
Amala Murababa Making Tips: सर्दी का मौसम आते हैं बाजार में आंवला बिकने शुरू हो जाते हैं। आंवला न केवल एक सुपरफूड है, जो विटामिन सी से भरपूर होता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, त्वचा और बालों को स्वस्थ रखना और पाचन में सुधार करना है। अब इसके लिए अक्सर मम्मियां आंवले की अलग-अलग रेसिपी बनाती हैं। इसमें आंवला मुरब्बा एक पारंपरिक डिश है, जो ठंड के मौसम में अधिकतर भारतीय घरों में बनाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि इसे अक्सर पूरे साल के लिए बनाकर स्टोर किया जा सकता है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि इतनी मेहनत से बनाया गया मुरब्बा साल भर तो क्या, कुछ ही महीनों में खराब होने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो बता दें कि इसके पीछे का मुख्य कारण कुछ छोटी-छोटी गलतियां होती हैं, जिन्हें अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं। नीचे जानिए उन गलतियों के बारे में-

मुरब्बा जल्दी खराब होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि आंवले के कड़ेपन को ठीक से दूर नहीं किया जाता। आंवले में नेचुरल रूप से कड़वाहट होती है और अगर इसे उबाल कर सीधे चीनी की चाशनी में डाल दिया जाए, तो यह चाशनी को पतला कर देता है, जिससे इसे स्टोर ठीक से नहीं हो पाता।
सुधार- मुरब्बा बनाने से पहले, आंवले को चूने के पानी में कम से कम 18 से 24 घंटे तक भिगोएं। चूने का पानी आंवले की कड़वाहट और कड़ेपन को खत्म करता है और उसे टूटने से बचाता है, जिससे चाशनी की क्वालिटी बनी रहती है।इसके बाद चूने के पानी से निकालने के बाद आंवले को साफ पानी से अच्छी तरह धोना न भूलें।
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मुरब्बे को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का काम चाशनी करती है। चाशनी को कम पकाना या उसमें पानी की मात्रा का ठीक से ध्यान न रखना।
सुधार- चाशनी को बनाते समय इसे तब तक पराएं, जब तक वह कम से कम एक तार की चाशनी न बन जाए। अगर मुरब्बा रखने के बाद चाशनी पतली लगे, तो आप केवल चाशनी को निकालकर दोबारा गाढ़ा करके फिर से मुरब्बे में मिला सकते हैं।

मुरब्बा बनाते वक्त आप चाहे कितनी भी मेहनत कर लें, लेकिन अगर स्टोर करते समय आपने एक छोटी सी गलती कर दी तो यह आपकी पूरी मेहनत पर पानी फेर सकता है। आमतौर पर लोग इसे स्टोर करने के लिए किसी भी साधारण या हल्के धुले हुए बर्तन का उपयोग करना। पर ऐसा बिल्कुल भी न करें।
सुधार- मुरब्बे को हमेशा सूखे और स्टरलाइज्ड कांच के जार में ही रखें। जार को गर्म पानी से धोएं। फिर इसे अच्छे से पूरी तरह सुखा लें। यह जार में मौजूद किसी भी बैक्टीरिया या नमी को खत्म कर देता है।
यह सबसे आम गलती है जो मुरब्बे को खराब करती है। मुरब्बे में किसी भी तरह की बाहरी नमी या बैक्टीरिया का प्रवेश उसे जल्दी खराब कर देता है।
सुधार- जब भी मुरब्बा निकालना हो, तो हमेशा पूरी तरह से सूखा और साफ स्टील या लकड़ी का चम्मच इस्तेमाल करें। एक बार में उतना ही मुरब्बा निकालें जितना जरूरी हो और बाकी मुरब्बे के जार को तुरंत बंद कर दें। कभी भी उंगलियों या गीले चम्मच को जार के अंदर न डालें

चीनी सिर्फ मिठास के लिए नहीं होती, बल्कि यह मुरब्बे में मुख्य प्रिजर्व करने के रूप में कार्य करती है। स्वाद के लिए कम चीनी का उपयोग करना या आंवले के वजन के हिसाब से चीनी का उपयोग न करना।
सुधार- मुरब्बे में आंवले के वजन के बराबर या थोड़ा अधिक चीनी का उपयोग किया जाता है। सीधे शब्दों में कहे तो अगर आपके पास 1 किलो आंवला है, तो आपको कम से कम 1 किलो चीनी का उपयोग करना चाहिए।
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