राजमा एक ऐसी फली है जो भारत में बहुत ज्यादा पसंद की जाती है। राजमा चावल के तो लोग दीवाने हैं। इसे अंग्रेजी में किडनी बीन्स कहते हैं और इसका यह नाम इसके विशेष आकार से मिलता है। कई लोगों के लिए राजमा चावल एक कंफर्ट फूड है और शायद यही वजह है कि आपको हर राज्य के रेस्तरां और ढाबे में मिलेगा।
ये बीन्स प्रोटीन का भंडार हैं और रेड मीट की जगह आप इन्हें अपनी मील में शामिल कर सकते हैं। क्या आपको पता है कि एक कप राजमा 15 ग्राम प्रोटीन प्रदान करता है।
लेकिन राजमा बनाते वक्त या कहीं और खाते वक्त आपने कभी इसके रंग पर गौर किया है? क्या आप जानते हैं कि राजमा कई तरह के होते हैं? जी हां, कुछ राजमा लाल रंग के होते हैं और बनने के बाद वैसे ही होती है। कुछ राजमा का रंग थोड़ा हल्का होता है और पकने के बाद उनका रंग भी हल्का लाल होता है। अगर आपको न पता हो तो बता दें कि राजमा के लगभग 15 प्रकार होते हैं। चलिए आज आपको 4 तरह की राजमा के बारे में बताएं।
लाल राजमा
यह राजमा आपने खूब खाई होगी। बाजारों में यह लाल राजमा ज्यादा मिलती है। लाल राजमा आयरन से भरपूर और बहुत रेशेदार होता है। लाल राजमा असाधारण रूप से थोड़ा हार्ड होता है और पकाए जाने पर भी अपना आकार बनाए रखता है। जब आप राजमा पके हुए लाल राजमा की बनावट सख्त और गाढ़ी होती है। इसे भी बनाने से पहले रात को भिगोना पड़ता है।
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चित्रा राजमा
इस प्रकार के राजमा का नाम हिंदी शब्द चित्र से लिया गया है। इस फली पर लाल और सफेद रंग की लाइन होती है जो आपको सारी राजमा में दिखेगी, इसलिए इसका नाम चित्रा पड़ा है। यह वैसे सफेद होती है और इसमें लाल लाइन बनी होती है। ये फलियां हिमालय की तलहटी में ज्यादा उगाई जाती हैं और वहीं से भारत के बाकी क्षेत्रों तक पहुंचती है। यह लाल राजमा की तुलना में जलती पक जाती है और इसमें प्रोटीन और विटामिन की मात्रा बहुत अच्छी होती है (राजमा खरीदने के टिप्स)।
जम्मू राजमा
इस राजमा का रंग बहुत लाल गहरा रंग का होता है। यह राजमा कश्मीर में उगाई जाती है इसलिए इसे जम्मू नाम दिया गया है। लाल राजमा और यह काफी एक समान दिखते हैं। साथ ही इनका टेक्सचर काफी ग्लॉसी होता है। कश्मीर की अन्य फेमस चीजों की तरह-केसर, कश्मीरी मिर्च और सेब आदि जैसे ही यहां की राजमा भी काफी लोकप्रिय है। इसका स्वाद पकने के बाद लाल राजमा के समान होता है, लेकिन इसकी अपनी एक अच्छी और फ्लेवरफुल खुशबू होती है।
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पिंटो बीन्स
इस तरह की फली का इस्तेमाल भारत के बाहर होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह भारत में नहीं मिलती है। इसका रंग भी थोड़ा पिंकिश व्हाइट होता है यह राजमा बाकी राजमा की तुलना में छोटी होती है। राजमा में एक डेंस स्ट्रक्चर होता है और इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है। लेकिन पिंटो बीन्स और पिंटो राजमा का टेक्सचर थोड़ा क्रीमी होता है और अर्थी फ्लेवर होता है। आकार में भिन्नता के कारण, इन बीन्स को पकाने में लगने वाला समय भी अलग होता है। बाकी राजमा को आपको रातभर भिगोकर बनाना पड़ता है, लेकिन यह कुछ कुकर की सीटी में आसानी से पक जाती है (दाल का स्वाद बढ़ाने के टिप्स)।
आपके घर में इनमें से कौन-सी राजमा बनती है और कौन-सी राजमा आपको एक बार टेस्ट करनी है, हमें जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। इसी तरह अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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