लिवर हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है। यह खून से जहरीली चीजों को फिल्टर करता है, पाचन के लिए पित्त बनाता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और जरूरी पोषक तत्वों को जमा करता है। लिवर मेटाबॉलिज्म, हार्मोन बैलेंस, इम्यूनिटी और शरीर से गंदगी निकालने में अहम भूमिका निभाता है।
फैटी लिवर, जिसे हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहते हैं, तब होता है, जब लिवर की कोशिकाओं में फैट ज्यादा जमा हो जाता है। ऐसा अक्सर खराब खान-पान, सुस्त जीवनशैली, मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस या अल्कोहल के सेवन के कारण होता है। यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) के रूप में। यह फैटी लिवर का वह प्रकार है, जो उन लोगों में होता है, जो बहुत कम या बिल्कुल अल्कोहल नहीं पीते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो, जब लिवर को जरूरत से ज्यादा फैट मिलता है, खासकर शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स से, तो वह इसे जला या बाहर नहीं निकाल पाता और जमा करना शुरू कर देता है। समय के साथ, यह फैट लिवर को जाम कर देता है, जिससे सूजन और कोशिकाओं को नुकसान होता है। सुस्त, फैटी लिवर चुपचाप नहीं रहता है, यह आपके पाचन को बिगाड़ता है, मेटाबॉलिज्म को धीमा करता है, एनर्जी लेवल कम करता है, इम्यूनिटी को कमजोर करता है और फैट कम करना बहुत मुश्किल बना देता है।
कड़वी सच्चाई यह है कि फैटी लिवर ठीक करने के लिए हेल्दी खाना शुरू करने की नहीं, बल्कि हानिकारक चीजों को छोड़ने की जरूरत होती है। आप क्या खाते हैं, यह आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है या ठीक कर सकता है। इसलिए, आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकती है और इन चीजों को आज से ही अलविदा कह देना चाहिए। इनके बारे में हमेंडाइट और फिटनेस एक्सपर्ट टीना चौधरी बता रही हैं।
इसे जरूर पढ़ें: फैटी लिवर के साथ नजर आने वाले ये लक्षण लिवर की खराबी का देते हैं संकेत
शुगरी फूड्स और ड्रिंक्स लिवर हो सकता है फैटी
केक, पेस्ट्री, मिठाइयां, पैकेट वाले फलों के जूस और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाती हैं और लिवर द्वारा तुरंत फैट में बदल जाती हैं। ज्यादा फ्रुक्टोज, खासकर आर्टिफिशल या रिफाइंड से भरपूर चीजें NAFLD को बढ़ाने के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
सफेद कार्ब्स भी सकता है जिम्मेदार
सफेद ब्रेड, सफेद चावल, नूडल्स और मैदा से बने फूड्स जल्दी से ग्लूकोज में टूट जाते हैं, जिससे ब्लड में शुगर भर जाता है और लिवर में फैट जमा होने लगता है।
तले हुए और फास्ट फूड लिवर हो सकता है फैटी
समोसे, पकौड़े, चिप्स, बर्गर और डीप फ्राइड या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड ट्रांस फैट और ऑक्सीडाइज्ड तेलों से भरे होते हैं। इससे न सिर्फ लिवर में फैट जमा हो जाता है, बल्कि सूजन और कोशिकाओं के तनाव को भी बढ़ाते हैं।
अल्कोहल पीने से लिवर होता है फैटी
चाहे वह कभी-कभार एक गिलास वाइन हो या वीकेंड में पीना, अल्कोहल फैट के मेटाबॉलिज्म को रोकती है और लिवर के काम पर ज्यादा बोझ डालती है। फैटी लिवर, खासकर NAFLD में, कभी-कभार अल्कोहल भी नुकसान और सूजन को तेजी से बढ़ा सकती है।
रेड और प्रोसेस्ड मीट भी है दोषी
मटन, सॉसेज, सलामी, बेकन जैसे मीट में सैचुरेटेड फैट और सोडियम ज्यादा होता है, जो लिवर में फैट बढ़ाने, इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ावा देने और लिवर के ठीक होने की प्रोसेस को धीमा कर सकते हैं।
अगर आपको लिवर से टॉक्सिंस को बाहर निकालना है और अपनी एनर्जी को वापस पाना है, तो इन फूड्स को अपनी प्लेट से सबसे पहले हटाना होगा। इन्हें हटाने से लिवर को ठीक करने वाले पोषक तत्वों के लिए जगह बनती है, पाचन में सुधार होता है और आपके शरीर का नेचुरल रिपेयरिंग प्रोसेस शुरू होता है।
इसे जरूर पढ़ें: ये 3 चीजें फैटी लिवर को करती हैं स्वस्थ, एक्सपर्ट से जानें इन फूड्स के बारे में
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik & Shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों