कहते हैं कि निरोगी काया सबसे बड़ा सुख होती है। यह बात पूरी तरह से सच भी है। जीवन के किसी भी पड़ाव पर अगर रोग आपसे दूर हैं, तो आप जीवन को अच्छे से जी पाएंगे। वहीं, अगर बीमारियों से आपको घेर लिया है, तो जवानी में भी आपके लिए जीवन को अच्छे से जीना संभव नहीं होगा। निरोगी रहने के लिए आपको सही खान-पान और अच्छी जीवनशैली को अपनाना होगा। न्यूट्रिशन से भरपूर खाना और एक हेल्दी लाइफस्टाइल, सेहतमंद रहने में मदद कर सकती है। योग भी जीवन को सही तरह से जीने में और बीमारियों से दूर रहने में मदद कर सकता है। खासकर, अगर बात महिलाओं की करें तो महिलाओं के लिए सेहत पर ध्यान देना थोड़ा ज्यादा जरूरी होता है। उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन्हें मैनेज करने के लिए, डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना और योग को रूटीन का हिस्सा बनाना जरूरी है। 30 की उम्र के बाद महिलाओं को इन 2 योगासनों को जरूर करना चाहिए। इससे सेहत बनी रहेगी। इस बारे में योगा एक्सपर्ट नताशा कपूर जानकारी दे रही हैं।
कैट-काऊ पोज या मार्जरी आसन (Cat Cow Pose Marjaryasana Steps and Benefits)
- इस आसन को करना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
- सबसे पहले आपको अपने हाथों और घुटनों को फर्श पर टिकाना है।
- अब घुटनों को हिप्स के नीचे रखें।
- दोनों कलाई को कंधों के नीचे रखना है।
- आपका शरीर ऐसा करते हुए एक बिल्ली यानी कैट के पोज मं आना चाहिए।
- अब जांघों को थोड़ा ऊपर करें।
- इसके बाद पैरों के घुटनों पर आपको 90 डिग्री का कोण बनाना है।
- अब लंबी सांस लें।
- सिर को पीछे की तरफ झुकाना है।
- आपको अपनी टेबलोन को ऊपर की उठाना है।
- अब आपको सांस छोड़नी है और सिर को नीचे की तरफ झुकाते हुए ठोड़ी को छाती से लगाना है।
- इसके बाद धीरे-धीरे ओरिजनल पोजिशन में वापिस आ जाएं।
- यह आसन पेल्विक फ्लोर को मांसपेशियों की मजबूती देता है। 30 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है।
- इससे पीरियड्स के दर्द और ऐंठन से भी राहत मिलती है।
- 30 के बाद शरीर की स्ट्रेचिंग जरूर होती है और उसमें यह आसन मदद करता है।
- यह आसान डाइजेशन में सुधार करता है।
पश्चिमोत्तानासन या फॉरवर्ड बेंड पोज (Forward Bend Pose for Women health in 30s)
- योगा मैट पर सीधे बैठ पर सीधे बैठ जाएं।
- इसके बाद दोनों पैरों को आगे की तरफ सीधा फैलाएं।
- अब रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
- आपको दोनों हाथों को घुटनों पर रखना है।
- दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- अब गहरी सांस लें और छाती को हल्का ऊपर की ओर फैलाएं।
- धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।
- शरीर को आपको कमर से मोड़ते हुए पैरो को छुएं।
- दोनों हाथों से पैरों के अंगूठे या तलवे को छुएं।
- शरीर पर अधिक दवाब न डालें।
- कोशिश करें कि आपका माथा घुटनों पर टच करें।
- इस पोजिशन को कुछ देर होल्ड करें।
- धीरे-धीरे सांस लें और फिर छोड़ें।
- सांस छोड़ते हुए ऊपर वापिस आएं।
- आपको शरीर पर ज्यादा प्रेशर नहीं डालना है।
- शुरुआत में जितना हो सके, उतना ही झुकें।
- इससे महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस दूर होता है।
- यह आसन, डाइजेशन को सुधारने और पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए फायदेमंद है।
- इससे पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूती मिलती है।
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महिलाओं को 30 की उम्र के बाद इन 2 योगासनों को रूटीन में जरूर शामिल करना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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