खुल गया चिप्स के पैकेट में हवा भरे रहना का राज, आप भी जानें

अगर आपके मन में भी यही सवाल आता है कि चिप्स के पैकेट में आधी हवा क्यों भरी रहती है? तो इसके पीछे एक रोचक तथ्य जुड़ा हुआ है।

why chips packet is full by air main

जब भी बीस रुपये का चिप्स का पैकेट मार्केट से खरीदते हैं तो उसमें चिप्स से ज्यादा हवा भरी रहती है। कभी-कभी इस आधे पैकेट में हवा भरी देखकर काफी कोफ्त होती है। क्योंकि बीस रुपये के पैकेट में मुश्किल से भी बीस चिप्स नहीं होते हैं। जिसके बाद मन में यही सवाल आता है कि आखिर हमने ये पैकेट खरीदा क्यों और ये बेचते ही क्यों है?

क्योंकि यह तो एक तरह से ठगना हुआ।

अगर आपके मन में भी यही सवाल आता है कि चिप्स के पैकेट में आधी हवा क्यों भरी रहती है? तो इसके पीछे एक रोचक तथ्य जुड़ा हुआ है। लेकिन आपको इन सवालों के साथ एक सवाल और भी खुद से पूछना चाहिए कि इन पैकेट में कौन सी हवा भरी रहती है। क्योंकि शायद आप भी यही मानती होंगी कि इन पैकेट्स में नॉर्मल हवा मतलब की ऑक्सीजन भरी होती है। अगर ऐसा है तो आप गलत हैं। क्योंकि इन पैकेट्स में नाइट्रोजन गैस भरी होती है।

अब चलिए जानते हैं कि इन पैकेट्स में हवा क्यों भरी होती है? इसके पीछे तीन थ्योरीज़ हैं।

पहली थ्योरी: चिप्स को टूटने से बचाने के लिए

why chips packet is full by air inside

चिप्स या किसी भी तरह के कुरकुरे व स्नैक्स पॉलीथीन पैकेट में आते हैं। इन पैकेट की एक खासियत होती है कि ये जब नहीं खुले रहते हैं तो कभी भी दबते नहीं है। ऐसा इनमें भरी हवा के कारण होता है। पहली थ्योरी के अनुसार आलू या किसी और से बने चिप्स को टूटने से बचाने के लिए इसमें गैस भरी जाती है। अगर पैकेट में हवा नहीं होगी, तो चिप्स के पैकेट दब जाएंगे और टूटने लगेंगे। टूटने से बचाने के लिए ही चिप्स बेचने वाली कंपनी Pringles ने पैकेट के बजाय कैन यानी टिन/प्लास्टिक के डिब्बों में चिप्स बेचने शुरू कर दिए। पैकेट के मुकाबले कैन में चिप्स कम टूटते हैं। (Read More:घर पर है पार्टी तो मिनटों में घर पर बनाएं आलू चीज़ नेगट्स)

दूसरी थ्योरी: बैक्टीरिया से बचाने के लिए

why chips packet is full by air inside

दूसरी थ्योरी साइंटिफकली प्रूफ है और इससे आप भी सहमत होंगे। ऑक्सीजन एक रिएक्टिव गैस होती है। ये किसी भी चीज के मॉलिक्यूल यानी कणों के साथ बहुत जल्दी घुल जाती है। फिर वो चाहे खाने की चीजें हों या धातु की कोई भी चीज। ऑक्सीजन जब इन चीजों के साथ रिएक्ट होती है तो इनमें बैक्टीरिया वगैरह पनपने लगते हैं। वहीं अगर आप चीजों को खुले में रखती हैं तो भी वे खराब हो जाते हैं। इसलिए इन चिप्स को पैकेट में भरा जाता है और फिर पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।

नाइट्रोजन कम रिएक्टिव गैस है, जो बैक्टीरिया और दूसरे कीटाणुओं को बढ़ने से रोकती है। 1994 की एक स्टडी में दावा भी किया गया है कि नाइट्रोजन स्नैक्स को लंबे समय तक क्रिस्पी बनाए रखती है। इसलिए चिप्स सीलते भी नहीं है।

तीसरी थ्योरी: मार्केटिंग पर आधारित

why chips packet is full by air inside

तीसरी थ्योरी मार्केटिंग थ्योरी पर आधारित है, जो सीधे-सीधे हम इंसानों की प्रवृत्ति से जुड़ी है। इंसानों की मान्यता है कि जब हम हवा से भरा पैकेट खरीदते हैं तो वे ज्यादा क्रिस्पी और क्रंची होते हैं। इंसान की इसी मान्यता को भुनाते हुए मार्केटिंग की तरह यूज़ किया गया। हवा से कस्टमर के दिमाग में ये भ्रम पैदा करने की कोशिश की जाती है कि वो जितना पैसा दे रहा है, उससे ज्यादा की चीज पा रहा है। इसलिए चिप्स के पैकेट में हवा भरी जाती है। (Read More:महंगे nacho chips को घर पर बनाने की आसान रेसिपी जानिए)

सांस लेने की हवा में भी नाइट्रोजन

जाते-जाते आपको ये बी बताते चलें कि जिस हवा में आप सांस लेती हैं उसमें भी नाइट्रोजन होता है। हवा में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीज़न, 0.03% कार्बनडाई ऑक्साइड और बाकी बची हुई गैसें हैं। वायु में मौजूद नाइट्रोजन को निष्क्रिय या अनरिएक्टिव गैस की कैटेगरी में रखा जाता है।

Recommended Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP