क्या खाने के बाद तुरंत पॉटी जाने का करता है मन? हो सकता है IBS, जानें किन चीजों का सेवन करने से बढ़ती है समस्या

कुछ लोगों को समस्या होती है कि वह खाने के तुरंत बाद पॉटी करने के लिए दौड़ते हैं। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है? एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण हो सकता है। ऐसे में किन चीजों को खाने से समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, आइए इस लेख में जानें।
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मेरा एक दोस्त बाहर खाने बहुत ही कम जाता है। जब वह हमारे साथ आउटिंग के लिए जाता भी है, तो काफी कम फास्ट फूड खाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे पेट से जुड़ी समस्याएं हैं। उसका कहना है कि उसे खाने के बाद पेट में मरोड़ होने लगती है। कई बार उसे फ्रेश होने का मन भी करता है।

क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि खाना खाते ही या उसके तुरंत बाद आपको टॉयलेट जाने की इच्छा होती है? अगर हां, तो यह सामान्य से हटकर हो सकता है और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का संकेत हो सकता है। IBS एक क्रॉनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है जो पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन और टॉयलेट की आदतों में बदलाव का कारण बनता है।

क्या आपको पता है कि कुछ चीजों का सेवन करने से यह स्थिति बिगड़ सकती है? इस लेख में हम आईबीएस के बारे में थोड़ा विस्तार से जानेंगे। साथ ही, इस समस्या से जूझ रहे लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, वो भी जानेंगे।

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) क्या है?

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक आम डिजीज है जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसे 'स्पास्टिक कोलन', 'इरिटेबल कोलन' या 'नर्वस स्टमक' के नाम से भी जाना जाता है।

Irritable Bowl Syndrome

यह आंत और मस्तिष्क के बीच संचार में गड़बड़ी, आंतों की मांसपेशियों के संकुचन में असामान्यताएं, आंतों में सूजन या संक्रमण और कुछ फूड आइटम्स के प्रति संवेदनशीलता से जुड़ा है। IBS के लक्षण भी हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं-

  • किसी के पेट में अक्सर दर्द या ऐंठन हो सकती है।
  • किसी को पेट फूलने की समस्या और गैस बनने की शिकायत होती है।
  • आईबीएस में किसी को दस्त लग सकते हैं, तो हो सकता है कि किसी को कब्ज हो।
  • खाने के तुरंत बाद टॉयलेट जाने की इच्छा होती है।
  • इतना ही नहीं, कई लोगों की पॉटी में पित्त भी बनते हैं।

खाने के बाद तुरंत पॉटी करने का मन क्यों होता है?

खाने के तुरंत बाद पॉटी जाने की इच्छा होना गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स (Gastrocolic Reflex) के कारण होता है। यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जिसमें खाना पेट में जाते ही आंतों को उत्तेजित करता है, जिससे मल को आगे बढ़ाने के लिए पेट में कम्प्रेशन शुरू हो जाते हैं। IBS से पीड़ित लोगों में, यह रिफ्लेक्स ज्यादा एक्टिव हो सकता है, जिससे सामान्य लोगों की तुलना में उन्हें पॉटी जाने की इच्छा ज्यादा होती है। यह कुछ खास फूड आइटम्स से ट्रिगर होता है।

किन चीजों का सेवन करने से IBS की समस्या बढ़ती है?

हम अक्सर बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ फूड आइटम्स ऐसे होते हैं, जो इन लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। कई बार तो उन फूड आइटम्स से समस्या बढ़ सकती है। इन खाद्य पदार्थों को अक्सर FODMAPs (Fermentable Oligosaccharides, Disaccharides, Monosaccharides, And Polyols) कहा जाता है। ये कार्बोहाइड्रेट छोटी आंत में ठीक से अब्सॉर्ब नहीं होते हैं और बड़ी आंत में जाते ही बैक्टीरिया इन्हें फर्मेंट करने लगता है, जिससे गैस, सूजन और पेट दर्द होता है।

food that makes irritable bowel syndrome worse

हाई FODMAP वाले खाद्य पदार्थ हैं-

लैक्टोज (डेयरी उत्पाद): दूध, पनीर, दही और आइसक्रीम। इनमें लैक्टोज होता है, जिसे कुछ लोग ठीक से पचा नहीं पाते।

फ्रुक्टोज (कुछ फल और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप): सेब, नाशपाती, आम, तरबूज, शहद और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (जो कई प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में होता है)।

फ्रुक्टन (गेहूं, प्याज, लहसुन): गेहूं की रोटी या पास्ता के अलावा प्याज, लहसुन, आदि।

गैलेक्टो-ओलिगोसैकराइड्स (GOS): फलियां (बीन्स, दालें, छोले) और कुछ नट्स।

पॉलीओल्स (कुछ फल और सब्जियां): एवोकाडो, मशरूम, खुबानी, आलूबुखारा, आदि।

प्रोसेस्ड और ऑयली फूड्स: पिज्जा, फास्ट फूड, चिप्स और अन्य फैट-युक्त खाद्य पदार्थ पाचन को धीमा कर सकते हैं और IBS के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।

कैफीन और अल्कोहल: कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स और शराब आंतों की समस्या बढ़ा सकते हैं, जिससे दस्त और पेट दर्द हो सकता है।

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स: सोडा और अन्य फिजी ड्रिंक्स पेट में गैस और सूजन बढ़ा सकते हैं।

जरूरत से ज्यादा मिर्च वाला या मसालेदार खाना कुछ लोग आसानी से पचा नहीं पाते हैं। इसे खाने के बाद उन्हें तुरंत पॉटी जाने की इच्छा हो सकती है।

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IBS को नियंत्रित करने के लिए क्या करें?

अगर आप अपनी इस समस्या को नियंत्रित करना चाहती हैं, तो जरूरी है कि अपनी डाइट से हाई FODMAP वाले आइटम्स को धीरे-धीरे हटाएं। इसके अलावा जरूरी है कि आप एक साथ खाना खाने की बजाय, छोटी-छोटी मील्स लें। इससे पाचन तंत्र पर कम दबाव पड़ता है। खाना हमेशा अच्छी तरह चबाकर खाएं।

how to control ibs

आपको प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स से भी लाभ हो सकता है जो आंतों के स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अगर आपको भी बार-बार फ्रेश होने की इच्छा होती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है। इसके साथ ही वे आपको डाइट में क्या बदलाव करने हैं, वो भी बताएंगे।

हमें उम्मीद है कि इस लेख से आपको आईबीएस को लेकर जरूरी जानकारी प्राप्त होगी। अगर आपको लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Freepik

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