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पीएमएस में नहीं होगी परेशानी, डाइट में शामिल करें ये 5 न्यूट्रिएंट्स

48 फीसदी महिला को पीएमएस (PMS) महसूस होता है लेकिन 20 फीसदी महिलाओं को इतनी परेशानी होती है कि महिलाओं की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
Editorial
Updated:- 2024-05-27, 17:04 IST

पीरियड्स में असहजता होना तो तय है, पेट में दर्द, हैवी फ्लो, ऐंठन, चिड़चिड़ापन...ऐसा अधिकतर महिलाओं के साथ होता है लेकिन पीरियड्स आने से पहले भी ऐसे कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं जिन्हें हम पीएमएस (PMS) यानी की प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। महिलाएं इसे मासिक धर्म का एक सामान्य हिस्सा मानती हैं। महिलाओं को अपने मासिक चक्र शुरू होने से एक या दो हफ्ते पहले मध्यम से लेकर गंभीर लक्षण महसूस होते हैं।

48 फीसदी महिला को पीएमएस (PMS)  महसूस होता है लेकिन 20 फीसदी महिलाओं को इतनी परेशानी होती है कि  महिलाओं का दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। अगर आपको भी ऐसी ही परेशानियों से गुजरना पड़ता है तो आप इसे कंट्रोल भी कर सकती हैं। एक्सपर्ट के बताए कुछ न्यूट्रिएंट्स के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं। इससे आपको काफी बेहतर महसूस हो सकता है। इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा जानकारी दे रही हैं। आइए जानते हैं 

पीएमएस (PMS) से लड़ने में मददगार हैं ये न्यूट्रिएंट्स

 

 

 

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक पीएमएस के लक्षणों को कम करने के लिए आपको डाइट में कैल्शियम युक्त आहार शामिल करना चाहिए। यह मूड स्विंग,ऐंठन और वाटर रिटेंशन जैसी समस्याओं से लड़ने में मददगार है। इसके लिए आप डाइट में रागी, योगर्ट, तिल वगैरह का सेवन कर सकती हैं।
  • शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण भी पीएमएस के लक्षण गंभीर हो जाते हैं ऐसे में आप मैग्नीशियम युक्त आहार डाइट में शामिल करें। मैग्नीशियम गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है। पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द को रोकता है। मूड को स्थिर करता है,ब्लोटिंग की समस्या को भी कम करने में मददगार है। इसके लिए आप कद्दू के बीज,बादाम,काजू का सेवन करें।

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  • विटामिन बी6 भी पीएमएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है। पीरियड्स के दौरान होने वाले डिप्रेशन,तनाव, झुंझलाहट और स्तन में दर्द को कम करने में मददगार है। इसके लिए सबसे बढ़िया स्रोत है चिकपीस,पपीता, खरबूजा
  • विटामिन डी और ओमेगा 3 फैटी एसिड को भी डाइट में शामिल करें विटामिन डी जहां थकावट कमजोरी और मूड स्विंग को ठीक करने में मददगार है वहीं ओमेगा 3 फैटी एसिड सूज को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप सैल्मन मछली,घी,अलसी के बीज को डाइट में जरूर शामिल करें।

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Image Credit- freepik

 



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