देश से बाहर भी मिलेगा घर जैसा स्वाद, भारत से मिलती-जुलती है इन देशों की कुजीन

हमारे भारतीय खाने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता! यही आपको भी लगता है न जब आप विदेश की सैर करते हैं। खैर, आज हम आपको बताने वाले हैं ऐसे देशों के बारे में जिनका कुजीन और हमारे देसी खाने में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। 

 
Global Cuisines Similar With Indian Cuisine

एक बात तो हर भारतीय बिल्कुल गर्व से बोलता है कि हमारे देसी खाने से बेहतर कुछ नहीं होता है। हम भले ही हफ्ते में 2 बार बाहर का बर्गर-पिज्जा खा लें, लेकिन दिल तभी मानता है जब घर की दाल-रोटी मिले। कई सारे ट्रैवलर्स तो यही मिस करते हैं। आप किसी दूसरे देश में घूमने चले जाएं, वहां दो-चार दिन बाहर का खाना काया जा सकता है, लेकिन फिर आपको अपने घर का खाना याद आता है।

हमारे यहां के तीखे मसाले, चटपटा स्वाद, न सिर्फ स्वाद में अच्छा है, बल्कि मन को भी संतुष्ट करता है। हम बाहर जाकर भी ऐसे खाने की तलाश करते हैं, जो थोड़ा बहुत भारतीय कुजीन से मिलता है। कहा जा सकता है कि हमारे टेस्ट बड्स इतने देसी हैं कि हमारे दिल में उन्हीं इंटरनेशनल डिशेज की जगह होती है, भारतीय खान-पान के समान हों।

ऐसे कई देश भी हैं, जिनके मसाले तो कुछ डिशेज भारतीय खाने की तरह ही हैं। आपने मैक्सिकन कुजीन के बारे में सुना होगा, वैसे ही कई देश हैं, जहां जाकर आप भारतीय खाने का स्वाद थोड़ा-बहुत ले सकते हैं आइए आपको उन देशों के बारे में बताएं जिनके खाने में आपको भारत के मसालों जैसा स्वाद मिलेगा।

1. मैक्सिकन कुजीन

mexican cuisine

मुझे मैक्सिकन शायद इसी वजह से पसंद है, क्योंकि उनका और हमारा खान-पान काफी एक जैसा है। हम रोटी बनाते हैं और वो मक्के के आटे से बने टॉर्टिला का मजा लेते हैं। दोनों ही एक जैसे हैं, बस टॉर्टिला थोड़ी-सी क्रिस्पी होती है। इसके अलावा, जिस तरह से हम लोग बीन्स, चावल, कॉर्न आदि का इस्तेमाल करते हैं। वैसे ही वे लोग भी इन चीजों से बनी चीजें खाते हैं।

अगर कभी आपने मैक्सिकन बीन्स का स्वाद चख लिया, तो आपको यही लगेगा कि आप भारतीय राजमा का आनंद ले रहे हैं। मैक्सिकन पिंटो बीन्स एक ऐसी रेसिपी है, जिसमें बीन्स, टमाटर, प्याज, लहसुन और मसालों का स्वादिष्ट संगम होता है और यह बिल्कुल राजमा करी की तरह लगती है। हम भारतीय जिस तरह से रोल या शवरमा का आनंद लेते हैं, उनके यहां ठीक वैसे ही बरिटो का मजा लिया जाता है। हमारी बनाई गई हरी चटनी और उनके ग्वाकामोले में बस एवोकाडो का ही अंतर है, बाकी बनती वो भी हरी चटनी की तरह है।

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2. श्री लंकन कुजीन

श्रीलंकाई व्यंजनों की बात करें, तो यह आपको साउथ इंडियन डिशेज के समान लगेंगे। इनका स्वाद भी काफी हद तक वैसा ही होता है। दक्षिण भारत में चावल खूब खाया जाता है। ठीक वैसा ही, श्रीलंकन कुजीन में आपको देखने को मिलेगा। अधिकांश मेन्यू में आपको चावल और करी ही नजर आएगी।

आपको बता दें कि श्रीलंका में चावल की लगभग 15 लोकल किस्में पाई जाती हैं, जिनका उपयोग उबले हुए चावल, हॉपर और डोसा जैसी विभिन्न प्रकार की राइस-बेस्ड डिशेज बनाने में किया जाता है। इसी तरह से जैसे साउथ इंडिया में नारियल का इस्तेमाल ज्यादा होता है, वैसे ही श्रीलंकाई खाने में नारियल और तीखे मसालों से सीफूड तैयार होता है। वे लोग नारियल के दूध, कद्दूकस किए हुए नारियल आदि से अपनी डिशेज बनाते हैं, जो खाने को एक रिच फ्लेवर देता है।

3. मोरक्कन व्यंजन

moroccon cuisine

भारतीय घरों में मिट्टी के बर्तनों का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। गावं-देहात में आज भी लोग मिट्टी के बर्तन में खाना बनाते हैं। इसी तरह मोरक्को के लोग खाना पकाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते हैं। हमारे यहां चिकन और गोट मीट ज्यादा खाया जाता है और मोरक्कन्स भी चिकन और मीट ज्यादा पसंद करते हैं।

इतना ही नहीं, वे ये दोनों डिशेज खासतौर से मिट्टी के बर्तन में तैयार करते हैं। इससे मिट्टी का फ्लेवर खाने में आता है और खाने को अच्छा फ्लेवर देता है। आपको जानकर शायद हैरानी हो, लेकिन भारतीय व्यंजनों की तरह, मोरक्को के व्यंजनों में भी हल्दी पाउडर, अदरक और जीरा पाउडर जैसे मसाले शामिल होते हैं। अगर हम मीटबॉल्स खाते हैं, तो वे लोग ठीक उसी तरह की एक डिश केफ्ता टैगिन बनाते हैं। इसमें मीटबॉल्स को टमाटर की ग्रेवी में पकाया जाता है।

4. मिडल ईस्टर्न कुजीन

भारतीय मसालों का इस्तेमाल गल्फ देशों में बहुत ज्यादा किया जाता है। हमारे घरों में जिस तरह से हल्दी, जीरा, इलायची, केसर, धनिया, अदरक, करी, गरम मसाला, दालचीनी, स्टार ऐनीज़ और मिर्चों का उपयोग होता है, ठीक यही मसाले मिडल ईस्टर्न देशों में भी इस्तेमाल होते हैं। फलाफल और कबाब, बिल्कुल हमारे देश में बनने वाले कबाब की तरह होते हैं।

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उनके यहां छोले से बनी हम्मस का इस्तेमाल ज्यादातर डिशेज के साथ साइड डिश में किया जाता है। अब जैसे हमारे यहां चिकन बिरयानी पसंद की जाती है। मिडल ईस्टर्न देशों में ऐसे ही कबसा नाम की डिश बनाई जाती है। हमारे भरवा पराठे और उनके मुत्तबाक लगभग एक ही हैं। चावल के साथ जिस तरह हम दाल खाते हैं, गल्फ अरब में लोग चावल के साथ मर्ग खाते हैं। मेन कोर्स में जिस तरह चावल एक मेन डिश है, वैसे ही वहां भी होता है।

इसी तरह कुछ ग्रीक, बाहरेन, थाई और मेलशियन आदि कुछ कुजीन ऐसी हैं, जो भारतीय कुजीन से काफी मिलती-जुलती है। कभी आप इन देशों में जाएं, तो आप भारतीय खाने को ज्यादा मिस नहीं करेंगे। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

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