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what is hathi kan poori ()

क्या है 'हाथी कान पूड़ी', जो खासतौर पर बिहारी और पूर्वांचल की शादियों में बनाई जाती है

शादी-ब्याह में कई तरह के भोजन और पकवान बनाए जाते हैं। सभी राज्य में कई तरह के पारंपरिक व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। ऐसे ही एक पारंपरिक व्यंजन के बारे में आज हम आपको बताएंगे। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-11-03, 14:12 IST

शादी ब्याह में तो आप सभी जाते ही होंगे। सभी राज्य और जाति के लोगों की अपनी-अपनी अलग-अलग परंपरा और रीति रिवाज होती है। लोग अपनी-अपनी परंपरा और रीति रिवाज के अनुसार ही शादी ब्याह में भोजन और पकवान भी बनवाते हैं। ऐसे कई पकवान और व्यंजन हैं जो खास तोर पर शादियों में ही बनाए जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे ही व्यंजन के बारे में बताएंगे जो विशेष रूप से शादियों में बनाई जाती है। 

बिहार का लिट्टी-चोखा, दही-चूड़ा और ठेकुआ के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। लेकिन क्या आप हाथी कान पूड़ी के बारे में जानते हैं। नाम सुनकर ही शायद अजीब लग रहा होगा, लेकिन बता दें कि यह बिहार और उत्तरांचल का प्रसिद्ध व्यंजन है, जो कि बिहारी शादियों में भोज के लिए बनाया जाता है। यह हाथी कान पूड़ी बिहार के भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, छपरा, सिवान, गोपालगंज में प्रचलित है या इन क्षेत्रों में खाया जाता है। 

हाथी कान पूड़ी कैसे बनाया जाता है

hathi kan poori

हाथी कान पूड़ी को एक खास तरीके से पकाया जाता है। आटे की नरम और बड़ी लोई को गोल करके हाथ और बेलन की मदद से गोल आकार दिया जाता है। बहुत से लोग इसे हाथों से पीट पीटकर ही बड़े आकार में बेल लेते हैं, तो कुछ लोग इसे बेलन (चौकी बेलन) से बेलकर बड़ा आकार देते हैं फिर तेल में तलकर खाने के लिए परोसते हैं। हाथी कान पूड़ी भोजपुर जिले के गावों में होने वाली शादी और खास अवसर एवं समारोह में जरूर परोसा जाता है। भोज के अवसर पर इस हाथी कान पूड़ी को जरूर परोसा जाता है। बता दें कि बिहार के लिट्टी चोखा, ठेकुआ और दही चूड़ा को जो लोकप्रियता मिली है वो पहचान हाथी कान पुड़ी को नहीं मिल पाई है।

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क्यों कहा गया हाथी कान पूड़ी

hathi kan poori recipe

बिहार की शादी और समारोह के मुख्य भोजन में से एक हाथी कान पूड़ी का नाम इसके साइड और आकार के कारण पड़ा। दरअसल जहां साधारण पूड़ी एक हथेली भर होती है वहीं यह हाथी कान पूड़ी किसी बड़े परात, सूप और हाथी के कान जितनी बड़ी होती है, इसलिए इस पुड़ी को हाथी कान पूड़ी का नाम दिया गया है। हाथी कान पूड़ी आकार में इतना बड़ा होता है कि इसमें 3-4 छोटी पूड़ियां आराम से आ जाएगी। हाथी कान पूड़ी को कद्दू (खट्टी मीठी कद्दू की कढ़ी), गुड़, हींग और सब्जी के साथ परोसा जाता है और इसे खाने के लिए लौकी का रायता और हरी मिर्च भी परोसा जाता है।

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Image Credit: Freepik

 

 

 

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