खाने को कुरकुरा बनाने के लिए डीप-फ्राइंग टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाता है। गर्म तेल में खाने को डालकर सुनहरा होने तक फ्राई किया जाता है। वहीं, आज कल पैन-फ्राइड भी चलन में। ये दोनों टेक्नीक एक जैसी लगती हैं, लेकिन दोनों में अंतर है। इनमें तेल की मात्रा का फर्क होता है।
अगर आपको इनका अंतर समझ में आए, तो आपको यह समझने में भी है आसानी होती है कि किस टेक्नीक को कब इस्तेमाल किया जाना चाहिए। चलिए इस लेख में हम इन दोनों के बारे में विस्तार से जानें।
पैन-फ्राइंग में एक पैन में आवश्यकतानुसार तेल डालकर खाना पकाना शामिल है। तेल आमतौर पर पैन के केवल निचले हिस्से को कवर करता है और भोजन को एक या दो बार पलटकर पकाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दोनों तरफ से आपको सुनहरा भूरापन मिल पाए। इसमें समान रूप से कुरकुरापन पाने के लिए और आंच को मध्यम रखा जाता है।
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पैन-फ्राइंग में कम तेल की आवश्यकता होती है, जिसके कारण थोड़ा स्वस्थ व्यंजन बन सकते हैं। यह उन चीजों के लिए सही है जो नाज़ुक होते हैं और डीप फ्राइंग में टूट सकते हैं, जैसे मछली या अलग-अलग सब्जियां।
इससे बाहरी परत कुरकुरी हो जाती है, जबकि अंदर का हिस्सा रसदार और कोमल रहता है, जो स्वाद में अच्छा लगता है। चिकन ब्रेस्ट को पैन-फ्राई किया जा सकता है। इसके साथ ही फिश को अक्सर पैन-फ्राई किया जाता है। अंडे और पैनकेक बनाने के लिए भी यही टेक्नीक अच्छी होती है।
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डीप-फ्राइंग के लिए भोजन को गर्म तेल में पूरी तरह से डुबोना पड़ता है। इसमें तेल का अच्छी तरह गर्म होना जरूरी है। तेल की हीट भोजन की बाहरी परत को जल्दी से पकाती है, जिससे नमी को रोकते हुए चारों ओर एक कुरकुरी बनावट बनती है।
डीप-फ्राइंग भोजन की पूरी सतह पर एक समान कुरकुरापन होता है। तेल के हाई टेंपरेचर के कारण खाना तेजी से पकता है। फ्रेंच फ्राइज, प्याज के पकोड़े या टेम्पुरा जैसे आइटम्स को कुरकुरा करने के लिए डीप-फ्राई किया जाता है।
आप फ्रेंच फ्राइज, मोजेरेला स्टिक या पकोड़े, समोसे, ब्रेड पकोड़ा, टेम्पुरा, डोनट्स, चूरोस, आदि चीजों को डीप फ्राई करके बढ़िया कुरकुरी बनावत पाते हैं।
पैन-फ्राइंग और डीप-फ्राइंग में अंतर तेल की मात्रा का ही है। पैन-फ्राइंग में थोड़ी मात्रा में तेल का उपयोग होता है, बस पैन के तल को कोट करने के लिए पर्याप्त तेल चाहिए होता है। डीप-फ्राइंग के लिए भोजन को पूरी तरह से तेल में डूबा होना चाहिए।
कम तेल के कारण पैन-फ्राइंग में ज्यादा वक्त लग सकता है। पैन-फ्राइड आइटम्स में व्यंजन बाहर से कुरकुरा और अंदर से नरम होता है। डीप-फ्राइंग से पूरे आइटम में एक समान कुरकुरी बनावट मिलती है। पैन-फ्राइंग में कम तेल अब्सॉर्ब होता है, जिससे यह थोड़ा लाइट बन जाता है।
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जब भी आप फिश, चिकन ब्रेस्ट, स्ट्राइप्स, स्टर-फ्राई, आदि डिशेज बनाएं, तो पैन-फ्राइंग टेक्नीक ही चुनें। यह डिश को खराब किए बिना कुरकुरा और बढ़िया स्वाद प्रदान करती है।
ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें एक समान, कुरकुरे कोटिंग की आवश्यकता होती है, जैसे फ्रेंच फ्राइज, चिकन विंग्स, समोसे, आदि, उन्हें तेल में तलना चाहिए। साथ ही, अगर आपको ज्यादा मात्रा में भोजन पकाना या फ्राई करना है, तो डीप-फ्राइंग अधिक बढ़िया विकल्प है।
पैन-फ्राइंग और डीप-फ्राइंग दोनों ही खास टेक्नीक है। आपको इन दोनों में से कौन-सी टेक्नीक ज्यादा पसंद है, हमें कमेंट करके बताएं। यदि आपको यह लेख पसंद आया, तो इस लेख को लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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