ठंडा पानी पीने के लिए या एस्थेटिक के लिए मिट्टी का मटका क्या आपके किचन की शान भी बढ़ा रहा है? आपको पता है मटका पानी को कितने नेचुरल तरीके से ठंडा करता है। इसे इस तरह से बनाया जाता है, जो मिट्टी के प्राकृतिक नेचर का अच्छी तरह से उपयोगी करता है। ऐसा कहा जाता है कि मिट्टी का मटका पाचन के लिए अच्छा होता है और गले को भी राहत देता है।
मगर क्या आप जानती हैं कि इस साधारण से दिखने वाले मटके को भरने और उसके रखरखाव में भी कुछ ऐसी गलतियां हो सकती हैं, जो इसकी कार्यक्षमता पर असर डाल सकती हैं? हम अक्सर सोचते हैं कि मटके में पानी भरना कौन-सा मुश्किल काम है, लेकिन कई बार हमारी छोटी-सी लापरवाही मटके को खराब कर सकती है।
मटके में पानी भरने का सही तरीका क्या है यह आप उसे बनाने वाले से जान सकती हैं। पिछले दिनों एक दोस्त के साथ दिल्ली के उत्तम नगर स्थित कुम्हार गली जाने का मौका मिला था। मेरी सहेली को घर के लिए मिट्टे के बर्तन लाने थे। उसी दौरान हमारी बात प्रतीक कुमार से हुई जिनकी दुकान इस गली में पिछले 30 वर्षों से है। आज भी वे बर्तन, घड़े और दीये बनाते हैं। उन्होंने ऐसे टिप्स बताए जो मिट्टी ठंडा बनाने में मदद करेंगी। आइए आप भी इस लेख में उनके टिप्स जानें।
मटका पहली बार इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें ये बातें-
जब आप एक नया मटका खरीदने जाती हैं, तो सिर्फ उसकी बनावट या रंग पर ही न जाएं। प्रतीक कुमार का कहना है कि मटके की क्वालिटी उसकी आवाज से पता चलती है। "जब आप मटके पर हल्के से उंगली मारें, तो उसमें से एक गहरी और भारी आवाज आनी चाहिए। अगर आवाज खोखली या हल्की लगे, तो समझो मटके में दरार या कमी हो सकती है।"
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मटके में पानी भरते हुए ध्यान रखें ये बातें-
नया मटका घर लाने पर उसे तुरंत पानी से नहीं भरना चाहिए। सबसे पहले मटके को अंदर और बाहर से साफ पानी से अच्छी तरह धो लें ताकि कोई धूल या मिट्टी के कण उसमें न रहें।
इसके बाद, मटके को कम से कम 24 घंटे के लिए पानी से भरी एक बड़ी बाल्टी या टब में पूरी तरह डुबो कर रखें। इससे मिट्टी के छोटे छेद पानी को सोख लेंगे और मटका लंबे समय तक ठंडा पानी देगा। 24 घंटे बाद, मटके को बाहर निकालकर सूखने दें। इसके बाद ही इसमें पीने का पानी भरें।
मटके को भरने का सही तरीका क्या है?
प्रतीक कुमार कहते हैं कि मटके को भरने का तरीका बहुत ज्यादा जरूरी है। कई लोग सीधे नल से तेज धार में पानी भरते हैं, जो मटके की मिट्टी पर दबाव डालता है। उन्होंने बताया, "मटके में पानी हमेशा धीरे-धीरे और सावधानी से भरना चाहिए। तेज धार से मिट्टी के छेद को नुकसान पहुंच सकता है और इससे पानी टपकने की समस्या हो सकती है।"
मटके को भरने के बाद ऐसी जगह पर रखें जहां सीधी धूप न पड़ती हो और हवा अच्छी तरह से सर्कुलेट हो। रसोई में ऐसी जगह चुनें जहां तापमान बहुत ज्यादा न बढ़ता हो। इससे पानी दिन भर ठंडा रहता है।
मटके को साफ करते समय न करें ये गलतियां-
- प्रतीक कुमार कहते हैं कि कई लोग मटके को घिसकर या साबुन से धोते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। मिट्टी की प्रकृति पोरस (छेद वाली) होती है और साबुन के कण मिट्टी में घुसकर पानी के स्वाद को बिगाड़ सकते हैं।
- मटके को हर 3-4 दिन में खाली करके अंदर से अच्छी तरह साफ करना जरूरी है। वह कहते हैं कि पानी से 3-4 बार धोकर और फिर कपड़े से पोंछना उसे काफी है।
- अगर आपको मटके के अंदर काई दिखने लगे, तो उसे तुरंत साफ करें। इसके लिए मटके को नींबू का एक टुकड़ा इस्तेमाल करके साफ करें। इसके बाद पानी से अच्छी तरह धो लें।

मटके की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के टिप्स-
- अगर आप रोज मटके से पानी निकाल रहे हैं, तो रोजाना या हर दूसरे दिन पानी बदलें। इससे पानी ताजा और ठंडा रहेगा।
- मटके में कभी भी गर्म या गुनगुना पानी न भरें। इससे मिट्टी को नुकसान पहुंचता है और ठंडा होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
- मटके के नीचे एक प्लेट या ट्रे रखें, क्योंकि मटका अक्सर पानी सोखकर नमी छोड़ता है।
अब बताइए इन सभी पॉइंट्स में से आपको कितने पॉइंट्स पता थे? अब अगली बार जब आप मटके में पानी भरें, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
हमें उम्मीद है कि ये टिप्स आपके काम आएंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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