
दिवाली का त्योहार सिर्फ दीयों और मिठाइयों का नहीं, बल्कि पारंपरिक खानपान का भी है। हर घर में कुछ खास व्यंजन बनाए जाते हैं, जो इस दिन शुभ माने जाते हैं। इन्हीं में से एक है जिमीकंद। इसे कई जगहों पर सूरन, ओल, ओलू या कांद भी कहा जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे दिवाली के मौके पर खास तौर से बनाया जाता है। माना जाता है कि जिमीकंद धन और समृद्धि का प्रतीक है।
साथ ही, ये स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद है। इसमें फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो डाइजेशन और इम्युनिटी दोनों को मजबूत बनाते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि दिवाली में जिमीकंद क्यों खाया जाता है और इससे कौन-कौन से व्यंजन बनाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं-
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माना जाता है कि जिमीकंद को जमीन से निकालने के बाद भी इसकी जड़ें मिट्टी में रह जाती हैं, जिससे नई फसल उग आती है। यही कारण है कि इसे समृद्धि और बढ़ोतरी का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जैसे जिमीकंद कभी सड़ता नहीं और बार-बार उगता है, वैसे ही घर में भी लक्ष्मी कभी कम न हो और सुख-समृद्धि बनी रहे। कई जगहों पर इसे लक्ष्मी पूजन के समय रखा जाता है ताकि साल भर धन-धान्य की वृद्धि हो। साथ ही, जिमीकंद में मौजूद औषधीय गुण शरीर को स्वस्थ रखते हैं और त्योहारों में भारी भोजन के बाद डाइजेशन में मदद करते हैं।
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सबसे क्लासिक और फेमस डिश जिमीकंद की सब्जी ही है। उबले हुए जिमीकंद को फ्राई करें और प्याज-टमाटर की मसालेदार ग्रेवी में पका लें। ऊपर से हरा धनिया डालें। गरमा-गरम रोटी या पराठे के साथ लाजवाब जिमीकंद की सब्जी सर्व करें।
उबले हुए जिमीकंद को छीलकर मैश करें। सरसों के तेल में प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च के साथ भून लें। अब इसमें नमक, नींबू और चाट मसाला मिलाकर स्वादिष्ट चोखा तैयार करें। ये सभी को खूब पसंद आएगा।
आप दिवाली के मौके पर जिमीकंद टिक्की भी बना सकती हैं। मैश किए हुए उबले जिमीकंद में बेसन और मसाले डालें। टिक्की का आकार देकर शैलो फ्राई करें। हरी चटनी या दही डिप के साथ सर्व करें।
त्योहार के मौके पर जिमीकंद चिप्स चाय के साथ एक बेहतरीन स्नैक्स हो सकता है। इसे बनाने के लिए जिमीकंद को पतले स्लाइस में काटें, नमक और लाल मिर्च छिड़कें, फिर एयर फ्रायर या तेल में कुरकुरा होने तक तल लें। आलू चिप्स से ज्यादा हेल्दी और स्वाद में भी ये शानदार होता है।
जिमीकंद को पहले उबाल लें, फिर सरसों के तेल में जीरा, लहसुन और सूखे मसाले डालकर फ्राई करें। इसका स्मोकी स्वाद इसे और खास बनाता है।
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आप जिमीकंद से कोफ्ता भी बना सकती हैं। कद्दूकस किए हुए जिमीकंद में बेसन और मसाले मिलाकर कोफ्ते बनाएं। इन्हें तलकर प्याज-टमाटर की ग्रेवी में पकाएं। चावल या रोटी, पूड़ी और पराठे के साथ ये परफेक्ट ही लगती है।
उबले जिमीकंद को आलू और मसालों के साथ मिक्स करें, कटलेट का शेप देकर फ्राई कर लें। ये शाम की चाय के लिए बेहतरीन स्नैक्स हो सकता है।
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दिवाली पर जिमीकंद खाना सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि शुभता, स्वास्थ्य और स्वाद का मेल है। इस बार जब आप दीयों से घर सजाएं, तो थाली में जिमीकंद का कोई व्यंजन जरूर जोड़ें। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- Freepik/AI-Generated
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