प्रेगनेंसी में नॉनवेज खाना कितना सुरक्षित ?एक्सपर्ट से जानिए सही जवाब

प्रेगनेंसी में बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन की काफी जरूरत होती है, ऐसे में महिलाएं नॉनवेज को तरजीह देती हैं, लेकिन क्या प्रेगनेंसी में नॉनवेज खाना सुरक्षित है? जानते हैं एक्सपर्ट से।

Can I eat mutton in nd trimester

Non-Veg In Pregnancy:प्रेगनेंसी एक महिला की जिंदगी का सबसे खूबसूरत सफर होता है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की मानसिक और शारीरिक बदलाव का सामना करना पड़ता है। गर्भ में पल रहे बच्चे का सही विकास हो इसके लिए डॉक्टर सही खान पान खाने की सलाह देते हैं, इस दौरान सबसे ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है,और जब बात प्रोटीन की आती है तो ज्यादातर महिलाएं नॉनवेज ही प्रेफर करती हैं। अब सवाल है कि क्या प्रेगनेंसी में नॉनवेज खाना सुरक्षित है? क्या इससे सच में फायदा होता है? इन सभी सवालों का जवाब दे रही हैं डाइटिशियन प्रियंका जायसवाल।

क्या प्रेगनेंसी में नॉनवेज खाना सुरक्षित है? (Is non vegetarian food safe during pregnancy)

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एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेगनेंसी में प्रोटीन की काफी ज्यादा जरूरत होती है ऐसे में इस दौरान सीमित मात्रा में चिकन खाना फायदेमंद हो सकता है। चिकन को पचाना आसान होता है, वहीं इससे आपको प्रोटीन भी मिल जाता है। आयरन की कमी भी दूर होती है। इसमें विटामिन बी12 (विटामिन बी 12 की कमी के संकेत), विटामिन ए और जिंक जैसे भी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है।हालांकि पहली तिमाही में यानी पहले 3 महीने में नॉनवेज खाने से बचना चाहिए या फिर काफी सतर्क होकर नॉनवेज का सेवन करना चाहिए। कम पका हुआ चिकन खाने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं एक्सपर्ट प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में रेड मीट जैसे बीफ या मटन खाने की बिलकुल भी सलाह नहीं देती है,ये मां और बच्चे दोनों के लिए असुरक्षित होता है।

प्रेगनेंसी में रेड मीट खाने के नुकसान जानिए (Can I eat mutton in 2nd trimester)

pregnant women

एक्सपर्ट का कहना है कि रेड मीट यानी मटन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन( प्रोटीन का भंडार होती है ये चीज़) के साथ-साथ विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होता है,जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कर लिया जाए तो मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है।

  • प्रेगनेंसी के दौरान अगर ज्यादा मात्रा में मटन का सेवन किया जाए तो यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है, जिससे कि डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
  • मटन को पचाना आसान नहीं होता। इसे पचाने के लिए शरीर को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, वहीं प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का पाचन तंत्र धीरे काम करता है। इस वजह से पेट में दर्द, कब्ज की समस्याएं हो सकती है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि मटन को अगर सही तरीके से साफ ना किया जाए या इसे ठीक तरीके से पकाया नहीं जाए तो फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है।
  • सालमोनेला नामक बैक्टीरिया पनपने से प्रेग्नेंट महिला के शरीर में प्वाइजन फैल सकता है,जिससे गर्भपात भी हो सकता है।

प्रेगनेंसी में कैसे करें मटन का सेवन?

एक्सपर्ट बताती हैं कि कोई महिला अगर मटन का सेवन करना चाहती है तो उसे फ्रेश कटा हुआ मीट ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही मटन अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिए। एक्सपर्ट उबला हुआ और ग्रिल्ड मीट खाने की सलाह देती हैं।

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