
आज के समय में वेट लॉस के लिए महिलाएं तरह-तरह की डाइट फॉलो करना पसंद करती हैं। इनमें भी इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी ट्रेन्ड में है और पूरी दुनिया में इस डाइट का काफी क्रेज है। ऐसा माना जाता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए आप अधिक बेहतर तरीके से अपने कैलोरी इनटेक को बनाए रख सकती हैं। लेकिन अगर आपको माइग्रेन की शिकायत है तो ऐसे में आपको बेहद सोच-समझकर इंटरमिटेंट फास्टिंग करनी चाहिए।
दरअसल, फास्टिंग पीरियड में अक्सर हम कुछ ऐसी चीजें कर बैठती हैं, जो अनजाने में माइग्रेन को और बढ़ा सकती हैं। ऐसे में आपकी स्थिति बद से बदतर होती चली जाती है। मसलन, फास्टिंग पीरियड में पानी ना पीना या फिर एकदम से कैफीन को पूरी तरह से बंद कर देना आपकी सेहत पर असर डाल सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि माइग्रेन से जूझ रही महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं कर सकतीं। बस जरूरी है कि आप थोड़ी समझदारी दिखाएं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि माइग्रेन पेशेंट को इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हुए किन चीजों को करने से बचना चाहिए-
जब महिलाएं लंबे समय तक फास्टिंग करती हैं तो अक्सर अपनी फास्टिंग को तोड़ते समय वे मिठाई, मीठी चाय, या पेस्ट्री जैसी आइटम्स खा लेती हैं। उन्हें लगता है कि वह एक तय समय में ही खा रही हैं, इसलिए कुछ भी खा सकती हैं। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। जब आप दिन की शुरुआत ही मीठे के साथ करती हैं, तो इससे ब्लड शुगर एकदम से ऊपर जाता है और फिर गिरता है। जिसकी वजह से आपका माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है। शुगर गिरने से थकावट और सिरदर्द बढ़ सकता है। इसलिए, जब आप फास्टिंग तोड़ती हैं तो एक बैलेंस मील लेने की कोशिश करें, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स हों।

यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान की जाने वाली सबसे बड़ी गलती है, जिसकी वजह से बार-बार सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, जब महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग करती हैं तो ईटिंग विंडो के दौरान उनका ज्यादातर फोकस पानी पीने की जगह खाने पर होता है। वहीं अपने फास्टिंग पीरियड में उन्हें लगता है कि वह कुछ भी इनटेक नहीं कर सकतीं, जिसकी वजह से वह पानी भी अवॉयड करती हैं। लेकिन इससे आपके शरीर और माइंड दोनों पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। माइग्रेन का सबसे आम ट्रिगर डिहाइड्रेशन है। जब शरीर में पानी कम हो जाता है तो ब्लड फ्लो स्लो हो जाता है। जिसकी वजह से सिर में दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए, फास्टिंग पीरियड में भी अपना वाटर इनटेक अच्छा रखें।

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भले ही आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रही हैं, लेकिन उस दौरान आप क्या खा रही हैं, यह बहुत अधिक मायने रखता है। ईटिंग विंडो के दौरान प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड खाने से बचें। दरअसल, इनमें अक्सर एमएसजी, नाइट्रेट्स और प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं, जो माइग्रेन के ट्रिगर साबित हो सकते हैं। इसकी वजह से आपको अचानक तेज़ सिरदर्द शुरू हो जाता है। कोशिश करें कि आप घर का ताज़ा बना खाना खाएं। मैगी, चिप्स, अचार, सॉसेज वगैरह से दूरी बनाना ज्यादा बेहतर होगा।

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