हर व्यक्ति की ईटिंग हैबिट्स अलग होती हैं। जहां कुछ घरों में लोग सुबह के समय पोहा खाना पसंद करते हैं तो कुछ घरों में सुबह पराठा या चावल बनाए जाते हैं। यूं तो अपने नाश्ते का ऑप्शन अपने टेस्ट बड के अनुसार चुनते हैं, लेकिन अगर आप अपनी हेल्थ का भी ख्याल रखते हैं तो आपको डबल फायदा मिलता है।
इस लिहाज से अगर देखा जाए तो नाश्ते में पोहे का सेवन करना चावल की तुलना में कहीं अधिक बेहतर माना जाता है। इसे बनाना भी बेहद आसान है। साथ ही साथ, यह आपके दिन को एक किकस्टार्ट भी देता है। पोहा आयरन और कार्ब्स रिच है, जिससे आपको दिन की शुरुआत में एनर्जी मिलती है। साथ ही साथ, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्ट भी कम होता है। वहीं, चावल में सिंपल कार्ब्स पाए जाते हैं, जो आपको थोड़ा सुस्ती का अहसास करवा सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बता रही हैं, जिन्हें जानने के बाद आप भी नाश्ते में चावल की जगह पोहा खाना अधिक पसंद करेंगे-
कैलोरी होती है कम
नाश्ते में पोहा खाने का एक लाभ यह भी होता है कि आपके डेली कैलोरी इनटेक बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है। अगर आप सब्जियों का इस्तेमाल करके पोहा बनाते हैं तो एक बाउल पोहा खाने से आपको लगभग 250 कैलोरी मिलती है, वहीं अगर आप इतनी ही मात्रा में फ्राइड राइस खाते हैं तो इससे आपको 333 कैलोरी प्राप्त होती है। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो पोहा आपको कैलोरी बैलेंस को बनाए रखते हुए लंबे समय तक पेट भरा रखता है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि अगर आप पोहे में तली हुई मूंगफली डालते हैं तो इससे पोहा का कैलोरी काउंट बढ़ जाएगा।
आयरन का अच्छा स्त्रोत
आज के समय में अधिकतर लोग आयरन की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में नाश्ते में पोहा खाने से आपको बेहद लाभ मिल सकता है। दरअसल, जब चावल को प्रोसेस्ड करके पोहा बनाया जाता है तो इससे उसका आयरन कंटेंट काफी बढ़ जाता है। जो लोग एनीमिया से पीड़ित हैं, उनके लिए चावल की तुलना में पोहा यकीनन एक बेहतर ऑप्शन है। अगर आप इसे नियमित रूप से खाते हैं तो इससे आपको कभी भी आयरन की कमी नहीं होती है। पोहे का स्वाद बढ़ाने के लिए लोग नींबू का रस मिलाते हैं, जिसे आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद मिलती है।
पचाना होता है आसान
पोहा चावल की तुलना में एक लाइट फूड है। यही कारण है कि जब लोग नाश्ते में चावल खाते हैं तो उन्हें हैवी फील होता है और सुस्ती आती है। इतना ही नहीं, चावल से एनर्जी तो मिलती है, लेकिन कुछ ही समय में शरीर को थका हुआ महसूस होता है। जबकि पोहा डाइजेशन के लिए आसान होता है। इसे सुबह और शाम के नाश्ते में भी खाया जा सकता है। जब आप इसमें कुछ सब्जियां डालकर बनाते हैं तो इससे आपको कई तरह के विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं।
होता है कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
पोहा में आमतौर पर सादे चावल की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि जब आप पोहे का सेवन करते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल एकदम से स्पाइक नहीं होता है। यह धीरे-धीरे रिलीज होता है, जिससे आपको लगातार एनर्जी मिलती है। जिससे आपको लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण डायबिटीज पेशेंट भी इसे अपने नाश्ते का हिस्सा बना सकते हैं।
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