डाइटिंग,एक्सरसाइज और वजन कम करने के सारे तरीके आजमाने के बावजूद आपको परिणाम मनमुताबिक नहीं मिल पा रहा है तो इसकी एक बड़ी वजह आपके आहार में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जी हां, बता दे कि आहार में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी मेटाबॉलिज्म की गति को प्रभावित करती है। वहीं मेटाबॉलिज्म की गति धीमी होने पर वजन बढ़ने की समस्या बढ़ती है, ऐसे में आप चाहें जितने भी जतन कर लें, वजन पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में वजन पर नियंत्रण पाने के लिए पहले आपको मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखना होगा। इसके लिए आपको आहार में उन पोषक तत्वों को शामिल करना होगा, जो मेटाबॉलिज्म को गति देने में सहायक होते हैं। यहां हम आपको ऐसे ही पोषक तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें कि हमने इस बारे में डाइटिशियन आकांक्षा गोयल से बात की है और उनसे मिली जानकारी आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
विटामिन डी
विटामिन डी, मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने में सहायक भूमिका निभाता है। असल में यह ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। ऐसे में शरीर में विटामिन डी की कमी से मेटाबॉलिज्म की गति धीमी पड़ सकती है। इसलिए मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए विटामिन डी की पूर्ति आवश्यक है। इसके लिए सुबह के समय कुछ वक्त धूप में जरूर बिताएं। वहीं विटामिन डी की पूर्ति में डेयरी उत्पादों के साथ ही अंडे, फैटी फिश का सेवन लाभकारी हो सकता है।
विटामिन बी12
विटामिन बी12, शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। असल में विटामिन बी12 कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन के चयापचय में सहयोगी भूमिका निभाता है। वहीं अगर शरीर में इसकी कमी हो तो कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन युक्त भोजन को पचाने में शरीर को दिक्कत होती है। वहीं पाचन के कमजोर होने से वजन बढ़ने की समस्या पेश आ सकती है। इसलिए मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखने के लिए विटामिन बी 12 की पूर्ति जरूरी है। इसके लिए दूध, अंडे, फोर्टिफाइड अनाज और ऑयली फिश का सेवन कर सकते हैं।
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आयोडीन
आयोडीन की कमी सीधे तौर पर मेटाबॉलिज्म की गति को प्रभावित करती है। असल में आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक खनिज है। इसकी कमी से हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होती है, जिससे थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम होता है। इसका सीधा असर शरीर के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और इसके कारण शारीरिक थकान और वजन बढ़ने की समस्या पेश आती है। इसलिए थायराइड हार्मोन के उत्पादन को संतुलित रखने के लिए आयोडीन की पूर्ति जरूरी है। इसके लिए आयोडीन युक्त नमक के साथ सी फूड, डेयरी उत्पाद और ब्रेड का सेवन कर सकते हैं।
आयरन
आयरन भी मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में उपयोगी पोषक तत्वों में से एक है। दरअसल, आयरन शरीर में थायराइड हार्मोन के उत्पादन और स्तर को बेहतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गौरतलब है कि थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म की गति को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। थायराइड हार्मोन की कमी के कारण मेटाबॉलिज्म की गति धीमी पड़ सकती है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म की गति में सुधार के लिए आयरन की पूर्ति आवश्यक है। इसके लिए आप अपने आहार में खजूर,अनार, मुनक्का, पालक और हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
जिंक
मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए शरीर में जिंक का संतुलित मात्रा में होना बेहद है। असल में जिंक 100 से अधिक एंजाइम का एक को-फैक्टर है, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में उपयोगी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में जिंक की कमी मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए इससे बचने के लिए बेहतर होगा आहार में जिंक युक्त आहार लें, जैसे कि काजू, पंपकीन सीड्स, नट्स, रेट मीट और सी फूड आदी।
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