे। बालासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं। अब आप थोड़ा आगे झुकें और माथा ज़मीन से लगा लें। हाथों को आगे फैलाकर रखें या आराम से बगल में रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रुकें और फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
यह एक ट्विस्टिंग आसन है, जो लिवर की बेहतर सफाई में मदद करता है। जब लिवर सही तरह से काम करता है तो हार्मोन बैलेंस में मदद मिलती है। इससे हॉट फ्लैशेज भी कम होते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधी टांगों करके बैठ जाएं। अब अपना दायां पैर मोड़ें और उसे बाएं पैर के ऊपर से ले जाएं। अब दायां हाथ पीठ के पीछे टिकाएं और बांहों को थोड़ा सीधा रखें। बाएं हाथ की कुहनी को दाएं घुटने के बाहर रखें। अब धीरे-धीरे शरीर को दाईं ओर घुमाएं और पीठ की तरफ देखें। इस पोज़ में करीब 30 सेकंड तक रूकें। अब दूसरी तरफ से भी यही दोहराएं।
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विपरीत करणी आसन (Viparita Karani)
जब आप इस आसन का अभ्यास करते हैं तो इससे शरीर के ऊपरी हिस्से में खून का संचार बेहतर होता है और नर्वस सिस्टम शांत होता है। अधिकतर महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान पैरों और टखनों में सूजन की शिकायत होती है, लेकिन इस आसन का अभ्यास करने से उसे कम करने में मदद मिलती है। इस आसन के अभ्यास से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होता है और हॉट फ्लैश की तीव्रता घटती है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले किसी दीवार के पास एक तरफ़ से बैठ जाएं।
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अब धीरे-धीरे लेटते हुए अपने पैरों को ऊपर दीवार पर टिकाएं, ताकि शरीर एल शेप में आ जाए। अपने कूल्हों को दीवार के और पास खिसकाएं ताकि कमर ठीक से टिक जाए। साथ ही, हाथों को शरीर के दोनों ओर फैला लें और बिल्कुल रिलैक्स हो जाएं। कुछ देर के लिए इसी पोज़ में रहें।
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Image Credit- freepik
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